यह कोआथ बिहार के राकेश रौशन का पत्र। श्री राकेश रौशन ने अपने पत्र में कहा कि यूं तो प्रायः हर रेडियो संस्थान में खूबियां होती हैं, परंतु चाइना रेडियो इंटरनेशनल की खासियत ही कुछ अलग है। बहुत कम समय में इतना तेजी से विकास वो भी आधारभूत कार्यक्रमों के साथ साथ विश्व के 43 भाषाओं के प्रसारण के साथ । वाकई यह एक आश्चर्यजनक अकेला उपलब्धि है, जिस की जितनी भी प्रशंसा की जाए, वो कम ही है। इस की लोकप्रियता में समग्र , सारगर्भित जानकारी देने की कला श्रोताओं को हमेशा भाती है। कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता की विद्वता, सरलता और उन की स्पष्टवादी काफी प्रशंसनीय है। हमें उम्मीद ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि चाइना रेडियो इंटरनेशनल अपने गुणों के कारण आगे और भी तरक्की करेगा।
श्रोता वाटिका का नया अंक मिला, जिस में डाक्टर कोटनिस और सब्जी प्रदर्शनी के बारे में जानने को मिला। श्रोता वाटिका का नवीन अंक अपने आप में लाजबाब है।
अब प्रस्तुत है नारनौल हरियाणा के उमेश कुमार शर्मा का पत्र । भाई उमेश कुमार शर्मा ने अपने पत्र में कहा कि पेइचिंग ओलिंपिक विशेष लेख सुना और अच्छा लगा, जिसमें आप ने जूडो खिलाड़ी शांग तुंगली के बारे में जानकारी दी। मां बनने के बाद उन का पदक जीतना साहसिक लगा। यह दर्शाता है कि यदि लगन हो व इच्छाशक्ति हो,तो कोई भी कार्य कठिन नहीं है। इच्छित मंजिल पायी जा सकती है। पेइचिंग ओलंपिक पर विशेष लेख प्रसारित किए गए, पसंद आए।
मैं ने पेइचिंग ओलंपिक उद्घाटन समारोह टीवी पर देखा। दिल्ली दूर्दर्शन ने इसे दिखाने का प्रबंध किया। उद्घाटन समारोह सचमुच लाजवाब लगा। चीनी कलाकारों ने जो समां बांधा, सचमुच गजब का लगा। ओलंपिक मशाल को हवा में उड़ते हुए प्रज्ज्वलित किया गया , बहुत रोमांचक लगा। चारों तरफ हो रही आतिशबाजी से आंखें चुंधिया गयी। इसे देख कर यह सहज आभास हो गया कि चीन ने उस के सफल आयोजन के लिए जी तोड़ प्रयास किये थे, जो कारगर सिद्ध हुए । यह ओलंपिक अब तक सब से सफल ओलंपिक सिद्ध हुआ है। चीन के लिए विशेष सफल माना जाएगा , जिस में चीन ने सर्वाधिक स्वर्ण पदक जीत कर प्रथम स्थान हासिल किया। इस से चीनी खिलाड़ियों की जीवटता का पता चलता है। इस बार के ओलंपिक का वास्तविक बादशाह चीन रहा। उस ने हमेशा प्रथम रहने वाले अमरीका को पछाड़ दिया। भारत के लिए भी इस बार का ओलंपिक यादगार रहा, जिस में अब तक पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता। भारत हालांकि जन संख्या में दूसरा बड़ा देश है, किन्तु ओलंपिक पदकों के मामले में बहुत पिछड़ा है. इस बार भारतीय खिलाड़ियों द्वारा जीते पदक दर्शाते हैं कि यदि सही खिलाड़ियों का चयन किया जाए, तो और पदक भारतीय झोली में आ सकते हैं। कुल मिला कर पेइचिंग ओलंपिक सब से शानदार ओलंपिक के रूप में याद किया जाएगा। इस के सफल आयोजन के लिए चीन को हार्दिक बधाई।
अब आप के सामने है औरेया उत्तर प्रदेश के काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय का पत्र । श्री काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय ने अपने पत्र में कहा कि आप के सवाल जवाब कार्यक्रम में बुद्ध मूर्ति के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी , रिपोर्ट में महा बुद्ध के बारे में आलेख पढ़ी गयी।
दुनिया की सब से बड़ी बुद्ध मूर्ति आफगानिस्तान में स्थित थी , जिसे तालिबान ने डायना माइट से उड़ा दिया । अब चीन की तीन नदियों के संगम पर स्थित महा बुद्ध मूर्ति सब से बड़ी है, जो 71 मीटर ऊंची है और जो बैठने की अवस्था में है। मूर्ति का सिर 14 मीटर है और कंधों की नाप 28 मीटर और सिर की चौड़ाई 7 मीटर है।
मई में आये भूकंप की समीक्षा की गयी, जिस में 70 हजार लोग मरे थे और लाखों लोगों को नयी व्यवस्था में रखा गया और रोजमर्रा की वस्तुओं को भेंट किया गया । स्वयंसेवकों ने मलवा से अनेक व्यक्तियों को जीवित निकाला था ।
चीन का भ्रमण कार्यक्रम में चो ह्वा से सुना कि पेइचिंग में 17 कैथोलिक चर्च हैं, कमाल है कि पेइचिंग में 17 चर्च । उस में एक एक चर्च हर दिशा में है, उन के अलग अलग नाम है, फिर भी दिशा जोड़ कर पूर्व का चर्च, पश्चिमी चर्च, उत्तरी चर्च और दक्षिणी चर्च बताये गए हैं ।
इस में एक चर्च तो चीन का सब से पुराना चर्चा कहा जा सकता है जिस का नाम सेंट फ्रांसिको के नाम पर रखा गया है। यह कार्यक्रम पसंद आया । आप की डाक प्राप्त हुई, धन्यावाद।