अवधारणा बदलकर खुशहाल समाज के निर्माण पर ध्यान केंद्रीत

2020-11-27 11:06:30

अवधारणा बदलकर खुशहाल समाज के निर्माण पर ध्यान केंद्रीत

तिब्बत के पश्चिम में स्थित ज़ानदा काउंटी में लोगों ने होम होटल के संचालन से अपने जीवन में बहुत सुधार लाया है। त्सापारांग गांव गूग राजवंश के अवशेष के पास स्थित है। तीर्थस्थल के नजदीक होने की स्थिति से यहां होम होटल चलाने की बड़ी सुविधा मौजूद है। बहुत से पर्यटक यहां रहने आते रहे हैं। 

वर्ष 2006 में गांव वासी दोर्गी ने अपने मकान में होम होटल स्थापित किया और उसी साल उन्हें कई हजार युआन की आय प्राप्त हुई। दूसरे गांव वासियों ने भी यह देखकर अपना अपना होम होटल खोलना शुरू किया। गांव वासी थेन्चेन ने भी बिस्तर जैसे उपकरण खरीदकर अपना होटल चलाना शुरू किया। अब उन के होम होटल में बीस बिस्तर हैं और प्रति बिस्तर के लिए आवास शुल्क प्रति रात 100 युआन होता है। महामारी प्रभाव होने के बावजूद उन के होम होटल की दस हजार युआन की शुद्ध आय प्राप्त हुई। अब त्सापारांग गांव में दर्जनों होम होटल चलाये गये हैं और उन्हें प्रति वर्ष कई हजार युआन की आय प्राप्त हो सकती है। 2018 में त्सापारांग गांव को आदर्श सीमावर्ती गांव बनाया गया। सरकार की सहायता से गांव वासियों को अधिक बड़े मकान निर्मित किये गये। और काउंटी की सरकार ने भी गांव वासियों को आधुनिक ढ़ंग से होम होटल चलाने का प्रशिक्षण किया। बेहत्तरीन सेवाओं से और अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा और गांव वासियों की आय भी निरंतर बढ़ जाएगी।

गांव के मुखिया ने कहा कि पर्यटन करने के साथ साथ गांव वासियों की स्वास्थ्य संबंधी आदतों में भी बहुत सुधार हुआ है। स्थानीय लोगों को धीरे-धीरे अकसर हाथ धोने और कमरे की सफाई करने की आदत प्राप्त हो गयी है। और गांव में लोग अकसर एक दूसरे से होम होटल चलाने के अनुभवों का आदान प्रदान भी करते हैं। काउंटी सरकार के एक वरिष्ठ अफसर का कहना है कि होम होटल चलाने का उद्देश्य केवल आय बढ़ाना नहीं है। क्योंकि आधुनिक पर्यटन का विकास करते समय स्थानीय लोगों की आधुनिक और सभ्यतापूर्ण जीवन-शैली हो गयी है, जो खुशहाल जीवन का निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण है। और इससे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोगों में अपने हाथों और दिमाग के सहारे पैसा कमाने और अमीर बनाने की अवधारणा पैदा होने लगी है और लोगों को अपना जीवन बदलने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। 

हाल में चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय ने तिब्बत में गरीबी उन्मूलन की स्थितियों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। जिसमें जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 के अंत तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सभी गरीब काउंटियों में गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य साकार किया जा चुका है। गरीब लोगों की वार्षिक आय वर्ष 2015 से 1499 युआन से 9328 युआन तक बढ़ गयी है। गरीबी उन्मूलन के कार्यों पर लोगों की संतुष्टि दर 99% तक रही। स्वायत्त प्रदेश की पार्टी समिति के प्रमुख वू ईंग च्ये ने कहा कि तिब्बत में गरीबी उन्मुलन कार्यों में प्राप्त उपलब्धियों से समाजवादी व्यवस्था तथा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की जातीय नीतियों की श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया गया है। 

