22 अप्रैल 2021

2021-04-21 19:42:22

अनिलः पहली जानकारी....

हवाई जहाज का आविष्कार राइट बंधुओं ने साल 1903 में किया था और आसमान की ऊंचाईयों को छुआ था। हालांकि, कुछ-कुछ लोग ये भी कहते हैं कि राइट बंधुओं से आठ साल पहले यानी साल 1895 में मुंबई के रहने वाले शिवकर बापूजी तलपड़े ये कारनामा कर चुके थे, लेकिन उनकी उपलब्धि इतिहास के पन्नों में कहीं खो गई। आज हम आपको हवाई जहाज के लाइट्स से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

हवाई जहाज में यह ऐसी लाइट होती है, जो जहाज के टैक्सी मोड यानी जमीन पर दौड़ते हुए प्रयोग की जाती। 150 वोल्ट्स की इस लाइट की मदद से रनवे को देखा जाता है। हवाई जहाज को जैसे ही टैक्सी क्लेरेंस मिलता है, पायलट टैक्सी लाइट को जला देता है। इससे रनवे पर लगी लाइट्स चमकने लगती हैं और पायलट को देखने में मदद मिलती है।

हवाई जहाज में टैक्सी लाइट के साथ टेक ऑफ लाइट भी लगी होती है। टैक्सी लाइट की अपेक्षा ये लाइट काफी चमकीली होती हैं और हवाई जहाज के टेक ऑफ के समय ही जलाई जाती है।

बता दें कि हवाई जहाज में टैक्सी लाइट और टेक ऑफ लाइट के अलावा एक अलग किस्म की भी लाइट होती है, जिसका एंगल और भी चौड़ा होता है। इस लाइट के मदद से पायलट रनवे को पूरे सही तरह से देख पाते हैं।

आपको ये बात तो जरूर पता होगा कि हवाई जहाज का सबसे संवेदनशील हिस्सा उसका पंख होता है और इसे सुरक्षित रखना बहुत जरूरी होता है। इसी उद्देश्य से विंग पर लाइट्स लगाई जाती हैं, ताकि टेक ऑफ के समय अंधेरे में भी पायलट को जहाज की पूरी आकृति स्पष्ट समझ में आ सके। वहीं बादलों के बीच उड़ते समय पायलट इन्हीं लाइट्स की मदद से यह देख पाते हैं कि कहीं पंखों पर बर्फ तो नहीं जमी है।

नीलमः अब हम आपको एक रोचक जानकारी से रूबरू करवाएंगे। आज से करोड़ों साल पहले डायनासोर का पृथ्वी पर राज था। इस दौरान डायनासोर की विभिन्न प्रजातियां पृथ्वी पर पाई जाती थीं। इनमें से कई शाकाहारी थीं तो कई मांसाहारी। वैज्ञानिकों के अध्ययन के मुताबिक लगभग 6.6 करोड़ साल पहले एक शहर के आकार जितना बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराया। यह टकर इतनी भयानक थी कि इसके चलते डायनासोर के साथ-साथ पृथ्वी पर से 75 फीसदी जीवन विलुप्त हो गया। इस क्रम में एक अध्ययन ने चौकाने वाला खुलासा किया है। अध्ययन के मुताबिक लाखों सालों तक पृथ्वी पर 42 अरब डायनासोर का राज था।

यह अध्ययन बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया। उन्होंने टायरैनोसोरस (टी-रेक्स) नामक डायनासोर की प्रजाति का आकार, उर्जा जरुरतों और लैंगिक परिपक्वता के आधार पर अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि यह तकरीबन 1 लाख 27 हजार पीढ़ियों तक जिंदा रहे थे। इसके आधार पर उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर इनकी कुल संख्या 14 करोड़ से 42 अरब के बीच रही होगी। औसतन माना जाए तो यह संख्या 2.5 अरब की थी। 

इस अध्ययन के प्रमुख चार्ल्स मार्शल ने बताया कि अध्ययन का यह अनुमान आने वाले शोधों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। उनके मुताबिक डायनासोर के मजबूत जबड़े और उनके कई सारे दांत भी थे। आपको बता दें कि चार्ल्स मार्शल, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया म्यूजियम ऑफ पेलियोन्टोलॉजी के निदेशक हैं।

