28 जनवरी 2021

2021-01-27 21:54:04

अनिलः सबसे पहले यह जानकारी। रात को सोते समय दिखने वाला सपना कभी-कभी सच भी हो जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ है ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में रहने वाले शख्स के साथ। रात को सोते समय इस शख्स की अचानक आंख खुली और जैसे ही अपना फोन देखा, तो उसके होश उड़ गए। दरअसल, इस शख्स को हजारों या लाखों नहीं, बल्कि पूरे 75 करोड़ रुपये की लॉटरी लग गई थी।

ब्रिसबेन वासी 30 वर्षीय एक शख्स ने पावरबॉल लॉटरी में 10 मिलियन डॉलर का जैकपॉट हासिल किया है। आधी रात को जब उसने अपना फोन चेक किया, तो उसे पता लगा कि उसे इतने मिलियन डॉलर्स की लॉटरी लगी है। इस शख्स का कहना है कि मेल देखने के बाद वह सारी रात सो नहीं सका।

स्थानीय मीडिया से इस लॉटरी के बारे में बात करते हुए शख्स ने कहा कि मुझे लगा कि मैंने 10 हजार डॉलर्स जीते हैं और मैं इसे लेकर मन ही मन काफी खुश था, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैंने इससे कहीं ज्यादा बड़ी रकम जीत ली है, क्योंकि मैंने टॉप प्राइज जीता है। इस शख्स की कुल जीती हुई रकम 1 करोड़ डॉलर्स है, जो करीब 75 करोड़ के आसपास बैठती है।

इस शख्स ने आगे कहा कि मेरा खुद का काम है, तो मैं इस प्राइज के बाद भी काम करता रहूंगा। मैंने इससे पहले भी ये बात अपने परिवार के लोगों को बताई है कि अगर मैं एक बड़ी लॉटरी भी जीत जाता हूं, तो भी मैं काम करता रहूंगा। लेकिन ये भी सच है कि इस लॉटरी के लगने से अब मेरे दिमाग से बहुत सारी परेशानियां पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं।

नीलमः अब अगली जानकारी....धरती के सबसे कठोर जीव कहे जाने वाले 'वॉटर बीयर' यानी टार्डिग्रेड्स को आप खौलते पानी में डाल दीजिए, भारी वजन के नीचे कुचल डालिए या फिर अंतरिक्ष में फेंक दीजिए, ये फिर भी मरते नहीं हैं। इतना ही नहीं साल 2007 में वैज्ञानिकों ने हजारों टार्डिग्रेड्स को सैटेलाइट में डालकर स्पेस में भेज दिया। जब ये स्पेसक्राफ्ट धरती पर लौटा, तो देखा गया कि टार्डिग्रेड्स जीवित थे। यहां तक कि मादा टार्डिग्रेड ने अंडे भी दे रखे थे।

आमतौर पर इंसान 35 से 40 डिग्री के तापमान में ही परेशान हो जाता है, वहीं ये जीव 300 डिग्री फारेनहाइट तक तापमान को सहन कर सकता है। इतना ही नहीं ये जीव अंतरिक्ष के ठंड और मरियाना ट्रेच जैसे भारी दबाव वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है। माना जा रहा है कि टार्डिग्रेड धरती के सबसे मजबूत जीव हैं, जो ज्वालामुखी से लेकर बर्फ में भी जीवित रह जाते हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस जीव के अंदर 'पैरामैक्रोबियोटस' नामक जीन पाया जाता है। पैरामैक्रोबियोटस एक सुरक्षात्मक फ्लोरोसेंट ढाल है, जो अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन का विरोध करता है। यह जीन हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर उसे हानिरहित नीली रोशनी के रूप में वापस बाहर निकालता है। वहीं सामान्य जीव इन हानिकारक किरणों के बीच महज 15 मिनट तक ही जिंदा रह सकते हैं।

