दुनिया चीन के इस छोटे कस्बे की आवाज क्यों सुनना चाहती है?

2021-04-19 19:35:02

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हाल में रॉयटर बाजार विश्लेषक जॉन केम्प ने एक लेख में कहा कि यूरोप और अमेरिका के कुछ विश्लेषण लेखों को पुरानी नजर से एशिया को नहीं देखना चाहिए। सच है, आज का एशिया पहले से बिलकुल अलग है। विश्व की अर्थव्यवस्था में उसका अनुपात पिछली शताब्दी के 30 प्रतिशत से 2019 के 41 प्रतिशत तक बढ़ गया है। साथ ही विश्व में एशिया का प्रभाव भी निरंतर बढ़ रहा है। बोआओ एशिया मंच के बीते 20 साल भी इस पूरी प्रक्रिया का साबित करते हैं।

बोआओ दक्षिण चीन का एक छोटा सा कस्बा है, जो बोआओ एशिया मंच से मशहूर बन गया। इस साल का मंच 18 अप्रैल से शुरू हुआ। यह इस साल विश्व में पहला ऑफलाइन सम्मेलन है। 60 से अधिक देशों और क्षेत्रों से आए 2600 मेहमानों ने सम्मेलन में हिस्सा लिया।

दुनिया चीन के इस छोटे कस्बे की आवाज क्यों सुनना चाहती है?

पहला, विश्व यहां से विश्वास की खोज करना चाहता है। हाल में अनेक एशियाई देश अर्थव्यवस्था पर महामारी के कुप्रभाव से छुटकारा पा रहे हैं। बोआओ एशिया मंच के पहले दिन मेजबान पक्ष ने रिपोर्ट जारी कर अनुमान लगाया कि 2021 में एशिया के अर्थव्यवस्था में विकास होगा और आर्थिक विकास दर 6.5 प्रतिशत के ऊपर पहुंचेगी।

दूसरा, विश्व भी सहयोग के मौके ढूंढ रहा है। एशिया हालिया दुनिया में सबसे ओतप्रोत शक्ति और निहित शक्ति होने वाले क्षेत्रों में से एक है। बीते 20 सालों में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच पर एशिया का स्थान निरंतर उन्नत होता रहा है। चीन का तेज आर्थिक विकास एशियाई विकास की अहम इंजन बन चुका है। चीन एशिया में आर्थिक पुनरुत्थान का केंद्र क्षेत्र रहेगा। विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक इस साल पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत तक पहुंचेगी, जबकि चीन को छोड़कर अन्य देशों में यह विकास दर 4.4 तक कम की जाएगी। चीन एशियाई आर्थिक विकास में अहम भूमिका अदा करता है।

तीसरा, चीन खुद की विकास प्रक्रिया में भूमंडलीकरण का स्वागत करता है, खुलेपन का विस्तार करता है और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को निरंतर आगे विकसित करता है। चीन-लाओस रेल मार्ग, जर्काता-बांडोन रेल मार्ग जैसे बेल्ट एंड रोड पहल में सहयोग योजनाओं से कई एशियाई देशों को लाभ मिला है। चीन ने आरसीईपी वार्ता को आगे बढ़ाया और सर्वप्रथम देश में पुष्टि की प्रक्रिया को पूरा किया, जिससे प्रबल रूप से क्षेत्रीय व्यापारिक संबंध गहरे हुए।

तीन साल पहले बोआओ एशिया मंच में चीन ने खुलेपन को निरंतर विस्तृत करने और एशिया और विश्व के सुन्दर भविष्य की रचना करने की आवाज दी। तीन साल के बाद विश्व इस अहम खिड़की से एशिया और विकास के विकास को मदद देने वाली चीन की नयी बुद्धिमत्ता और नए मौके की प्रतीक्षा में है।

(श्याओयांग)

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