मार्शल के अध्ययन के मुताबिक डायनासोर की यह आबादी उत्तरी अमेरिका में विचरण करती थी। उनकी टीम ने डायनासोर की संख्याओं का पता लगाने के लिए जीव विज्ञान नियमों का उपयोग किया। इस नियम के मुताबिक जानवर जितना बड़ा होगा आबादी उतनी ही कम होगी। इसके बाद टीम ने टी रेक्स को जिंदा रहने के लिए कितनी उर्जा की जरूरत थी उसका भी पता लगाया। उन्होंने शोध के दौरान डायनासोर की जनसंख्या घनत्व का भी अंदाजा लगाया। इसी बल पर उन्होंने अपना निष्कर्ष साइंस जर्नल में प्रकाशित किया। 

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि टी रेक्स 14 से 17 की उम्र के बीच लैंगिक परिपक्व हो जाते थे। इस प्रजाति के डायनासोर की अधिकतम आयु 28 वर्ष थी। चार्ल मार्शल ने यह भी बताया कि विभिन्न क्षेत्रों से टी-रेक्स के 100 जीवाश्म को अब तक खोजा गया है। 

.अनिलः नटवरलाल का नाम कौन नहीं जानता? नटवरलाल ने अपने जीवन में इतनी चोरी और जालसाजी को अंजाम दिया कि आज इसका नाम ठगी और चोरी का प्रतीक बन चुका है। कई सारे लोगों के अंदर विभिन्न प्रतिभाएं होती हैं। कोई अच्छा गायक होता है तो कोई अच्छा खिलाड़ी। वहीं नटवरलाल एक शातिर चोर था। नटवरलाल का जन्म 1912 में हुआ था। ये बिहार के सिवान जिले का रहने वाला था। 

नटवरलाल ने चोरी और जालसाजियों को अंजाम देने के लिए अपने कई सारे नाम रख रखे थे। उसका वास्तविक नाम मिथलेश कुमार श्रीवास्तव था। कई लोगों का कहना है कि नटवरलाल के 50 से भी अधिक नाम थे। इन्हीं नामों के सहारे वह कई सारी ठगी को अंजाम देता था। 

नटवरलाल ने चोरी की शुरुआत 1 हजार रुपये से की। वह हस्ताक्षर करने में माहिर था। नटवरलाल किसी भी व्यक्ति का हूबहू हस्ताक्षर कर सकता था। उसने यह 1 हजार रुपए पड़ोसी के नकली हस्ताक्षर करके उसके बैंक से निकाले थे। पढ़ाई लिखाई करने के बाद वह वकील बन गया। वकील का पेशा उसे पसंद नहीं आया। इसके बाद उसने जालसाजी और ठगी का रास्ता अपनाया।

नटवरलाल ने कई लोगों से लाखों रुपयों की ठगी की। वह फरार होने में काफी माहिर इंसान था। पुलिस की पकड़ में आने के बाद भी वह फरार हो जाता। नटवरलाल काम चलाऊ अंग्रेजी बोल लेता था। नटवरलाल रंगबाज इंसान था। उसकी लपटी चपटी बातें किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकती थी। कई बड़े व्यापारियों को उसने चूना लगाया। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह बात सच है कि नटवरलाल ने कई मर्तबा ताज महल और लाल-किले को बेचा था। उसने इन्हें बाहर से आए विदेशियों को बेचा। 

उसकी ठगी की कोई सीमा नहीं थी। यहां तक की उसने भारत के राष्ट्रपति भवन को भी बेच दिया था। यह सब उसने राष्ट्रपति के फर्जी हस्ताक्षर करके किए थे। अपने शुरुआती दिनों में नटवरलाल ने वकील के साथ-साथ पटवारी की नौकरी भी की थी। नटवर का मन इन नौकरियों में नहीं लगा वह तो कुछ और ही उद्देश्य लिए हुए था। नटवरलाल अपने जीवन काल में कई बार पुलिस द्वारा पकड़ा गया और कई बार वह फरार भी हुआ। 

