महामारी के दौरान सपना में क्या परिवर्तन आएगा

2021-02-10 19:59:56

महामारी के दौरान सपना में क्या परिवर्तन आएगा_fororder_梦境改变

ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन संग्रहालय ने कनाडा के पश्चिमी ओंटारियो विश्वविद्यालय के साथ मिलकर लंदन के नागरिकों को कोविड-19 के दौरान किये गये सपनों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया। लंदन संग्रहालय के डिजिटल क्यूरेटर ­­­फोर्टिनी अरावनी ने कहा कि संग्रहालय इस तरीके से महामारी के दौरान लंदन की कहानी सुनाना चाहता है।

एक साक्षात्कार में अरावनी ने कहा कि “नींद- और हमारी नींद पैटर्न- लॉकडाउन होने के तुरंत बाद बदलने वाली पहली चीजों में से एक है। मैं इस तरह का अनुभव की खोज करना चाहती हूं कि महामारी हमारे जीवन पर असर पड़ने के साथ संभवतः हमारा अवचेतन मन और यहां तक हमारा स्वप्न जीवन पर भी प्रभाव डाल सकेगी।”

उन्होंने कहा कि “संग्रहालय हमेशा ही लोगों के सपनों का वर्णन करने वाली चीज़ों को इकट्ठा कर रहा है, जो मुख्य रूप से सपनों का चित्रण और कल्पना करने वाले चित्र हैं। लेकिन लोगों के सपनों को इकट्ठा नहीं किया था।”

सुनामी से पूरी तरह से आकार अंडा सैंडविच तक, कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान लोगों के सपनों में सभी प्रकार के ज्वलंत, अजीब या परेशान करने वाले दृश्य भरे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व के अनुसंधानकर्ता कोविड-19 के कैसे लोगों के सोने पर प्रभाव की खोज कर रहे हैं।

ब्रिटेन के लंदन यूनिवर्सिटी के क्वीन मैरी अकादमी की लेक्चर वलदास नोरेइका ने कहा कि प्रारंभिक सबूतों से साबित हुआ है कि कोविड-19 के फैलने से हमारे सोने के मॉडल और सपनों के विषयों में बदलाव आया है। उदाहरण के लिए स्वप्न का वर्णन करते समय लोगों ने गुस्सा और निराशा संबंधी और अधिक शब्दों का इस्तेमाल किया और सपनों में अकसर प्रदूषण और स्वच्छता की चर्चा भी की।

नोरेइका ने कहा कि महामारी के दौरान लंदन वासियों के सपनों को इकट्ठा करने से भविष्य के इतिहासकारों, वैज्ञानिकों और कलाकारओं को अति मूल्यवान सूचना स्रोत प्रदान किया जा सकता है।

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