तिब्बती पठार का भविष्य बेहतर बनाया जाएगा

2020-10-28 10:53:33 CRI

तिब्बती पठार का भविष्य बेहतर बनाया जाएगा

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी चिनफिंग ने हाल में आयोजित सातवें केंद्रीय तिब्बत कार्य सम्मेलन में कहा कि देश पर शासन करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों को स्थिर करना चाहिए। और इसमें तिब्बत का सर्वप्रथम स्थान प्राप्त है। नयी स्थितियों के मुकाबले में हमें पार्टी के सिद्धांतों के मुताबिक तिब्बत के विकास में सुधार लाना और आजीविका कार्यों को आगे बढ़ावा देना चाहिये। महासचिव के बयान से नये युग में तिब्बत संबंधी कार्यों के कार्यांवयन के लिए मूल आधार प्रदान करता है।

तिब्बत का कार्य पार्टी और देश के कार्यों की समग्र स्थिति से संबंधित है। पार्टी की केंद्रीय कमेटी तिब्बत को हमेशा बहुत महत्व देती है। सुधार और खुलेपन के बाद से पार्टी की केंद्रीय कमेटी ने तिब्बत के काम पर छह बार सम्मेलन आयोजित किए हैं और हर बार वास्तविक परिस्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद पार्टी की केंद्रीय कमेटी तथा महासचिव शी चिनफिंग ने पुराने अनुभवों का सिंहावलोकन कर नए युग में तिब्बती कार्य पर पार्टी की रणनीति बनाई है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का जीडीपी लगभग 1.7 खरब युआन तक रहा है जो वर्ष 1959 की तुलना में दो सौ गुणा अधिक रहा है। तिब्बती लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा 35.5 वर्ष से बढ़कर 70.6 वर्ष हो गई। इसी के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण में सुधार जारी रहा है, पारिस्थितिक सुरक्षा को मजबूत बनाया गया है, शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं में निरंतर प्रगति प्राप्त हो गयी है और तिब्बती लोगों में खुशी और सुरक्षा की भावना भी बहुत बढ़ गयी है।

तिब्बत चीन में एक महत्वपूर्ण सीमावर्ती जातीय क्षेत्र है और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित होने की वजह से तिब्बत को अलगाववाद के खिलाफ लड़ाइयों का सामना करना पड़ता है। समाजवादी आधुनिक तिब्बत का निर्माण करने के लिए हमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व, चीनी विशेषता वाली समाजवादी व्यवस्था और क्षेत्रीय जातीय स्वायत्तता की व्यवस्था पर डटा रहना चाहिये। हमें विभिन्न जातीय समूहों के आदान-प्रदान और एकीकरण को बढ़ावा देना चाहिए, धर्म के स्थानीयकरण की दिशा का पालन करना चाहिए, पारिस्थितिक संरक्षण पर जोर देना चाहिए और पार्टी के राजनीतिक निर्माण को मजबूत करना चाहिए।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के गरीबी उन्मूलन कार्यालय के मुताबिक अभी तक तिब्बत में 6.2 लाख लोगों को गरीबी से छुटकारा पाया है और 74 काउंटियों को भी गरीबी क्षेत्र की नामसूची में से निकाला गया है। बहुत से स्थानीय लोगों ने सरकार की मदद से पर्यटन, होम होटल, हस्तशिल्पी, बाँस की बुनाई, ग्रीन हाउस आदि के विकास से अपने जीवन में सुधार लाया। उधर सरकार ने पूंजी लगाकर पानी, बिजली, सड़क, दूरसंचार, नेटवर्क आदि बुनियादी उपकरणों का निर्माण किया और गरीब क्षेत्रों में जीवित वातावरण में बहुत सुधार हुआ है। उदाहरण के लिए शाननान शहर की लूंगत्ज़ी काउंटी में कुल 244 ग्रीन हाउस निर्मित हो चुके हैं जिनमें सब्जियों का रोपण होता है। गोभी, फूलगोभी, टमाटर, मूली, तरबूज आदि सब का ऑर्गेनिक तरीके से रोपण किया गया है। सब्जियों के अलावा स्थानीय किसानों ने पशुपालन करने में भी उन्नतिशील तकनीकों का इस्तेमाल किया है।

