आपदा में सैनिकों व जनता के बीच गहरा स्नेह

2021-07-31 15:35:11

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ग्लोबल वार्मिंग के कारण हाल के कई वर्षों में मौसम की चरम स्थिति बारी बारी आयी। प्राकृतिक आपदा विभिन्न देशों के सामने सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक बन गयी है। उदाहरण के लिये इस साल भारत, चीन, अमेरिका और जर्मनी समेत कई देश बाढ़ आपदा से ग्रस्त हुए हैं। इसलिये आपदा राहत कार्य विभिन्न देशों के लिये एक महत्वपूर्ण कर्तव्य बन गया है।

क्योंकि 1 अगस्त को चीन में सेना दिवस मनाया जाता है। इसलिये आज हम आपदा में चीनी सैनिकों की महत्वपूर्ण भूमिका और चीनी जनता व सैनिकों के बीच गहरे स्नेह की चर्चा करते हैं।

चीन में हर बार जब भी आपदा आती है, चीनी मुक्ति सेना के अधिकारी व सैनिक ज़रूर सबसे आगे होते हैं। मूसलाधार बारिश में, तटबंध की दरार में, और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में वे जनता के जान-माल को सुनिश्चित करने के लिये अपनी पूरी कोशिश से बचाव व राहत कार्य करते हैं। चीनी सैनिकों ने जनता को सुरक्षा दी, और खतरे को अपने पर छोड़ दिया।

उदाहरण के लिये इस बार चीन के हनान प्रांत के चनचो शहर में आई बाढ़ से लड़ने और आपदा राहत की प्रक्रिया में लोगों ने चनचो शहर के रास्ते पर अकसर यह दृश्य देखा कि सैनिक उच्च तापमान में बचाव व राहत कार्य कई घंटों तक निरंतर रूप से करते रहे। उन की वर्दी भी पसीने से लथपथ हो गयी।

भूख लगने पर वे तेजी से कुछ आसान सा भोजन करते हैं। थकान होने पर वे आसपास साधारण चटाई बिछाकर कुछ देर सोते हैं। थोड़ा आराम करके वे फिर एक बार काम करना शुरू करते हैं। हालांकि काम बहुत कठोर है, लेकिन सभी सैनिकों, यहां तक कि वर्ष 2000 के बाद जन्मे नये सैनिकों ने कोई शिकायत नहीं की। क्योंकि उन के मन में जनता की सेवा करना सब से महत्वपूर्ण बात है।

उधर जनता की नज़र में सैनिक सबसे प्यारे व्यक्ति होते हैं। बहुत स्थानीय नागरिकों ने सैनिकों के लिये गर्मी को दूर करने के लिये तरबूज और ठंके ड्रिंक दिए। और बहुत लोगों ने सोशल प्लेटफॉर्म पर सैनिकों की खूब प्रशंसा की। नेटेज़नों ने ऐसा लिखा कि “आज तापमान 34 डिग्री से ऊपर है, सैनिकों का काम सचमुच बहुत कठिन है।”, “वे बहुत ध्यान से सड़क पर गाद को साफ करते हैं, जैसे अपने घर की सफ़ाई कर रहे हों।”, “यहां तेज हवा से कई पेड़ गिर गए, पर सैनिकों ने केवल कई घंटों में सभी गिरे हुए पेड़ों को साफ किया, वे बहुत कुशल हैं, काम करने की गति भी बहुत तेज है।”

चीनी जनता के मुंह से हमेशा यह वाक्य निकलता है कि हर आपदा में जब चीनी मुक्ति सेना के सैनिक पास आते हैं, तो हमें चिंता व डर नहीं लगता।

(चंद्रिमा)

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