हाल ही में चीन के दो सत्र सफलता के साथ समाप्त हुए। एनपीसी की प्रतिनिधि खुंग छिंगजू, जो छिंगहाई प्रांत के हाईपेई तिब्बती स्वायत्त स्टेट की मनयुआन काऊंटी में शिक्षा विभाग के अनुसंधान कार्यालय की उपाध्यक्ष हैं, ने संवाददाता से कहा कि शिक्षा गरीबी को दूर करने की बुनियादी नीति है, और वह जीवन को शानदार बनाने का मौका भी है। पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी को खत्म करने के लिये चीन शिक्षा पर बड़ा ध्यान देता है, ऐसी शिक्षा का विकास करता है, जिससे जनता संतुष्ट हो। ताकि ग्रामीण पुनरुत्थान रणनीति को अच्छी तरह से लागू करने के लिये ज्यादा से ज्यादा सुयोग्य व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा सके।
सुश्री खुंग के अनुसार मनयुआन काऊंटी एक जातीय क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र और पठारीय क्षेत्र है। साथ ही यह काऊंटी एक गंभीर गरीब क्षेत्र भी है। शिक्षा के विकास से जनता को गरीबी से कैसे मुक्त करवाया जाय, यह न सिर्फ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी व चीन सरकार के कार्य में एक महत्वपूर्ण भाग है, बल्कि एक शिक्षक की जिम्मेदारी भी है।
एक शिक्षक के रूप में सुश्री खुंग ने अपनी आंखों से तिब्बती क्षेत्र में शिक्षा के विकास को देखा। हाल के 30 वर्षों में कई बातों ने उनके मन में गहरी छाप छोड़ी। कई साल पहले सुश्री खुंग के क्लास में एक विद्यार्थी का बड़ा बदलाव हुआ। पहले वह विद्यार्थी बहुत सक्रिय और ध्यान से पढ़ते थे, लेकिन अचानक उनके स्कोर में कमी आ गयी, और उन्होंने शिक्षक को बताया कि वे स्कूल में पढ़ाई नहीं करना चाहते थे। बाद में सुश्री खुंग ने उनके घर का दौरा किया। फिर पता लगा कि उन बच्चे के पिता जी बीमारी से मर गये, और उनका घर कर्ज में डूबा था। माता जी के पास रोजगार के साधन नहीं थे। सभी परिवार जन एक खराब मकान में रहते थे। और घर में तीन बच्चे स्कूल में पढ़ते थे।
इस विद्यार्थी के घर से वापस लौटने के रास्ते पर सुश्री खुंग के मन में बहुत उदासी थी। उन्होंने यह निर्णय भी किया कि वे ज़रूर इस गरीब परिवार को मदद देंगी। सुश्री खुंग की बड़ी कोशिश से इस घर के तीन बच्चों को देश की उदार नीति से लाभ मिला। उन्हें शिक्षा से जुड़े सभी खर्च देने की ज़रूरत नहीं है, उन के अलावा सरकार से रहने का खर्च भी मिल सकता है। साथ ही कुछ सामाजिक कल्याण संगठनों ने भी पैसे देकर उन की मदद दी। जिससे ये बच्चे स्कूल में वापस लौटे। बाद में इस परिवार के तीनों बच्चों ने अच्छे अंकों से विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। उनमें एक बच्चे ने चीन के प्रसिद्ध छिंगह्वा यूनिवर्सिटी से पीएचडी की।
वर्ष 2018 से अब तक मनयुआन काऊंटी में कुल मिलाकर 125 ड्रॉपआउट छात्रों को स्कूल में वापस लाया गया है। वहां गरीबी उन्मूलन से जुड़ी सिलसिलेवार नीतियां लागू की गयीं। ऐसी स्थिति कभी पैदा नहीं हुई कि बच्चे घर की आर्थिक मुश्किलों से स्कूल में नहीं जा सकते। इसके अलावा मनयुआन काऊंटी ने गरीब परिवारों के 2292 श्रमिकों के लिये रोजगार का प्रबंध किया। बच्चों के मां-बाप को स्थिर आय मिलती है, तो बच्चे स्थिर पढ़ाई कर सकते हैं। अब तक मनयुआन काऊंटी के गरीब परिवारों से आए 700 से अधिक बच्चों ने उच्च शिक्षालयों में प्रवेश किया है। वे दूरस्थ पहाड़ से निकल गये हैं। अब छिंगहाई प्रांत में 15 वर्षीय शिक्षा सहायता व्यवस्था की स्थापना की गयी है। गरीबी उन्मूलन से जुड़ी विभिन्न नीतियां व्यापक रूप से लागू की गयीं। शिक्षा सहायता ने प्रांत के सभी गरीब विद्यार्थियों को कवर किया है। साथ ही स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं व शिक्षा उपकरणों में बड़ा सुधार भी किया गया। नये स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में सुंदर दृश्य बन चुके हैं।
चंद्रिमा