आर्थिक विकास के चलते सांस्कृतिक जीवन में सुधार लाने की बड़ी आवश्यकता है। अब शाननान शहर के अनेक गांव में अपने सांस्कृतिक केंद्रों का निर्माण किया गया है। साथ ही स्थानीय सरकार ने सड़कों के निर्माण को विशेष महत्व दिया है। क्योंकि बुनियादी उपकरणों के निर्माण से अन्य सभी उद्योगों का विकास किया जा सकता है। बहुत से गांवों में सीवेज ट्रीटमेंट स्टेशन निर्मित किये गये हैं और स्ट्रीट लाइट व टर्फ भी रखे हुए हैं।

आर्थिक लाभ की तुलना में पारिस्थितिक संरक्षण अधिक महत्वपूर्ण है। शाननान शहर में पौधे के अंकुर प्रजनन आधार का निर्माण हुआ। केंद्र और स्वायत्त प्रदेश ने भी इस परियोजना में पूंजी लगायी है। जिसमें सैकड़ों रोजगार मौका तैयार हो जाएंगे। परियोजना लागू करने के साथ-साथ पारिस्थितिक बहाली के संदर्भ में उपलब्धियां भी हासिल की गयी हैं। स्थानीय लोगों को यह महसूस है कि "हरित पहाड़ सुनहरे पहाड़ ही हैं"। मिसाल के तौर पर न्यिंग-ची शहर के पाची गांव में अनेक पुराने साइप्रेस पेड़ उगते हुए हैं जिन का अच्छी तरह से देखभाल हो रहा है। स्थानीय लोगों ने यहां पुराने साइप्रेस पार्क स्थापित किया और प्रति वर्ष बहुत से पर्यटकों को आकर्षित हुआ है।


पारिस्थितिक पर्यटन के विकास से हुआ सीमावर्ती गांवों का न्यू लुकिंग


शाननान शहर के मामा क्षेत्र का अत्यंत सुन्दर प्राकृतिक दृश्य है। जहां जंगल, नदियां, वॉटरफॉल और तरह तरह जंगली जानवर नजर आ रहे हैं। पहले यहां के गांव वासी खेती पर निर्भर थे और उन की आय बहुत लिमिट हुई। वर्ष 2015 में सरकार ने गरीबी क्षेत्रों के गांववासियों का स्थानांतरण करवाया और सभी गांव वासियों को नये मकान निर्मित किये। स्थानीय प्रकृति के सहारे गांव वासियों ने होम होटल का विकास किया। अब मामा क्षेत्र के पारिस्थितिक सभ्यता प्रदर्शन गांव में कुल 62 नये मकान निर्मित हो गये हैं, गांववासियों ने सरकार के मार्गनिर्देशन और आर्थिक सहायता से चार होम होटल, पाँच रेस्त्रां, कई टी हाउस, दुकान और हस्तशिल्पी केंद्र स्थापित किये हैं। आज मामा क्षेत्र में सभी गांव वासियों के घर में नल पानी, आधुनिक शौचालय और इंटरनेट आदि उपकरणों से लैस है। सीमावर्ती गांव के जीवित वातावरण में बहुत सुधार हुआ है और इसे "चीन का सुंदर अवकाश गांव" तथा "राष्ट्रीय ग्रामीण पर्यटन गांव" का नाम दिया गया है।

मामा क्षेत्र के पास स्थित मेनबा जातीय क्षेत्र को चाय का रोपण करने की विशेषता प्राप्त है। और इस के विशेष सुन्दर दृश्य से भी बहुत से पर्यटकों को आकर्षित किया गया है। सरकार की मदद से गांव वासियों ने पर्यटन से जुड़े आधुनिक फार्म स्थापित किया। जिसमें पारिस्थिक कृषि के साथ-साथ पर्यटन का विकास भी किया जा रहा है। फार्म में आसपास लोगों को रोजगार का मौका तैयार किया गया और कर्मचारियों की औसत आय कई हजार युआन तक रही है।

तिब्बती पठार के बर्फ से ढकी घास के मैदानों पर चलते चलते लोगों की आंखों में मवेशी और भेड़ समूहों की खुशीजनक दृश्य नजर में आ रहे हैं। पांव के नीचे भूमि की ऊंचाई बढ़ती और गिरती के चलते, तिब्बत के हजारों अलग-अलग स्वरूप भी दिखते रहे हैं। नीले आकाश के नीचे इस विशाल जमीन पर आज लोग अपने घरों का निर्माण करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे पवित्रता और कड़ी मेहनत के साथ बेहतर जीवन विकसित कर रहे हैं। तिब्बती पठार का भविष्य और बेहतर बनाया जाएगा

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