चीन के अनुभव से सीखते हुए भारत में चीनी कंपनियों ने कोरोना के खिलाफ़ लड़ी लड़ाई

2021-02-01 14:52:40

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वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी अचानक विश्व भर में फैलने लगी। महामारी की स्थिति गंभीर होने के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च 2020 को यह घोषणा की कि भारत ने राष्ट्रीय लॉकडाउन मोड में प्रवेश किया है। उस दिन से भारत में बुनियादी जन जीवन में शामिल न होने वाली सभी उत्पादन और व्यावसायिक कार्यवाहियों को रोक दिया गया। स्थानीय चीनी कंपनियों को भी काम न करने के लिए मजबूर किया गया।

मार्च 2020 में भारत के लॉकडाउन मोड के प्रभाव की चर्चा करते हुए एसएएनवेई की भारतीय कंपनी के कार्यकारी निदेशक च्वू ताछेंग अभी भी स्थिति को याद करते हैं। एसएएनवेई की भारतीय कंपनी वर्ष 2002 में भारत में स्थापित हुई थी, उसके विकास की स्थिति बेहतर है। लेकिन भारत में राष्ट्रीय लॉकडाउन मोड में प्रवेश करने की नीति लागू होने से इस कंपनी का काम तुरंत बंद हो गया। च्वू ताछेंग ने उस समय की स्थिति बताते हुए कहा कि उस समय, हम दंग रह गए और कंपनी पूरी तरह से ठप हो गई। हम, हमारे ग्राहक, एजेंट, आपूर्तिकर्ता और फाइनेंसर उत्पादन बंद करने को मजबूर हुए।

उस समय न केवल विनिर्माण कंपनियां, बल्कि भारत में चीनी विदेशी व्यापार उत्पादों की बिक्री भी महामारी से प्रभावित हुई। वू शी टेमसिम शुद्धिकरण एयर कंडीशनिंग कंपनी के भारत में क्षेत्रीय प्रतिनिधि चोंग चिए बो ने कहा कि उनकी कंपनी के उत्पादों का रसद लिंक बंद होने के कारण भारत में उत्पाद सुचारू रूप से नहीं भेजे जा सके।

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