अनिलः अब एक और रोचक जानकारी का वक्त हो गया है। हर किसी की ये चाहत होती है कि वो काफी दिनों तक जवान ही रहें। बूढ़ा होना किसी को भी अच्छा नहीं लगता है। इसी बीच चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी जीन थैरेपी का ईजाद की है, जिसकी वजह से वो बुढ़ापे को काफी समय तक रोका जा सकता है। यानी इस थैरेपी से आपकी जिंदगी थोड़ी लंबी हो जाएगी और आप जवान नजर आएंगे। वैज्ञानिकों ने इस थैरेपी को चुहों पर इस्तेमाल कर उनकी जिंदगी 25 फीसदी बढ़ा दी। 

भविष्य में इस थैरेपी के इस्तेमाल से इंसानों के उम्र बढ़ाने, अधिक दिन तक जवान रहने या बुढ़ापे से संबंधित बीमारियों को ठीक करने में मदद लिया जा सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा ईजाद की गई इस नई थैरेपी को लेकर साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल में एक रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस जीन थैरेपी में kat7 नाम के जीन को असक्रिय किया जाता है। क्योंकि कोशिकाओं के बूढ़े होने में यही जीन जिम्मेदार है।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (Chinese Academy of Sciences - CAS) के इंस्टीट्यूट ऑफ जूलॉजी के प्रोफेसर कू जिंग और उनकी टीम ने इस नई जीन थैरेपी को विकसित किया है। 

नीलमः बता दें कि प्रोफेसर कू जिंग एजिंग और रीजेनेरेटिव मेडिसिंस के विशेषज्ञ हैं। कू जिंग के मुताबिक, उन्होंने इस नई थैरेपी को चूहों पर अजमाया। इस नई थैरेपी से चूहों में 6 से 8 महीने के बाद बदलाव दिखने लगा। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस थैरेपी से चूहों की जिंदगी में 25 फीसदी का इजाफा हो गया।

इंसानों के शरीर में kat7 जीन के जांच करने के लिए कई तरह के परमिशन चाहिए होंगे, लेकिन उससे पहले हमें इस थैरेपी को इस स्तर तक सुरक्षित करना होगा कि किसी भी इंसान को नुकसान ना हो। एक बार यह थैरेपी इंसानों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित साबित हो जाएगी, तो इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा।

अनिलः अब आपको संविधान से जुड़ी कुछ जानकारी देते हैं। साल 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया था और इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया था। भारत के पास अपना लिखित संविधान है, जिसकी कई चीजें अलग-अलग देशों के संविधान से ली गई हैं। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जिनके पास अपना लिखित संविधान नहीं है। उनका शासन किसी और आधार पर चलता है। सऊदी अरब के अजीबोगरीब कानूनों के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि इस देश के पास भी अपना कोई लिखित संविधान नहीं है। जी हां, यहां पर कुरान में लिखी गई बातों को ही सर्वोच्च मानकर फैसले लिए जाते हैं।

उत्तरी अमेरिकी देश कनाडा के संविधान को लेकर विवाद है। कुछ लोगों का मानना है कि यहां अलिखित संविधान के जरिए शासन होता है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यहां लिखित संविधान है। ऐसा माना जाता है कि कनाडा में लिखित संविधान तो है, लेकिन यहां की सरकार अलिखित संविधान के नियमों का ही पालन करती है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिन अंग्रेजों ने भारत पर करीब 200 सालों तक राज किया, उनके देश इंग्लैंड यानी यूनाइटेड किंगडम के पास संविधान लिखित रूप में ही नहीं है। यहां पर पहले से ही कुछ नियम बने हुए हैं, जिन्हें आधार मानकर शासन किया जाता है। ये नियम संविधान के अधिनियमों के बराबर महत्व रखते हैं। इंग्लैंड के कानून को समय और परिस्थितियों के अनुसार संसद द्वारा बदला जा सकता है।

इसी के साथ प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला संपन्न होता है। 

