चीन ने वैश्विक महिला कार्य को आगे बढ़ाया
दोस्तों, हाल ही में चीनी राष्ट्रीय महिला संघ और संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यक्रम ने पेइचिंग में संयुक्त रूप से एक बैठक आयोजित करके पेइचिंग विश्व महिला महासभा की 25वीं वर्षगांठ यानी विश्व महिला शिखर सम्मेलन की 5वीं वर्षगांठ की याद की।
गौरतलब है कि पेइचिंग विश्व महिला महासभा और विश्व महिला शिखर सम्मेलन दोनों महिला कार्य के विकास में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं। पहली महासभा का पैमाना अभूतपूर्व है। जिस में 197 देशों व क्षेत्रों से आए नेताओं व प्रतिनिधियों समेत 17.6 हजार लोगों ने भाग लिया था। विभिन्न पक्षों के प्रतिनिधियों ने महिलाओं के प्रति हिंसक कार्रवाई को बंद करने, पुरुषों व महिलाओं के बीच असमानता को दूर करने आदि मामलों पर विचार-विमर्श किया। अंत में《पेइचिंग घोषणा पत्र》और《कार्रवाई योजना》पारित किये गये हैं। उधर विश्व महिला शिखर सम्मेलन का आयोजन चीन व संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यक्रम द्वारा एक साथ किया गया था। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस में भाग लिया और इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। उन्होंने पेइचिंग विश्व महिला महासभा की भावना का विकास करने, महिलाओं के व्यापक विकास को मजबूत करने, सुन्दर दुनिया का एक साथ निर्माण करने व साझा करने पर प्रकाश डाला। जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की व्यापक प्रतिक्रिया मिली।
मंच की तैयारी में जुटे चीनी राष्ट्रीय महिला संघ के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के पूर्व प्रधान लुंग च्यांगवेन ने कहा कि वर्ष 1995 में पेइचिंग में आयोजित विश्व महिला महासभा में चीनी नेता ने पहली बार विश्व के सामने यह वचन दिया कि चीन पुरुषों व महिलाओं की समानता को एक बुनियादी राष्ट्रीय नीति के रूप में लागू करेगा। पेइचिंग विश्व महिला महासभा ने चीन के महिला कार्य के विकास को तेज किया।
वर्ष 2019 में चीन सरकार ने एक श्वेत पत्र जारी कर चीन में महिला कार्य के विकास में प्राप्त उपलब्धियां दिखायीं। वर्ष 2015 में महिलाओं की औसत प्रत्याशित उम्र 79.4 वर्ष है, जो नये चीन की स्थापना के समय की अपेक्षा 42.7 वर्ष अधिक हो चुकी है। वर्ष 2018 में पूरे चीन में गर्भवती महिलाओं की मृत्य दर 18.3 प्रति लाख है, जो वर्ष 1990 की 88.8 प्रति लाख की अपेक्षा 79.4 प्रतिशत कम हुई है। चीन ने समय से पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य को पूरा किया।
इस के अलावा चीन के पूरे समाज के रोजगार में 40 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। वर्ष 2017 में सारे चीन में 34 करोड़ महिलाओं को रोजगार मिला, जो वर्ष 1978 की अपेक्षा दुगुना हो गयी। वर्ष 2017 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीन सरकार के विभिन्न विभागों में महिला अधिकारियों की संख्या 19 लाख 6 हजार तक पहुंच गयी। गौरतलब है कि यह संख्या चीन में सुधार व खुलेपन के आरंभ में केवल 4 लाख 22 हजार थी। इससे जाहिर हुआ है कि आर्थिक व सामाजिक विकास में महिलाओं की भूमिका ज्यादा से ज्यादा महत्वपूर्ण बन रही है।
शांगहाई विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध व सार्वजनिक मामला कॉलेज की उप शोधकर्ता थांग पेई ने कहा कि महिलाओं के प्रति अनुचित नीति को दूर करना चाहिये। संयुक्त राष्ट्र संघ के《महिलाओं के प्रति सभी भेदभावों को दूर करने के संधि》पर सब से पहले हस्ताक्षर करने वाले सदस्य देश के रूप में चीन पर यह जिम्मेदारी होती है कि महिलाओं का बुनियादी सम्मान व रक्षा करने के बाद उन के समर्थन को और उन्नत करने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यक्रम की कार्यकारी अध्यक्ष मलामबो न्गकुका ने कई बार यह चेतावनी दी कि महामारी से पहले मौजूद असमानता और गंभीर हो चुकी है। साथ ही महिलाओं के प्रति हिंसक कार्रवाई स्पष्ट रूप से बढ़ रही है। जिससे महिला कार्यों में 25 वर्षों की कोशिश शायद बेकार होगी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पेइचिंग घोषणा पत्र और कार्रवाई योजना में शामिल केंद्रीय भावना का विकास करने के लिये एक साथ कोशिश करने की अपील की।
चीन में स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यवाहक समन्वयक डॉ. बाबातुंडे अहोंसी के विचार में चीन द्वारा उठाये गये सिलसिलेवार कदम प्रशंसनीय हैं। 14वीं पंचवर्षीय योजना और महिलाओं के विकास की नयी योजना आदि मार्गदर्शन दस्तावेज लिंग संतुलन और महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित कर सकेंगे, और मौजूदा अंतराल व चुनौतियों का समाधान तेजी से कर सकेंगे।
अब तक चीन ने संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यक्रम के लिये एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का दान किया है। जो विकासशील देशों में सबसे अधिक है। साथ ही चीन ने महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े 133 कार्यक्रमों को पूरा किया है, विकासशील देशों में से 30 हजार से अधिक महिलाओं को चीन में आकर प्रशिक्षण लेने का आमंत्रण किया, 13 देशों में चीनी-विदेशी महिला प्रशिक्षण (आदान-प्रदान) केंद्रों की स्थापना की, और बेल्ट एंड रोड से संबंधित देशों को सामग्री या पैसे देकर स्थानीय महिलाओं को जीवन व उत्पादन की स्थिति का सुधार करने के लिये मदद दी। उन के अलावा महामारी के दौरान चीन सरकार ने अफ़्रीकी प्रथम महिला विकास संघ द्वारा 53 अफ़्रीकी देशों की महिलाओं व बच्चों को एंटी-महामारी सामग्री की आपूर्ति दी।
गौरतलब है कि महिला कार्य अन्य क्षेत्रों की सफलता से संबंधित है। चीन में 70 करोड़ से अधिक गरीब आबादी में आधी महिलाएं हैं। अगर महिलाएं गरीबी से मुक्त नहीं हुई, तो मानव गरीबी को दूर नहीं कर सकेगा। 74वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मोहम्मद-बंदी ने कहा कि शांतिपूर्ण, सहनशील व लोकतंत्रीय समाज प्राप्त करने के लिये व्यापक रूप से महिलाओं के हितों व अधिकारों की रक्षा करनी होगी। श्वेत पत्र से《संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर चीन के रूख दस्तावेज》तक चीन ने बारी बारी विभिन्न देशों के साथ महिला क्षेत्र में आदान-प्रदान व सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक सदस्य देश के रूप में चीन निरंतर रूप से लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा। चीन विश्व में महिला कार्य को बढ़ावा देने के साथ मानव साझा नियति समुदाय के निर्माण को भी मजबूत कर रहा है।