13 मई 2021

2021-05-12 19:47:31

अनिलः सबसे पहले यह जानकारी...अब जबकि मंगल ग्रह पर जाने की लिए नासा सभी तैयारी करने लगा है। ऐसे में उसने यह भी तय कर दिया है कि मंगल की सतह पर सबसे पहला कदम एक महिला का होगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एलिसा कार्सन वह पहली महिला बन सकती हैं, जो मंगल ग्रह पर सबसे पहले कदम रखेंगी। मंगल पर जाने वाले इस मिशन के लिए एलिसा कार्सन लंबे समय से तैयारी कर रही हैं।नासा की योजना है कि इस दशक के अंत तक वह पहले मानव को मंगल की सतह पर उतारेगा। कुछ समय पहले ही नासा ने अपने आधिकारिक बयान में यह बताया था कि मंगल पर सर्वप्रथम एक महिला कदम रखेगी। तमाम अटकलों और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह महिला एलिसा कार्सन बन सकती हैं, जो नासा के इस मिशन के तहत मंगल पर उतरेंगी। आपको बता दें कि एलिसा कार्सन उस टीम का हिस्सा हैं, जो आने वाले वक्त में नासा के तमाम बड़े स्पेस मिशन को अंजाम देने वाला है।  अपने एक इंटरव्यू में एलिसा कार्सन ने बताया था कि जब वह 3 वर्ष की थी, तभी से वह मंगल ग्रह पर जाने का सपना देख रही हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा - "जब मैं 12 वर्ष की हुईं तो मुझे एक टी वी शो (बैकयार्डिगन्स) काफी पसंद था। इस शो में कई सारे अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह पर जाते हुए दिखाया जाता था।" एलिसन इस समय 20 वर्ष की हैं।मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वह अभी एस्ट्रोबायोलॉजी की पढ़ाई कर रही हैं। इनका कहना है कि मंगल मिशन के लिए ये अपने आपको तैयार कर रही हैं। इनकी इच्छा है कि आने वाले समय में ये महिला एस्ट्रोनॉट बन नासा के कई बड़े स्पेस मिशन्स का हिस्सा बनें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नासा मंगल की सतह पर तो पहली महिला उतारने वाला है। इसके अलावा अर्तेमिस मिशन के अंतर्गत वह 2024 तक चांद की सतह पर भी पहली महिला को उतारेगा। इससे पहले नासा ने मंगल पर अपोलो मिशन भेजे थे, जिसमें सभी के सभी एस्ट्रोनॉट्स पुरुष थे। अब नासा का उद्देश्य अर्तेमिस मिशन के तहत चांद की सतह पर पहली महिला को उतारना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अपोलो एक ग्रीक देवता का नाम है। वहीं अर्तेमिस एक ग्रीक देवी का नाम है। 

नीलमः अब दूसरी जानकारी....ब्रिटेन का एक प्लंबर इन दिनों अपनी मनचाही सर्विस चार्ज के वजह से काफी सुर्खियों में है। दरअसल, ये शख्स एक स्टूडेंट के घर उसके टूटे हुए पाइप के रिपेयर के लिए पहुंचा। पाइप का रिपयेर करने पर इस शख्स ने चार लाख रुपये का बिल बना दिया। प्लंबर का बिल देखकर एश्ले डगलस नामक स्टूडेंट्स हैरत में पड़ गया। आइए जानते हैं पूरा मामला...23 वर्षीय एश्ले डगलस हैंट्स में रहता है। 'द सन' से बातचीत में एश्ले ने बताया कि मेरे किचन में काफी पानी भर गया था। क्योंकि किचन के सिंक में जो पाइप लगा था वो टूट गया था। ऐसे में मैंने एम पीएम प्लम्बर सर्विस के प्लम्बर मेहदी पैरवी को रिपेयर करने के लिए घर पर बुलाया। एश्ले डगलस ने बताया कि मैंने प्लंबर से सर्विस लेने से पहले ही पैसों के बारे में पूछ लिया था, लेकिन उसने मेरे सवाल को पूरी तरह से इग्नोर कर दिया और अपने काम में लगा रहा। लेकिन काम पूरा होने के बाद इस प्लंबर ने करीब 3900 पाउंड्स का बिल बना दिया।इतना ही नहीं प्लंबर ने एश्ले से तुरंत पैसे देने के लिए दबाव बनाने लगा। वहीं इस बारे में द सन से बातचीत में प्लंबर मेहदी पैरवी ने कहा कि मैं अपनी सर्विस के एक घंटे के 1 करोड़ भी मांग सकता हूं और मुझे नहीं लगता कि इससे किसी को फर्क पड़ना चाहिए। मेहदी का कहना है कि मैं अपनी विशेषता और ज्ञान के हिसाब से पैसे चार्ज करता हूं।

