तिब्बत में औसत जीवन प्रत्याशा 70.6 वर्ष तक पहुंच गई है

2021-01-22 14:59:02

तिब्बत में औसत जीवन प्रत्याशा 70.6 वर्ष तक पहुंच गई है_fororder_W020201222311247747841

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के स्वास्थ्य आयोग के आंकड़ों से पता चला है कि 2019 तक, तिब्बत में औसत जीवन प्रत्याशा शांतिपूर्ण मुक्ति यानी सन 1951 के 35.5 साल से बढ़कर 70.6 साल तक पहुंच गई है। और वर्ष 2012 से 2019 तक तिब्बतियों की औसत जीवन प्रत्याशा में फिर भी 2.4 साल की वृद्धि हुई।

ल्हासा शहर के उपनगर के तींगगा गांव में रहने वाली बुजुर्ग बाचू ने खुशी से बताया कि मैं सौ वर्ष पुरानी हो गयी हूं। अब हमें किसी भी समय अस्पताल में इलाज लेने की सुविधा मिलती हैं और हमारे चिकित्सा व्यय की बीमा व्यवस्था से प्रतिपूर्ति की जा सकती है। हाल ही में बुजुर्ग बाचू के घर में गांव के लीडर और सभी रिश्तेदारों ने एकट्टे होकर वृद्ध का जन्मदिन मना किया। बुजुर्ग बाचू, जो पुराने समय में भूदास थी, ने उत्साहित होकर कहा, मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैं पुराने तिब्बत के काले वर्षों से गुजर गयी हूँ। मैं कम्युनिस्ट पार्टी को आभारी हूँ ! और मैं ने 1959 में गाँव में काडर के रूप में काम करना शुरू किया था।

तिब्बती पठार की औसत ऊँचाई चार हजार मीटर है जहां के कठोर प्राकृतिक वातावरण में सभी जीवन के परीक्षण का सामना करना पड़ता है। लेकिन आज तिब्बत में लंबी उम्र वाले वृद्धों की संख्या आधिकाधिक रूप से बढ़ती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 तक तिब्बत में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और अंडर-पाँच साल के बच्चों की मृत्यु दर क्रमशः 63.68 प्रति लाख, 8.9 प्रति हजार और 11.37 प्रति हजार तक गिरकर घटित हुई है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्वास्थ्य समिति के निदेशक कल्सांग ने कहा कि हाल के वर्षों में तिब्बत में निदान और उपचार प्रणाली के निर्माण को लगातार बढ़ावा दिया गया है। अब स्वायत्त प्रदेश, शहर, काउंटी और टाउनशिप चार स्तरों पर आम और अक्सर होने वाली बीमारी के निदान और उपचार की व्यवस्था कायम की गयी है। प्रदेश के सात शहरों में मेडिकल कंसोर्टिया की पूर्ण कवरेज प्राप्त की गयी है और सभी स्तरों पर 80 से अधिक मेडिकल कंसोर्टिया स्थापित किए गए हैं।  तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चिकित्सा गारंटी ब्यूरो के मुताबिक 1 जनवरी, 2020 से तिब्बत में शहरी और ग्रामीण निवासियों के लिए एकीकृत बुनियादी चिकित्सा बीमा प्रणाली स्थापित की गयी है और इसके तहत बुनियादी चिकित्सा उपचार, गंभीर बीमारी बीमा और चिकित्सा सहायता की  प्रणाली का गठन किया गया है। 

इसके अलावा, 2015 से तिब्बत की सहायता के लिए सामूहिक चिकित्सा सहायता की योजना के कार्यान्वयन किया गया है। पेइचिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित 8 अस्पतालों के नेतृत्व में, पेइचिंग शहर के कुल 65 तृतीयक अस्पतालों ने तिब्बती चिकित्सा संस्थानों में प्रतिभा प्रशिक्षण और विशिष्टताओं के निर्माण की जिम्मेदारी उठायी। इन की सहायता से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अस्पताल के 164 विभागों का निर्माण किया गया है, जिसमें हृदय रोग, प्रसूति व स्त्री रोग और बाल रोग जैसे 101 विभागों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। स्वायत्त प्रदेश में अस्पतालों के विकास का सुनहरे दौर में प्रवेश हो गया है।

तिब्बत में औसत जीवन प्रत्याशा 70.6 वर्ष तक पहुंच गई है_fororder_W020201222311247707788

 

तिब्बती कॉलेजों में आधा से अधिक छात्र छात्राएं हैं

यह भी उल्लेखनीय है कि जीवन स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ तिब्बती महिलाओं की स्थितियों में भी निरंतर सुधार होता रहा है। आंकड़े बताते हैं कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामान्य कालेजों और वयस्क उच्च शिक्षालयों में महिला छात्रों का अनुपात 50% से अधिक है। समाज में उच्च शिक्षित महिलाओं और वरिष्ठ महिला बुद्धिजीवियों की संख्या भी अधिक से अधिक बूढ़ती रही है।

तिब्बत विश्वविद्यालय के तिब्बती चिकित्सा विभाग की प्रधान त्सोमू ने तिब्बती कालेज में बीए और एमए पढ़ा। पर बाद में उन्हों ने ब्रिटेन और ओस्ट्रिया के कालेज़ों में पीएचडी और पोस्ट डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 2016 वे अपनी जन्मभूमि वापस लौटी। त्सोमू ने कहा कि तिब्बत में बहुत से छात्राओं ने एमए डिग्री हासिल की है जो पुराने समय यह कल्पनीय नहीं था। नये तिब्बत में सभी महिलाओं को मूल्यवान मौका तैयार किया गया है जिसे हम आभारी हैं।  

तिब्बती महिलाओं को व्यापक रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ साथ उनके राजनीति, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि में अधिकारों की पूरी गारंटी भी की गयी है। अब महिलाएं तिब्बत के आर्थिक और सामाजिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आज तिब्बती महिलाएं तिब्बत के सामाजिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और उन्हें जीवन मूल्य को महसूस करने के अधिक अवसर भी प्राप्त हैं। वर्तमान में तिब्बत के सार्वजनिक प्रबंधन विभागों में महिलाओं का अनुपात भी काफी बढ़ गया है। तिब्बती सिविल सेवकों में 33 प्रतिशत महिलाएं हैं, संसद यानी  एनपीसी के कर्तव्यों और सीपीपीसीसी में महिला सदस्यों का अनुपात क्रमशः 27.9% और 26.7% होता है। कम्युनिस्ट पार्टी की महिला सदस्यों की संख्या भी 1.1 लाख तक जा पहुंची है।   

2017 में, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने "तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में महिलाओं के लिए विकास योजना" जारी की। जिससे महिलाओं के राजनीतिक व आर्थिक स्थानों की वैधानिक तौर पर गारंटी की गयी। महिलाओं की स्थिति में निरंतर सुधार लाने से तिब्बती समाज में महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के महिला संघ की अध्यक्ष जांगत्सो राम ने कहा कि तिब्बती महिलाओं के लिए जीवन का नया रास्ता खोला गया है और उन्हें जीवन मूल्य को महसूस करने का नया अवसर तैयार किया गया है। तिब्बती महिलाओं ने तिब्बती पठार के सामाजिक विकास में अधिक से अधिक योगदान दिया है। 

रेडियो प्रोग्राम