जनता के हितों का ख्याल रखकर मानव साझा नियति समुदाय का विचार कायम रखें- शी चिनफिंग

2020-11-17 21:11:44

जनता के हितों का ख्याल रखकर मानव साझा नियति समुदाय का विचार कायम रखें- शी चिनफिंग

ब्रिक्स देशों के नेताओं की 12वीं बैठक 17 नवंबर की रात को वीडियो के माध्यम से आयोजित हुई। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस में भाग लिया और महत्वपूर्ण भाषण दिया।

शी चिनफिंग ने बल देकर कहा कि वर्तमान में महामारी और वैश्विक परिवर्तन एक साथ आये हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्थिति का परिवर्तन गहन रूप से चल रहा है। और मानव समाज सौ वर्षों में सब से गंभीर महामारी से जूझ रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था भी पिछली शताब्दी के 30वें दशक के बाद सब से गंभीर मंदी में फंस गयी। हमें विश्वास है कि शांति व विकास इस युग का मुद्दा नहीं बदला है। दुनिया का बहुध्रुवीयकरण और आर्थिक वैश्वीकरण यह ऐतिहासिक रुझान भी नहीं बदलेगी। हमें जनता के हितों का ख्याल रखना चाहिये, मानव साझा नियति समुदाय का विचार कायम रहना चाहिये, और वास्तविक कार्रवाई से सुन्दर दुनिया का निर्माण करने में अपना योगदान देना चाहिये।

शी चिनफिंग ने बल देकर कहा कि बहुपक्षवाद व एकपक्षवाद के बीच, निष्पक्षता व प्रभुत्ववाद के बीच के संघर्ष के सामने ब्रिक्स देशों को अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता व न्याय की रक्षा करनी, बहुपक्षवाद का समर्थन देना, संयुक्त राष्ट्र चार्टर की रक्षा करनी, संयुक्त राष्ट्र संघ से केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करनी, और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय आदेश की रक्षा करनी चाहिये। विभिन्न देशों को एक दूसरे की सामाजिक व्यवस्था, आर्थिक मॉडल और विकास के रास्ते का सम्मान करना चाहिये। साथ ही समानता, व्यापक, सहयोग व अनवरत सुरक्षा विचार का विकास करना, वार्ता से मतभेदों का समाधान करना, और अन्य देशों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने का विरोध करना, एकपक्ष से प्रतिबंध लगाने का विरोध करना, और एक साथ शांतिपूर्ण व स्थिर विकास वातावरण का निर्माण करना चाहिये।

शी चिनफिंग ने बल देकर कहा कि हाल के एक साल में महामारी की रोकथाम करने के अभ्यास से यह जाहिर हुआ है कि अगर हम मिल-जुलकर काम करते हैं, और वैज्ञानिक रूप से महामारी की रोकथाम करते हैं, तो वायरस का फैलाव नियंत्रण में किया जा सकता है। हमें एकता से मतभेदों की जगह लेने और तर्कसंगत सोच से पक्षपात की जगह लेने को बढ़ावा देना चाहिये, और महामारी की रोकथाम के लिये विभिन्न देशों की सबसे बड़ी शक्ति इकट्ठा करनी चाहिये।                                       

शिखर बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जोर दिया कि ब्रिक्स देशों के टीका अनुसंधान केंद्र के निर्माण के लिए चीन ने चीनी सेंटर की स्थापना की। चीन ऑनलाइन और ऑफलाइन के तरीकों से पाँच देशों के टीके के संयुक्त अनुसंधान और प्रशिक्षण को आगे बढ़ाएगा। साथ ही सहयोग कर कारखानों का निर्माण करेगा, अधिकृत उत्पादन करेगा, एक दूसरे के मापदंड को मान्यता देगा। शी ने कहा कि महामारी का इस्तेमाल कर चीन के साथ तथाकथित आर्थिक अलगाव करने का ढिंढोरा बजाने से अंततः अपने देश और विभिन्न देशों के समान हितों को नुकसान पहुंचाया जाएगा। हालिया परिस्थिति में हमें दृढ़ता से खुलेपन की विश्व अर्थव्यवस्था की रचना करनी चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

अपने भाषण में शी ने कहा कि चीन विभिन्न देशों के साथ ब्रिक्स देशों की नयी औद्योगिक क्रांतिकारी साझेदारी संबंधों के निर्माण को तेज करेगा और चीन के फूच्येन प्रांत के श्यामन शहर में ब्रिक्स देशों के एक अड्डे की स्थापना करेगा। ताकि नीतिगत समन्वय, सुयोग्य व्यक्तियों का प्रशिक्षण और प्रॉजेक्ट का विकास आदि क्षेत्रों का सहयोग किया जा सकें। शी ने जोर दिया कि विकास सभी समस्याओं का हल करने की मुख्य चाबी है। महामारी के असर को मिटाने या मुठभेड़ को शांत करने के लिए हमें जनता के केंद्र वाले विकास पर निर्भर करना चाहिए। चीन अंदरूनी मांग का विस्तार कर सुधार को गहरा करेगा। चीन में खुलेपन का द्वार कभी बंद नहीं  होगा, जब कि और बड़ा होगा। चीन और सक्रिय रूप से विश्व बाजार में शामिल होगा, और गहन रूप से वैदेशिक सहयोग करेगा, ताकि विश्व आर्थिक पुनरुद्धार और विकास के लिए और ज्यादा मौके प्रदान किए जा सकें।

मौसम परिवर्तन की चर्चा में शी चिनफिंग ने बताया कि चीन खुद के विकास स्तर के अनुकूल में अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्य निभाएगा और मौसम परिवर्तन का निपटारा करने के लिए कठोर प्रयास करेगा। इस संदर्भ में चीन अपने वचनों का पालन करेगा।

अंत में शी चिनफिंग ने कहा कि हम एक ही जहाज पर सवार हैं। भारी तूफान में हमें दिशा को निश्चित देकर एकता व सहयोग करना चाहिए, ताकि यह जहाज और स्थिर रूप से और सुन्दर भविष्य की ओर चल सके।

गौरतलब है कि ब्रिक्स देशों की 12वीं शिखर बैठक वीडियो के रूप में बुलायी गयी है। इस बैठक में व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा के साथ कोरोनावायरस के चलते हुए नुकसान की भरपाई के उपायों जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठक में शामिल हैं।

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