शी चिनफिंग ने एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण पर प्रकाश डाला

2020-11-21 17:13:31

शी चिनफिंग ने एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण पर प्रकाश डाला

पिछले साल नवंबर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स देशों के नेताओं की ब्रासीलिया बैठक में खुलेपन, सहनशीलता, नवाचार, वृद्धि, आपसी संपर्क, सहयोग व समान जीत वाले एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण को पेश किया था। इस वर्ष के 20 नवंबर को शी चिनफिंग ने एपेक नेताओं के 27वें अनौपचारिक सम्मेलन में इस बात पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला।

शी चिनफिंग ने एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण पर प्रकाश डाला

20 नवंबर की रात को शी चिनफिंग ने वीडियो के माध्यम से एपेक नेताओं के 27वें अनौपचारिक सम्मेलन में भाग लिया। यह एक महत्वपूर्ण सम्मेलन है। शी चिनफिंग ने भाषण देते समय कहा कि इस वर्ष एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य वर्ष 2020 के बाद सहयोग परियोजना को शुरू करना है।

शी चिनफिंग ने एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण पर प्रकाश डाला

उसी दिन के सम्मेलन में वर्ष 2040 एपेक पुत्रजया परियोजना पारित की गयी। पुत्रजया एपेक के वर्तमान मेजबान देश मलेशिया का एक मशहूर शहर है। इस परियोजना के अनुसार वर्ष 2040 तक एक खुलेपन, शक्तिशाली, मजबूत व शांतिपूर्ण एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय का निर्माण पूरा होगा।

शी चिनफिंग ने एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण पर प्रकाश डाला

यह परियोजना आगामी 20 वर्षों में एपेक का नेतृत्व करने वाला एक दस्तावेज बनेगी। शी चिनफिंग ने उसी दिन के भाषण में कहा कि हमें इस नयी शुरूआत के आधार पर एशिया-प्रशांत सहयोग का नया चरण शुरू करना चाहिये।

शी चिनफिंग ने एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण पर प्रकाश डाला

उसी रात को शी चिनफिंग के भाषण का मुद्दा है《हाथ में हाथ डालकर एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय का निर्माण करें》। इस में शामिल चार केंद्रीय विषयों में शी चिनफिंग ने सब से पहले खुलेपन व सहनशीलता पर बल दिया। वर्ष 2013 के अक्तूबर को जब उन्होंने पहली बार एपेक नेताओं के अनौपचारिक सम्मेलन में भाग लिया, तो उन्होंने बल देकर कहा कि चीन एशिया-प्रशांत की क्षेत्रीय एकता के लिये लाभदायक सभी तंत्र व प्रबंध के प्रति खुला रुख अपनाता है।

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इस महीने की 15 तारीख को चीन व अन्य 14 देशों ने औपचारिक रूप से आरसीईपी पर हस्ताक्षर किये। आम राय है कि यह बहुपक्षवाद और मुक्त व्यापार की विजय है। 20 नवंबर के भाषण में शी चिनफिंग ने कहा कि चीन ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया। साथ ही चीन सक्रिय रूप से सीपीटीपीपी में शामिल करने पर विचार कर रहा है।

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सीपीटीपीपी वर्ष 2018 के 30 दिसंबर को औपचारिक रूप से कारगर हुआ था। इसमें जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चिली, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई, मलेशिया, वियतनाम, मैक्सिको और पेरू आदि 11 देश शामिल हुए हैं। जो कि 49.8 करोड़ जनसंख्या को कवर करता है।

शी चिनफिंग ने एशिया-प्रशांत साझा नियति समुदाय के निर्माण पर प्रकाश डाला

शी चिनफिंग ने कहा कि हमें लगातार क्षेत्रीय एकीकरण को मजबूत करना चाहिये, ताकि जल्द ही एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र का निर्माण पूरा हो सके। वर्ष 2006 में एपेक हनोई सम्मेलन में पहली बार एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र के निर्माण को एक दीर्घकालीन लक्ष्य निश्चित किया गया । वर्ष 2014 के नवंबर को एपेक पेइचिंग सम्मेलन में एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र शुरू करने का ऐतिहासिक फैसला किया गया। और पेइचिंग रोड मैप की अनुमति भी दी गयी। शी चिनफिंग ने कहा कि एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र में जाने का रास्ता समतल नहीं होगा, लेकिन हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिये।

चंद्रिमा

रेडियो प्रोग्राम