हालांकि, इस मामले को लेकर एनडी प्लम्बिंग सर्विस के प्लंबर नील डगलस ने बताया कि ये काम बहुत आराम से 250 पाउंड्स यानी 25 हजार में हो सकता था और ये साफ है कि वो शख्स इस स्टूडेंट को लूटने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि एश्ले डगलस अब इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की भी सोच रहे हैं।

अनिलः अब समय हो गया है एक और जानकारी का। शादी को लेकर किसी भी इंसान के अंदर काफी उत्सुकता होती है और सबकी ये चाहत होती है कि उसके पार्टनर में कोई कमी ना हो। पार्टनर पर विश्वास नहीं होने के कारण बीच में शादी टूट भी जाती है। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से सामने आया है। यहां एक बारात बिना शादी किए ही वापस लौट गई, क्योंकि दूल्हे को दुल्हन के सवालों का जवाब ही नहीं पता था।  

खबरों के मुताबिक, ये घटना महोबा जिले के पनवाड़ी थाना क्षेत्र की है। यहां एक शादी में बारात पहुंची और वरमाला का कार्यक्रम शुरू हुआ। इसी दौरान दुल्हन को किसी तरह ये पता चल गया कि दूल्हा पढ़ा-लिखा नहीं है। इस चीज की जांच करने के लिए दुल्हन ने वरमाला के स्टेज पर ही दूल्हे से 2 का पहाड़ा पूछ लिया। दूल्हा जब दो का पहाड़ा नहीं पढ़ पाया, तो दुल्हन ने शादी से इनकार कर दिया।

दुल्हन को शादी से मना करने की बात दूल्हे पक्ष को नागंवार गुजरी और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। काफी समय तक मनाने के बाद भी जब दुल्हन शादी के लिए नहीं मानी, तो दोनों पक्षों ने शादी रद्द करने का फैसला। लेकिन ये मामला पनवाड़ी थाने तक पहुंच गया। पुलिस ने विवाद को खत्म करने के लिए लड़का और लड़की दोनों पक्षों से सुलहनामे पर हस्ताक्षर कराया। सुलहनामे के दौरान लड़का पक्ष ने लड़की पक्ष को खाने और अन्य चीजों पर हुए खर्च के लिए 4 लाख रुपया चुकाया। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के दिए हुए समानों को भी वापस किया।पनवाड़ी थाना पुलिस के मुताबिक, दोनों पक्षों के विवादों को सुलहनामे के माध्यम से सुलझा लिया गया। बता दें कि दोनों पक्षों के बीच में हुए सुलहनामे में यह भी लिखा गया कि दोनों पक्ष एक दूसरे पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे।