वर्ष 2016 से तिब्बत में गरीबी उन्मुलन को साकार करने के लिए कुलमिलाकर चालीस अरब युआन की पूंजी डालकर 2984 परियोजनाएं लागू की गयी हैं। सरकार की सहायता से 2.6 लाख लोगों को स्थानांतरित किया गया और 1.7 लाख गरीब लोगों को व्यवसायिक प्रशिक्षित किया गया। कॉलेज के स्नातकों की रोजगार दर भी 90% से ऊपर बनी हुई है। इस के साथ ही भीतरी इलाकों से लगभग दो लाख कर्मचारियों को तिब्बत के गरीबी उन्मुलन कार्यों में शामिल करवाने के लिए भेजा गया है। इस के बाद तिब्बत गरीबी उन्मूलन के कार्यों को समेकित करेगा, और वर्तमान नीतियों का कार्यांवयन जारी रखेगा, ताकि लोगों को फिर गरीब न बनने की गारंटी की जाए। 

अवधारणा बदलकर खुशहाल समाज के निर्माण पर ध्यान केंद्रीत

आधुनिक कृषि का विकास : युवा लोग अपने गृहनगर में लौटकर कृषि कार्यकर्ता बने हैं

हाल के वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा शहर में आधुनिक कृषि का जोरों पर विकास किया जा रहा है। बहुत से युवा लोग अपने गृहनगर लौट आए हैं और कृषि औद्योगिक श्रमिकों में बदल गए हैं, जिससे कृषि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया गया है। उदाहरण के लिए निम्मू काउंटी में निर्मित आधुनिक कृषि उत्पादन अड्डे के ग्रीन हाउस में टमाटर, खीरा, कद्दू, तरबूज और अन्य फलों और सब्जियों का अच्छी तरह रोपण किया गया है। वर्ष 2019 में स्थापित इस कृषि अड्डे में अभी तक 3835 वर्ग मीटर स्मार्ट ग्रीनहाउस और 12180 वर्ग मीटर सौर ग्रीनहाउस का निर्माण किया गया है। उनमें मिर्च, टमाटर, तोरी, बैंगन, तरबूज और खरबूजा आदि बोये गये हैं। 

लेकिन स्थानीय लोगों को आधुनिक कृषि के उत्पादन में शामिल करवाने के लिए प्रतीभाओं का प्रशिक्षण करना पड़ता है। किसानों को ग्रीन हाउस में सब्जियों का रोपण करने की रुचि नहीं थी, और कौशल भी नहीं। इसमें सुधार लाने के लिए कार्यकर्ताओं ने किसानों को समझाने और उन्हें प्रशिक्षित कराने का बहुत काम किया। आधुनिक कृषि का लाभ देखकर किसानों की इच्छा भी बढ़ी है। किसान थाशी वर्ष 2019 में अपने जन्मस्थल में वापस लौटकर आधुनिक कृषि के पार्क में काम करना शुरू किया। अभी तक थासी ने खेती, नर्सरी, निषेचन और प्रबंधन सहित रोपण तकनीक हासिल की है। अब थाशी ने अनुबंध पर लिए अपने ग्रीन हाउस में सब्जियों का रोपण शुरू किया है। इसे देखकर दूसरे किसानों ने भी आधुनिक कृषि के उत्पादन में शामिल करने की इच्छा व्यक्त की। ल्हासा में आधुनिक कृषि प्रदर्शन पार्क स्थानीय लोगों के लिए आय बढ़ाने का नया इंजन बन गया है।

अभी तक ल्हासा शहर में कई आधुनिक कृषि और पशुपालन पार्क स्थापित हो गये हैं और हजारों किसानों ने आधुनिक कृषि के कार्यो में भाग लिया है। अधिक से अधिक युवा लोग आधुनिक कृषि उत्पादन में भाग लेने और कृषि श्रमिक बनने के लिए अपने गृहनगर लौट गये हैं। किसानों की आय बढ़ने के साथ-साथ कृषि अर्थव्यवस्था का भी तेजी से विकास किया जा रहा है।  

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