नीलमः अब बारी है श्रोताओं के पत्रों की। सबसे पहला पत्र हमें भेजा है, खुर्जा यूपी से तिलक राज अरोड़ा ने। लिखते हैं भाई अनिल पाण्डेय जी बहन नीलम जी, सप्रेम नमस्ते। कार्यक्रम टी टाइम में जो जानकारियां सुनवायी जाती हैं विशेष रूप से पसंद आती हैं। 21 जनवरी का कार्यक्रम सुना, बहुत अच्छा लगा। यूरोपीय खाद्य सुरक्षा एजेंसी ने पीले रंग के कीड़ों का सेवन करने की मंजूरी दे दी है यह जानकारी आश्चर्यचकित करने वाली थी। 

फिलीपींस एक मात्र इकलौता देश है जहाँ पर तलाक की कोई व्यवस्था नही है। यह जानकारी बिलकुल नयी और अनोखी थी। 

फेसबुक और गूगल दोनो कंपनियों ने अपने अपने फायदे के लिये आपस मे हाथ मिला लिए हैं। यह भी आपके जरिए हमने जाना। 

ब्रिटेन में 70 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों और कोविड- 19 से ज्यादा जोखिम का सामना कर रहे समूह को टीके लगाने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी भी पसंद आयी।कार्यक्रम में फिल्मी गीत का भी भरपूर आनंद लिया। श्रोता बंधुओं के पत्र सराहनीय लगे।

बेहतरीन कार्यक्रम सुनवाने के लिए आपका दिल से शुक्रिया।

अरोड़ा जी, पत्र भेजने के लिए आपका भी धन्यवाद।

अनिलः अब पेश है, अगला पत्र। जिसे भेजा है, खंडवा मध्य प्रदेश से, दुर्गेश नागनपुरे ने। लिखते हैं, पिछला प्रोग्राम बहुत अच्छा लगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में यूरोपीय खाद्य सुरक्षा एजेंसी के बारे में बताया गया वहीं फेसबुक और गूगल के बारे में दी गई जानकारी भी पसंद आई। कार्यक्रम में पेश हिन्दी गीत, मजेदार जोक्स और श्रोताओं की टिप्पणी बहुत मन भावन लगी।

मैंने आपका यह प्रोग्राम अपनी छोटी बहन के गांव नर्मदा नगर में सुना। जो कि हमारे खंडवा शहर से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । नर्मदा नगर में नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर बांध स्थित है और यहां पर 1000 मेगावाट बिजली बनायी जाती है । साथ ही यहां पर सागौन के वृक्ष अधिक मात्रा में पाये जाते हैं । धन्यवाद। दुर्गेश जी जानकारी देने के लिए शुक्रिया। 

नीलमः दोस्तो, अब प्रस्तुत करते हैं, अगला खत। जिसे भेजा है, पंतनगर उत्तराखंड से, वीरेंद्र मेहता ने। लिखते हैं, नमस्कार, नी हाउ - 

टी टाइम प्रोग्राम का नया अंक सुना - कोरोना काल में सचमुच लोगों के खाने-पीने व स्वच्छता को लेकर जागरूकता तो आई ही है , वही आज कल मैं भी कोरोना  की चपेट में आया हूं। और कई दिनों से मैं भी क्वारंटीन हूं । और आपने दुनिया भर में कीड़ों का व्यापार का जो आंकड़ा बताया, सचमुच हैरान करने वाला था , जो कि 297 मिलियन यूरो यानी कि लगभग 26 अरब रुपए से भी ज्यादा का है । यह तो सच है कि भारत में चीन के लोगों के बारे में थोड़ा कीड़ों के खाने को लेकर थोड़ा बहुत भ्रम तो है ही, पर आप ने उत्तरी चीन के बारे में बता कर यह भ्रम दूर कर दिया । और वहीं आपने फिलीपींस के बारे में बताया, जहां तलाक देने का कोई प्रावधान ही नहीं है व इससे जुड़े इतिहास पर संक्षिप्त में रूप से बताया। जानकारी ज्ञानवर्धक लगी । वही दो बड़ी टेक कंपनियों गूगल और फेसबुक के बीच विज्ञापन को लेकर हुए समझौते के बारे में भी सुना। और अब करोना के टीके भारत में तो तैयार हैं ही, जो कि अन्य देशों के लिए भी भेजें जा रहे हैं। इससे विदेशी राजनीतिक संबंधों में मजबूती ही नहीं बल्कि एक दूसरे को समझने में भी मदद मिलेगी । धन्यवाद सुंदर प्रोग्राम की प्रस्तुति के लिए । सीआरआई हिंदी की वेबसाइट पहले से अब कई गुना अच्छी बना दी गई है, पर आज भी कुछ प्रोग्राम कई महीनों से अपडेट नहीं हुए हैं । और प्रोग्राम  के बगल ऑडियो को डाउनलोड करने का ऑप्शन हो तो बहुत अच्छा रहेगा यह मेरा सी आर आई से सुझाव है। वीरेंद्र जी, पत्र भेजने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हम उम्मीद करते हैं कि आप जल्द से जल्द कोरोना को मात देकर स्वस्थ होंगे। कृपया डॉक्टरों द्वारा बताए जा रही सभी बातों का जरूर ध्यान रखें। और हां आपके सुझावों पर हम गौर करने की कोशिश करेंगे। 