नीलमः उधर एक और रोचक खबर... चीन के थाइवान में शादी और तलाक से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। बता दें कि यहां के एक बैंक कर्मी ने महज 37 दिनों के भीतर एक ही लड़की से 4 बार शादी की और तीन बार तलाक लिया। इसके बारे में सभी लोगों को जानकारी उस समय हुई, जब मामला कोर्ट में पहुंचा।

दरअसल, ये मामला थाइवान के एक बैंक कर्मचारी का है। खबरों के मुताबिक, ये शख्स बैंक क्लर्क के रूप में काम करता है। शख्स ने जब शादी के लिए छुट्टी मांगी, तो  केवल 8 दिनों की ही छुट्टियां मिली। शख्स की शादी हुई और कुछ ही दिनों में छुट्टियां भी खत्म हो गई।

बता दें कि इस शख्स ने छुट्टियों को बढ़ाने के लिए एक तरकीब निकली। इसके लिए शख्स ने अपनी पत्नी को ही तलाक दे दिया, ताकि उससे फिर दोबारा शादी हो सके। स्थानीय कानून के मुताबिक, शादी के लिए 8 दिनों की पेड लीव मिलती है। खबरों के मुताबिक, इस शख्स ने 35 दिनों के भीतर ही अपनी पत्नी को तीन बार तलाक देकर कुल 4 बार शादी की। ऐसे में बैंक ने ये पता लगाने की कोशिश किया कि ये शख्स क्या करने की कोशिश कर रहा है? बैंक ने पहले उसे अतिरिक्त पेड लीव देने से इनकार कर दिया। इसके बाद शख्स ने ताइपे सिटी लेबर कोर्ट में शिकायत दर्ज की और बैंक पर लेबर लीव के नियमों को तोड़ने का आरोप लगाया।

कानून के मुताबिक, कोर्ट ने ये आदेश दिया कि कर्मचारियों को शादी होने पर 8 दिनों की पेड लीव मिलना अनिवार्य है। अगर किसी कर्मचारी ने 4 बार शादी की, तो उसे 32 दिनों की छुट्टी मिलनी चाहिए।

अनिलः इसी के साथ प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला संपन्न होता है। अब बारी है श्रोताओं के पत्रों की। पहला पत्र हमें आया है खंडवा मध्य प्रदेश से दुर्गेश नागनपुरे का। लिखते हैं, नमस्कार , आदाब और शुभ संध्या ।

हमें दिनांक 15 अप्रैल दिन गुरुवार का टी-टाइम कार्यक्रम बेहद अच्छा लगा।

पिछले अंक में आपके द्वारा टिम डेविडसन और पूर्व क्रिकेटर भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में दी गई जानकारी बहुत अच्छी लगी ।आप इसी तरह कार्यक्रम में और भी अच्छी अच्छी जानकारी देते रहिए । हम आपका प्रोग्राम सुनते रहेंगे। धन्यवाद। दुर्गेश जी बहुत-बहुत शुक्रिया।

नीलमः अब पेश है केसिंगा उड़ीसा से हमारे पुराने श्रोता सुरेश अग्रवाल का पत्र। लिखते हैं, आदरणीय अनिलजी एवं नीलमजी, नमस्कार।

दिनांक 15 अप्रैल का साप्ताहिक 'टी टाइम' भी गौर से सुना, जो कि काफी दिलचस्प लगा।

अमेरिका निवासी टिम डेविडसन का शान्ति और सुकून से जीने का तरीक़ा काफी दिलचस्प तो लगा, परन्तु इसके लिये उनके पास पर्याप्त संसाधन मौज़ूद थे, अन्यथा वह अपनी खुशी के लिये चाह कर भी इतना ख़र्च न कर पाते। 

इंग्लैण्ड में गर्भवती महिला के गर्भ में कुछ दिनों के अन्तराल पर एक और गर्भ ठहरने का किस्सा चकित करने वाला लगा, क्योंकि इससे पूर्व हमें सुपरफेटेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।  

भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बड़ा ब्रांडनेम बन चुके हैं, इसलिये वे जो भी करेंगे, लोगों को पसन्द आयेगा, फिर ऑर्गेनिक उत्पादनों की तो वर्तमान में वैसे ही बहुत मांग है। इन लोगों को चाहिये कि स्वयं के लिये किये जाने वाले इस तरह के कार्यों के अलावा लोकोपकार पर भी ध्यान दें। विशालकाय छिपकली (मॉनिटर लिजर्ड), जिसे भारत में गोह कहा जाता है, पर दी गयी जानकारी भी काफी सूचनाप्रद लगी। 

वहीं स्पेस एक्सपलोरेशन के क्षेत्र में विभिन्न एजेंसियों द्वारा उसे व्यवसायिक रूप देने हेतु किये जा रहे प्रयासों पर भी महती जानकारी प्रदान की गयी।

मुझ द्वारा प्रेषित जोक्स को पुनः स्थान दिये जाने के अलावा श्रोता-मित्रों की प्रतिक्रियाओं को कार्यक्रम का हिस्सा बनाया भी अच्छा लगा। धन्यवाद फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिये।

सुरेश जी, पत्र भेजने और प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

अनिलः दोस्तो, अब बारी है प्रोग्राम के आखिरी खत की, जो हमें भेजा है खुर्जा यूपी से तिलक राज अरोड़ा ने। लिखते हैं भाई अनिल पांडेय जी बहन नीलम जी, सप्रेम नमस्ते।

टी टाइम कार्यक्रम 15 अप्रैल का सुना और पसंद आया।

कार्यक्रम में आपने बताया कि अमेरिका के टिम डेविडसन ने शांति की तलाश में घर छोड़ दिया और टिफनी वेन पहियों पर बना घर खरीद लिया। पैसा पास हो तो शांति आ ही जाती है।

अगली जानकारी इंग्लैंड से एक महिला रेबेका रॉबर्ट्स ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। यह महिला सुपर फेटेशन रोग से पीड़ित थी। यह जानकारी सुनकर दिल खुशी से झूम उठा।

महेंद्र सिंह धोनी अपने फार्म से ऑर्गेनिक सब्जी और फल खिला रहे है। हम तो यही कहेंगे कमाई कर रहे है।

छिपकली जिसे भारत मे गोह कहा जाता है वाली जानकारी सुनी और पसंद आयी।

मंगल ग्रह पर सुनवाई जानकारी प्रंशसा योग्य लगी।

कार्यक्रम में फिल्मी गीत, श्रोता बंधुओं के पत्र और जोक्स शानदार लगे।

बेहतरीन कार्यक्रम सुनवाने के लिये आप का दिल से शुक्रिया।

इसी के साथ आज के प्रोग्राम में श्रोताओं की टिप्पणी यहीं संपन्न होती है। अब बारी जोक्स की।

पहला जोक...

मां ने सुरेश को डांटते हुए कहा -

सुरेश, तुम बेहद शरारती हो. देखने में भी बंदर लगते हो...

.सुरेश बोला - लेकिन मां,

पड़ोस वाली आंटी तो कहती हैं कि

तुम बिलकुल अपने पापा की तरह लगते हो...!

दूसरा जोक..

दो दोस्त नशे में गाड़ी चला रहे थे...

एक चिल्लाया- अबे कमीने दीवार है आगे...

आगे दीवार है...

तभी गाड़ी दीवार में घुस गई... 

अगले दिन दोनों अस्पताल में...

पहला दोस्त - कमीने मैं चिल्ला के कह रहा था आगे दीवार है,

तूने सुना क्यों नहीं...?

दूसरा दोस्त - अबे बेवड़े, गाड़ी तू ही चला रहा था, मैं नहीं...!

तीसरा जोक

दो सहेलियां आपस में बात कर रही थी...!

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पहली सहेली - पता है, अच्छा पति किसी को नहीं मिलता...!

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दूसरी सहेली - तो फिर...?

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पहली सहेली - मिले हुए को ही डांट-फटकार कर अच्छा बनाना पड़ता है...!

रेडियो प्रोग्राम