चीन सक्रियता से लगा है ओजोन परत के संरक्षण में

2020-09-17 16:11:53 CRI

चीन सक्रियता से लगा है ओजोन परत के संरक्षण में

16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस है ।इस साल का मुख्य विषय था कि जीवन की रक्षा करने वाला ओजोनः ओजोन परत संरक्षण की 35वीं वर्षगांठ। इसका मुख्य अभिप्राय वर्ष 1985 में संपन्न ओजोन परत संरक्षण के वियना समझौते की याद करना था ।तीस से अधिक वर्षों में चीन ने सक्रियता से इस समझौते का पालन कर ओजोन परत संरक्षण और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने में बड़ा योगदान दिया है ।

वायु में ओजोन परत ऐसी है जहां ओजोन की घनता अधिक ऊंची है ।ओजोन सूर्य प्रकाश के कुछ पराबैगनी किरणों को सोख सकता है ,जिससे पृथ्वी पर रह रहे जीव जरूरत से ज्यादा पराबैगनी किरणों के नुकसान से बच सकते हैं ।वैज्ञानिक अनुसंधान से पता चला कि कूलिंग एजेंट और फ़ोमिंग एजेंट जैसे रासायनिक वस्तुओं के व्यापक प्रयोग से ओजोन का खपत करने वाला पदार्थ ओडीएस बड़ी मात्रा में निकाला जाता है ,जिस से ओजोन परत पर गंभीर नुकसान पहुंचता है । बताया जाता है कि अगर ओज़ोन परत में 1 प्रतिशत बढ़ोतरी होती है ,तो मानव में त्वचा कैंसर की दर 4 से 6 प्रतिशत बढ़ती है और अंधा होने वालों की संख्या 10 हजार से 15 हजार से बढ़ती है ।अगर ओजोन परत की मोटाई 25 प्रतिशत घटेगी ,तो सोयाबीन की पैदावार में 20 से 25 प्रतिशत कमी आएगी ।इस के अलावा ओजोन परत नष्ट होने के बाद जलवायु पर बुरा असर पड़ेगा और मानव के अस्तित्व तथा विकास का पर्यावरण आपदा का सामना करेगा ।

चीन सक्रियता से लगा है ओजोन परत के संरक्षण में

पिछली सदी के 80 वाले दशक में दक्षिण ध्रुव के ऊपर ओजोन होल निकलने के बाद चीन समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस मुद्दे पर बड़ा ध्यान दिया ।अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने वर्ष 1985 में ओजोन परत संरक्षण पर वियना समझौता बनाया ,जिस ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ओजोन परत की सुरक्षा के सिद्धांत निर्धारित किये ।वर्ष 1987 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मांनट्रियल संधि बनायी ,जिस ने ओजोन परत संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग का ढांचा तय किया ।

16 सितंबर को पेइचिंग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाने की महासभा पर चीनी उप पर्यावरण मंत्री चाओ इंग मिन ने बताया कि 35 वर्षों में 198 देशों ने समझौते और मोनट्रील संधि में भाग लिया ।समान कोशिशों से 99 प्रतिशत ओडीसी पदार्थ का निष्पादन किया गया है ।उन्होंने कहा ,ओजोन संरक्षण संधि का कार्यान्वयन अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मिलकर वैश्विक पर्यावरण सवाल का निपटारा करने और मानव समुदाय के साझे भविष्य के निर्माण का मिसाल बन चुका है ।

चाओ इंग मिन ने बताया कि तीस से अधिक साल में चीन ने संबंधित समझौते और संधि का पालन कर ओजोन परत संरक्षण और ग्रीन हाउस गैस निकासी की कमी के लिए बड़ा योगदान दिया है ।उन्होंने बताया ,चीन ने राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण नेतृत्वकारी दल स्थापित किया और इस दल के अगुवाई में प्रांत ,शहर और काउंटी तीन स्तरीय समंवित प्रबंधन व्यवस्था भी स्थापित की ।चीन ने जोओन संरक्षण से जुड़े 100 से अधिक नियम व नीतियां जारी कीं और रासायनिक उत्पादन ,कूलिंग ,तंबाकू समेत 31 व्यवसायों में ओडीएस घटाने की योजना बनायी ।खासकर इस साल में कोविड-19 महामारी के बुरे प्रभाव के बावजूद चीन ने संधि में निर्धारित विभिन्न कार्य पूरा किये हैं ।

चीन सक्रियता से लगा है ओजोन परत के संरक्षण में

ओजोन परत संरक्षण में चीन की कोशिशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की व्यापक मान्यता मिली है ।चीन स्थित अंतरराष्ट्रीय विकास कार्यक्रम के उप प्रतिनिधि देवआनंद रामियाह ने बताया कि चीन ने शक्तिशाली कदम उठाकर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं ।उन्होंने बताया ,हमने इस संदर्भ में चीन सरकार की सक्रिय कार्रवाइयां देखी हैं ।चीन ने संबंधित गैरकानूनी उत्पादन और उपभोग के खिलाफ कानून बनाया और पर्यावरण निरीक्षण कार्य मजबूत किया और लोगों के बीच जागरूकता बढ़ायी ।

चीनी उप पर्यावरण मंत्री चाओ इंग मिन ने बताया कि मानव समुदाय का साझा भविष्य है ।ओजोन परत संरक्षण और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक पर्यावरण सवाल के निपटारे के लिए पारस्परिक समर्थन ,एकजुटता और सहयोग की जरूरत है ।उन्होंने बल दिया कि चीन ओजोन परत संरक्षण के लिए कोशिश करता रहेगा ।उन्होंने कहा ,जिम्मेदार विकासशील देश के नाते चीन सरकार वैश्विक पारिस्थितिकी सभ्यता निर्माण के लिए सक्रियता से वैश्विक पर्यावरण प्रबंधन में भाग लेगी ।संबंधित समझौते के कार्यावयन में चीन कोशिश जारी रखेगा ।पहला ,चीन पर्यावरण संरक्षण में वैश्विक सहयोग पर कायम रहेगा ।दूसरा ,चीन संबंधित समझौतों में निर्धारित कार्य पूरा करेगा ।तीसरा ,चीन चौतरफा प्रबंधन व्यवस्था और प्रशासन क्षमता का आधुनिकीकरण बढ़ाएगा और चीनी शक्ति प्रदान करेगा ।

(वेइतुंग)

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