ची श्येनलिन
2020-12-19 15:05:35
साल 1935 के सितंबर में चीनी विद्वान ची श्येनलिन अध्ययन करने के लिए जर्मनी के गौटिंगेन विश्वविद्यालय गए। उन्होंने मुख्य रूप से भारत का अध्ययन किया।
साल 1946 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद ची श्येनलिन मातृभूमि वापस लौटे।
साल 1973 में संस्कृत में महारत हासिल करने वाले ची श्येनलिन ने भारतीय महाकाव्य "रामायण" का चीनी भाषा में अनुवाद करना शुरू किया। 10 सालों के प्रयास के बाद उन्होंने अनुवाद पूरा किया।
एक शिक्षक के रूप में, ची श्येनलिन ने पेइचिंग विश्वविद्यालय में छात्रों को चीन और भारत की संस्कृति के बारे में बताया।