नीलमः अब एक और रोचक जानकारी....अंतरिक्ष के बारे में जानने के लिए लोगों की काफी दिलचस्पी रहती है। इसी दौरान दिग्गज अमेरिकन कंपनी ब्लू ओरिजिन के मालिक जेफ बेजॉस ने आम लोगों को भी अंतरिक्ष की सैर कराने का फैसला लिया है। 20 जुलाई से जेफ बेजॉस की कंपनी ब्लू ओरिजिन आम लोगों को भी अंतरिक्ष में ले जाने की तैयारी कर रहा है। स्पेस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रॉकेटमेकर ब्लू ओरिजिन ने जानकारी दी है कि न्यू शेफर्ड रॉकेट की पहली उड़ान के लिए एक सीट के लिए नीलामी की जाएगी। सबसे खास बात ये है कि इस नीलामी से प्राप्त राशि ब्लू ओरिजिन के फाउंडेशन को जाएगा, जिससे गणित और विज्ञान की शिक्षा को प्रमोट किया जाएगा।बता दें कि कंपनी ने अपनी पहली उड़ान के लिए 20 जुलाई की तारीख तय की है। यह तारीख चांद पर किसी इंसान के पहले कदम की 52वीं वर्षगांठ होगी। क्योंकि 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पहला कदम रखा था। हालांकि, कंपनी ने पहली उड़ान के बारे में जानकारी देते हुए इन सब बातों का उल्लेख नहीं किया है।ब्लू ओरिजिन कंपनी अपने रॉकेट के पहली उड़ान के दौरान एक सीट की नीलामी करेगी। इस दौरान यात्री को 11 मिनट की यात्रा के लिए एक सीट मिलेगी और उसे धरती से 100 किमी ऊपर अंतरिक्ष में जाने का मौका मिलेगा। नीलामी के दौरान सीट पाने वाले ग्राहक को चार दिन का अनुभव मिलेगा। इसमें से तीन दिन उड़ान से पहले प्रशिक्षण का होगा, जो टेक्सास में स्थित कंपनी के लांच साइट पर दिया जाएगा।

ब्लू ओरिजिन कंपनी के निदेशक एरियन कॉर्नेल ने बताया था कि कंपनी 15 रॉकेट की परीक्षण उड़ान और 16 कैप्सूल की लैंडिंग आजमाने के बाद अब अंतरिक्ष की सैर कराने के लिए तैयार है।

अनिलः दोस्तो...ये तो हम सभी जानते हैं कि किसी महिला के मां बनने का अहसास सबसे खास होता है, लेकिन लेबर पेन का दर्द भी काफी असहनीय होता है। ये दर्द एक साथ कई हड्डियों के टूटने के बराबर होता है। लेकिन ब्रिटेन में एक महिला ने महज 27 सेकेंड्स में बच्चे को जन्म देकर रिकॉर्ड बना दिया है। 29 वर्षीय सोफी बग दुनिया की चुनिंदा खुशनसीब महिलाओं में से एक है, जिन्हें लेबर पेन नहीं हुआ।बता दें कि सोफी बग 38 हफ्ते की प्रेग्नेंट थी। आधी रात में अचानक टॉयलेट करने के लिए बाथरूम में गई। लेकिन टॉयलेट करने की जगह सोफी ने अपने बच्चे को जन्म दे दिया। इसमें सोफी को सिर्फ 27 सेकेंड्स लगे और एक ही पुश में बच्चा बाहर आ गया।सोफी ने बताया कि बाथरूम जाने से पहले वो अपनी दोस्त से मैसेज पर बात कर रही थी। सोफी ने अपने दोस्त को मैसेज से ये भी बताया था कि मैं अच्छी नहीं फील कर रही हूं और इसके बाद फोन रख के बाथरूम में चली गई। बाथरूम के भीतर महज 27 सेकेंड्स में बिना किसी दर्द के उन्होंने अपने बच्चे को जन्म दे दिया।सोफी के पति क्रिस भी इस घटना से काफी हैरान और परेशान हो गए थे। बाथरूम में जब सोफी ने जब पैरों के बीच अपने बच्चे के सिर को देखा, तो उन्होंने क्रिस को आवाज लगाई। क्रिस तुरंत बाथरूम में आकर बच्चे को बाहर खींच लिया। घर पर बच्चे के जन्म के बाद क्रिस बच्चे और मां को लेकर हॉस्पिटल गए, जहां डॉक्टर ने सोफी और उनके बच्चे को स्वस्थ बताया।डेली मेल की रिपोर्ट के रिपोर्ट के मुताबिक, महज एक पुश में ही सोफी ने बच्चे को जन्म दे दिया। बता दें कि सोफी इससे पहले भी दो बार मां बन चुकी हैं, लेकिन ये उनकी सबसे तेज डिलीवरी थी। सोफी ने बताया कि उनका पहला बच्चा केवल 12 मिनट में पैदा हुआ था।

इसी के साथ जानकारी देने का सिलसिला संपन्न होता है। अब बारी है श्रोताओं की टिप्पणी की। 

