चीन के पूर्ण एकीकरण का ऐतिहासिक कार्य अवश्य पूरा होगा !

2021-10-09 20:08:41

“चीन के पूर्ण एकीकरण का ऐतिहासिक कार्य अवश्य पूरा होगा, अवश्य ही साकार किया जा सकेगा !”9 अक्तूबर को सन् 1911 शिनहाई क्रांति की 110वीं वर्षगांठ के स्मृति समारोह में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भाषण देते हुए यह बात कही, जिसने राष्ट्रीय संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। पेइचिंग के जन बृहद में प्रतिनिधियों ने इस दौरान लगातार तालियां बजायीं, जाहिर है कि राष्ट्रपति की यह घोषणा चीनी राष्ट्र की साझा आकांक्षाओं को दर्शाती है।

पूर्ण राष्ट्रीय एकीकरण की प्राप्ति चीनी राष्ट्र के मूल हितों से संबंधित है, और इसके साथ ही यह सन् 1911 में शिनहाई क्रांति का अधूरा कार्य भी है। 110 साल पहले, सुन यात-सेन के प्रतिनिधित्व वाले क्रांतिकारी लोगों ने शिनहाई क्रांति करके छिंग राजवंश के शासन को उखाड़ फेंक कर चीन में हज़ारों वर्षों से जारी निरंकुश राजशाही व्यवस्था को खत्म किया और चीन की भूमि पर एशिया में पहला गणतंत्र देश स्थापित किया। लेकिन ऐतिहासिक प्रक्रिया और सामाजिक परिस्थितियों की बाधाओं के कारण 1911 शिनहाई क्रांति राष्ट्रीय स्वतंत्रता और जन-मुक्ति प्राप्त करने के ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में विफल रही, और न ही इसने राष्ट्रीय एकीकरण के मुद्दे को हल किया।

शिनहाई क्रांति अग्रदूतों की अंतिम इच्छा के उत्तराधिकारी के रूप में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी स्थापना के बाद चीनी जनता का नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय स्वतंत्रता और जन-मुक्ति को बखूबी अंजाम दिया और अर्थतंत्र का तेज़ विकास करते हुए दीर्घकालिक सामाजिक स्थिरता कायम की, जो एक अद्वितीय करिश्मा है। सुन यात-सेन सहित शिनहाई क्रांति के अग्रदूतों की अंतिम इच्छा धीरे-धीरे वास्तविकता बन गयी। थाईवान मुद्दे को सुलझाना और मातृभूमि के पूर्ण एकीकरण को साकार करना चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अडिग ऐतिहासिक मिशन बन गया है !

विश्व में केवल एक चीन है, थाईवान चीन की प्रादेशिक भूमि का अभिन्न अंग है। यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में सर्वमान्य आम सहमति है। हाल ही में चीन और अमेरिका के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने स्विट्ज़रलैंड के ज़्यूरिख में वार्ता की, इस दौरान चीन ने स्पष्ट रूप से अमेरिका से थाईवान आदि मुद्दे का उपयोग कर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करने का अनुरोध किया। अमेरिका ने एक-चीन की नीति का पालन करने पर सहमति जतायी। अमेरिका को अपने वचन का पूरी तरह पालन करना चाहिए, और "थाईवान स्वतंत्रता" वाली अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत भेजना बंद करना चाहिए, साथ ही थाईवान जलडमरूमध्य में खतरनाक तनावपूर्ण स्थिति पैदा करने से बचना चाहिए।

चीन का फिर से एकीकरण करने की आवश्यकता है, और एकीकरण अवश्य पूरा होना चाहिए। यह 70 से अधिक वर्षों से दोनों तटों के संबंधों के विकास का ऐतिहासिक निष्कर्ष है, और नए युग में चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प के लिए अनिवार्य आवश्यकता भी है। "थाईवान स्वतंत्रता" ऐतिहासिक प्रतिधारा और गलत मार्ग भी है। जो लोग अपने पूर्वजों को भूल जाते हैं, मातृभूमि के साथ विश्वासघात करते हैं, देश को विभाजित करते हैं, उन्हें अच्छा परिणाम कभी नहीं मिलेगा। कोई भी बाहरी शक्ति अगर थाईवान मुद्दे पर आग से खेलना चाहे और उत्तेजना पैदा करना चाहे है, तो वह जरूर विफल होगी।

इस वर्ष 1911 की शिनहाई क्रांति की 110वीं वर्षगांठ और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ है। उस समय सुन यात-सेन ने कहा था कि “एकीकरण” सभी चीनी नागरिकों की आशा है। अब, मुख्यभूमि ने दोनों तटों के संबंधों में प्रमुख प्रभुत्व स्थान प्राप्त किया है, और चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प को साकार करने का विश्वास और मजबूत हुआ है। पूर्ण राष्ट्रीय एकीकरण प्राप्त करने की चीन की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को किसी भी व्यक्ति या किसी भी ताकत द्वारा बाधित नहीं किया जा सकता !

(श्याओ थांग)

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