वायरस की ट्रेसिबिलिटी का राजनीतिकरण वायरस से भी ज्यादा घातक : पाक विशेषज्ञ

2021-07-30 16:50:05

पाकिस्तान के इस्लामाबाद शांति और कूटनीति अनुसंधान संस्थान के निदेशक मोहम्मद आसिफ नूर ने कुछ दिन पहले मीडिया में लिखा कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश वैज्ञानिक तथ्यों की अनदेखी करते हैं, कोविड-19 महामारी और कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने का राजनीतिकरण करते हैं, जो वायरस से भी ज्यादा घातक है।

नूर ने कहा कि चीन और चीनी लोग न केवल अपने देश में महामारी को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं, बल्कि हमेशा विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ पारदर्शी रूप से वायरस की जानकारी साझा करते हैं। साथ ही चीन ने पाकिस्तान सहित कई देशों को तत्काल आवश्यक महामारी विरोधी सामग्री प्रदान की है। हालांकि, चीन अब भी कुछ देशों की ओर से बदनामी और साजिश का शिकार है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा महामारी का राजनीतिकरण महामारी के खिलाफ लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को और अधिक नुकसान पहुंचाएगा।

नूर ने कहा कि हाल ही में डब्ल्यूएचओ के सचिवालय द्वारा प्रस्तुत दूसरे चरण की वायरस ट्रेसबिलिटी कार्य योजना में सामान्य ज्ञान और तर्क का अभाव है और उसका स्पष्ट राजनीतिकरण हो रहा है। चीन ने इसे स्वीकार करने से इनकार किया है, जो तर्क में ऐसा ही होना चाहिए। चीन ने ट्रेसबिलिटी कार्य के पहले चरण में "अधिकतम स्पष्टता" के साथ डब्ल्यूएचओ का समन्वय किया है। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ दल और चीनी विशेषज्ञों ने वुहान में "पेशेवर, वैज्ञानिक, जिम्मेदार और निष्पक्ष" तरीके से ट्रेसिबिलिटी अनुसंधान किया है और आधिकारिक निष्कर्ष निकाला। पहले चरण में पूरे हो चुके कार्य को दूसरे चरण में दोहराया नहीं जाना चाहिए।

(मीनू)

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