नीलमः पहला पत्र भेजा है केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने...आदरणीय अनिलजी एवं नीलमजी, सस्नेह नमस्ते।हर बार की तरह दिनांक 6 मई का 'टी टाइम' का ताज़ा अंक भी सुना, काफी मालूमाती लगा।ब्रिटेन में 21 साल की महिला द्वारा जुड़वाँ बच्चों के वज़न वाले एक बच्चे को जन्म दिये जाने की घटना विरल कही जायेगी। हैरानी की बात तो यह है कि इस पर डॉक्टरों का अनुमान ग़लत निकला, इससे ज़ाहिर होता है कि उन्होंने तकनीक का सहारा नहीं लिया।कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा एवं पृथ्वी पर बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियरों के पिघलने एवं हज़ारों वर्षों से उनके नीचे दबे विषाणु घातक महामारी का बायस बन सकते हैं, यह जानकारी सिहरन पैदा कर गयी। सम्भव है कि हमें भविष्य में कोविड-19 से भी अधिक भयंकर वायरस का सामना करना पड़े। जानकारियों के क्रम में दक्षिण कोरिया में दो पाकिस्तानी राजनयिकों को रंगे हाथों चोरी करते पकड़े जाने का समाचार किसी भी देश को शर्मसार करने वाला है। ख़ैर, यह तो एक इन्सानी फ़ितरत है, अतः इसकी ज़्यादा चर्चा किया जाना उचित नहीं होगा।सर्वोपरि आज के अंक में दी गयी सबसे अच्छी जानकारी महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला की लगी। पहली बार जाना कि उन्होंने न केवल महान आविष्कारक थॉमस एडीशन के साथ काम किया, बल्कि वे कई मायने में उनसे भी अधिक महान थे। मेरी राय में दुनिया को उनकी सबसे बड़ी देन एसी करंट है। बहरहाल, इन तमाम जानकारियों के साथ कार्यक्रम में पेश श्रोता मित्रों की राय एवं तीनों चुटकुले भी मज़ेदार लगे। धन्यवाद फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिये।सुरेश जी, पत्र भेजने के लिए धन्यवाद... अनिलः इसके साथ ही सुरेश जी ने एक कहानी भी भेजी है..

*कल बीवी को उसकी माँ से फ़ोन पर बात करते सुना...* *अम्मा* इनसे... *सारे सर्दियों के कपड़े धुलवा कर ट्रंक में रखवा दिए,*वो जो गुलाबी स्वेटर था,*उसको खुलवा कर गोले बनवा लिए,*दोनो कूलर *पेंट करवा कर फ़िट करवा दिया है,*पीछे वाले स्टोर को *साफ़ करा का सफ़ेदी भी करवा दी,* अब समझ नहीं आ रहा कि...*क्या करवाऊँ .....?*

*दिन भर पड़े रहते है सोफ़े पर !*

अम्मा - देख ले बेटा, *ज़्यादा दूर तो है नहीं,* *दामाद जी को लेकर एक हफ़्ते के लिए यही आ जा...*

पिछली दिवाली हम लोग *पुताई नहीं करवा पाए थे .....*और....*तेरा दिल भी बहल जाएगा...*