अनिलः अब पेश है आज के प्रोग्राम का आखिरी ख़त। जिसे भेजा है, केसिंगा, उड़ीसा से पुराने व वरिष्ठ श्रोता, सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि हर बार की तरह दिनांक 21 जनवरी को प्रसारित साप्ताहिक "टी टाइम" भी ध्यानपूर्वक सुना। यूरोपीय संघ द्वारा पीले कीड़ों का सेवन करने की मंजूरी दिये जाने पर भले ही लोगों को खुशी हुई हो, हम जैसे शाकाहारी तो इससे दूर रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं।

यह जानकर अच्छा लगा कि दुनिया में फिलीपींस एकमात्र ऐसा देश है, जहां तलाक की कोई व्यवस्था नहीं है। वहाँ के लोगों को हार्दिक साधुवाद। वहीं वर्ष 2017 में फेसबुक द्वारा की गयी डिजिटल विज्ञापन बाजार से गूगल का नियंत्रण समाप्त करने की बात से मुकर जाने तथा गूगल एवं फ़ेसबुक का कुल विश्व के कुल डिज़िटल विज्ञापनों में से साठ प्रतिशत पर कब्ज़ा होने सम्बन्धी जानकारी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी।  

ब्रिटेन में टीकाकरण सम्बन्धी जानकारी के तहत 70 साल और उससे ज्यादा उम्र तथा कोविड-19 से ज्यादा जोखिम का सामना कर रहे समूह के लोगों को भी टीके लगाने के निर्णय पर दी गयी जानकारी भी काफी सूचनाप्रद कही जायेगी। तमाम जानकारियों के बाद कार्यक्रम में पेश श्रोता-मित्रों की राय एवं चुटीले जोक्स भी मन को आनंदित कर गये। धन्यवाद फिर एक सुन्दर प्रस्तुति के लिये। 

सुरेश जी, पत्र भेजने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 

अब जोक्स की बारी है। 

पहला जोक

पत्नी: जब तुम शराब पीकर आते हो तो तुम मेरे बहुत काम आते होपति: वो कैसे?पत्नी: कल रात को तुमने नशे में घर के सारे बर्तन धो दिये और मेरे पैर भी दबाये।

दूसरा जोक

पत्नी ने अपने पति को फोन लगायापत्नी: कहां हो, ऑफिस पहुंच गए क्या?पति: अरे मेरा कार से एक्सीडेंट हो गया है, मेरी टांग टूट गई है, मैं अस्पताल जा रहा हूं।पत्नी:, अच्छा ठीक है जाओ, टिफिन का ध्यान रखना टेढ़ा ना हो जाए नहीं तो..

तीसरा जोक.

भिखारी: मैडम 10 रुपये दे दो।

मैडम: यह लो लेकिन दुआ तो देते जाओ।

भिखारी: इतनी महंगी कार में तो बैठी हो, अब क्या रॉकेट में बैठोगी?

रेडियो प्रोग्राम