नीलमः अब बारी है अगले पत्र की। जिसे भेजा है, खंडवा मध्य प्रदेश से दुर्गेश नागनपुरे ने। लिखते हैं       हमें दिनांक 6 मई दिन गुरुवार का टी टाइम कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा। इस दिन का प्रोग्राम सुनकर हमारा दिल खुश हो गया। जिसमें सर्वप्रथम ब्रिटेन की 21 वर्षीय महिला का छह किलो के बच्चे को जन्म देने वाली जानकारी काफी हैरान करने वाली लगी ।साथ ही आपके प्रोग्राम में सदी के जाने-माने वैज्ञानिक निकोला टेस्ला जी के बारे में भी पता लगा। साथ ही प्रोग्राम में चुटकुले,हिन्दी गीत और श्रोताओं के पत्रों के उत्तर बहुत संतोषजनक लगे।  अनिलः अब बारी है अगले पत्र की। जिसे भेजा है, खुर्जा यूपी से तिलक राज अरोड़ा ने। लिखते हैं, पिछले कार्यक्रम में आपने पहली जानकारी ब्रिटेन से सुनवायी, जिसमें एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया जिसका वजन छह किलोग्राम है। यह जानकारी सुनकर दिल खुशी से झूम उठा। साथ ही अमेरिका के वैज्ञानिकों ने ग्लेशियर के भीतर दफन वायरसों पर शोध किया, जिसमें 28 प्रकार के जिंदा वायरस पाए गए यह जानकारी आश्चर्यजनक लगी। वहीं कार्यक्रम में महान वैज्ञानिक टेस्ला पर विस्तार पूर्वक जानकारी क़ाबिले तारीफ कही जाएगी। साथ ही श्रोता बंधुओं के पत्र सराहनीय लगे। जोक्स ने भी दिल खोल कर हंसाया। बेहतरीन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद। अरोड़ा जी पत्र भेजने के लिए शुक्रिया। नीलमः अब बारी है अगले पत्र की। जिसे भेजा है, पंतनगर, उत्तराखंड से वीरेंद्र मेहता ने। लिखते हैं, नमस्कार , ||  नी हाउ  || फिर से एक लंबे समय अंतराल के बाद पत्र लिख रहा हूं इसके लिए  दिल  से माफी चाहता हूं |  प्रोग्राम का आगाज आज ब्रिटेन में 21 वर्षीय महिला द्वारा 6 किलो के बच्चे को जन्म देने से किया गया । हालांकि यह नॉर्मल बच्चों से 2 गुना ज्यादा वजन का बच्चा था जो कि आश्चर्यजनक बात है | और वही नीलम जी द्वारा ग्रीन हाउस के दुष्परिणाम से होने वाले खतरों से जानकारी दी गयी और  उन्होंने इसे संक्षिप्त में बहुत अच्छी तरह से समझाया। यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा ग्लेशियर के भीतर 28 प्रकार  के जिंदा  वायरसो  को खोजा गया जो कि 15 हजार वर्ष से बर्फ के अंदर  दफन थे। और अगर ग्लोबल वार्मिंग इसी रफ्तार से बढ़ती गई तो ग्लेशियर का पिघलना सुनिश्चित है और जिसके  चलते वायरसों को जिंदा होने का मौका मिल सकता है , शायद यही से मानव जाति  को खतरे का सामना करना पड़े। क्योंकि विश्व को अगर एक कोरोना वायरस इतना परेशान कर सकता है तो ग्लेशियरों में तो वायरसो का कबीला मौजूद है | ऐसे में हम सभी को अपने पर्यावरण की तरफ ध्यान देना चाहिए। जिससे कम से कम हम अपने वातावरण को नुकसान ना पहुंचा सके । वही निकोला टेस्ला के जीवन पर संक्षिप्त में बतलाया जाना अच्छा लगा। और  रेडियो की खोज मारकोनी ने नहीं टेस्ला ने की थी जिसे अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी पेटेंट निकोला टेस्ला को दिया गया यह खबर ज्ञानवर्धक लगी। हालांकि यह बात मुझे पता नहीं थी। क्योंकि बहुत जगहों पर रेडियो की खोज के पीछे मारकोनी को ही बताया जाता था। सचमुच में निकोला टेस्ला  एक महान वैज्ञानिक  थे  उन्हें शत-शत नमन। वीरेंद्र जी प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी करने के लिए शुक्रिया।  

अनिलः इसी के साथ प्रोग्राम में श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है। अब समय हो गया जोक्स का। तीन जोक...

पहला जोक.. पत्नी - आज मैंने तुम्हारे लिए एक स्पेशल डिश बनाई है...खाते ही गर्मी गायब...!..पति - ऐसा क्या बना दिया तुमने यार...?.पत्नी - नवरत्न तेल के पकौड़े...!

दूसरा जोक

पत्नी - यह कौन सा कानून है कि तुम्हें मैं ही खाना पका कर दूं...?पति - यह पूरी दुनिया का कानून है किकैदी को खाना सरकार ही देती है...!

तीसरा और अंतिम जोक..

मुझे शराब की बोतल कास्वभाव पसंद आता है.जो खुद 'खाली' होकरदूसरों को 'फुल' कर देती है...!.इसी को नि:स्वार्थ सेवा कहते हैं...!

रेडियो प्रोग्राम