2009-02-02 15:47:04

सी .आर .आई के श्रोताओं के विचार

अब आप के सामने है कोआथ बिहार के सुनील केशरी का पत्र , एक पुराने और नियमित श्रोता के रूप में श्री सुनील केशरी ने समय समय पर पत्र लिख कर अपनी विभिन्न रायें बतायीं , उन में से यह पत्र भी है , जिस में चीन भारत मैत्री वर्ष पर क्लब का विचार भी लिखा गया है । सुनील केशरी ने इस पत्र में कहा कि चीन भारत मैत्री वर्ष के मौके पर मैं अपनी क्लब के विचार भेज रहा हूं । उम्मीद है कि इस पत्र को स्थान मिलेगा । वास्तव में चीन भारत मैत्री का इतिहास दो हजार वर्ष पुराना है , बीच को छोड़ दे , तो हाल के दिनों में चीन भारत के संबंध काफी मजबूत हुए हैं । चीन भारत मैत्री वर्ष के उपलक्ष्य में मैं ऐसा कहना चाहता हूं कि चीन भारत के लोग एक दूसरे के यहां आएं , घूमें , देखें , जानें और सीखें, तभी इस चीन भारत मैत्री वर्ष मनाने का असली मकसद कामयाब होगा और दावे से कह सकता हूं कि इधर जिस तरह चीन भारत व्यापार रकम में बढ़ोतरी आयी है ,वह हम सब के लिए अच्छा संकेत हैं कि आने वाले दिनों में चीन भारत की व्यापार रकम तकरीबन 20 अरब तक पहुंच जाने की संभावना है ।

सुनील केशरी ने एक दूसरे पत्र में भी चीन भारत संबंधों पर कुछ लिखा , उन्हों ने कहा कि 15 मई को सेनीक चोपड़ा से श्याओ थांग दीदी की बातचीत सुना , मुझे बहुत रोचक और खुशनुमा लगा और इस भारतीय व्यापारी ने जो भी जानकारी दी , वो हमें बहुत ही प्रभावशाली लगा , खास कर चीन से अच्छे सामानों के निर्यात की क्वालिटी बेहतर है , तभी भारतीय लोग चाव से खरीददारी करते हैं । मेरे विचार में दो विकासशील देश यदि इसी तरह मिल कर आयात निर्यात बराबर करते रहें , तो वह दिन दूर नहीं , जब एशिया के सब से बड़े इन दो देशों का नाम विश्व में पहले लिया जाएगा । मैं चीन भारत मैत्री वर्ष पर ऐसा कहूंगा कि हिन्दी चीनी भाई भाई हैं , हम मिल कर दुनिया को दिखा दें कि एशिया का बादशाह हम दोनों एक हो कर रहेंगे ।

सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश के मुहम्मद शाहिद अंसारी और नूरूल हसन अंसारी ने क्या क्या कहा । उन दोनों मित्रों ने एक ही पत्र में लिख कर कहा कि हम लोग सी. आर .आई के प्रसारित तमाम कार्यक्रमों को बड़ी दिलचस्पी व लगन से सुनते हैं , तमाम कार्यक्रम ठीक होते हैं , चीन का भ्रमण , चीन का संक्षिप्त इतिहास , खेल जगत , आज का तिब्बत , आप का पत्र मिला तथा आप की पसंद व सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता काफी अच्छी लगती है । आज का तिब्बत और खेल जगत बहुत पसंद है , इस कार्यक्रम को टेप करके बार बार सुनते रहते हैं और दूसरों को सुनाते रहते । खेल जगत में 2008 के ओलिंपिक के बारे में विस्तारपूर्ण जानकारी काफी अच्छी लगती है , अगर इस में खिलाड़ियों के इंटरव्यू सुनाए , तो और अच्छा होगा ।

दुर्ग छत्तीसगढ़ के आनंद मोहन बैन का पत्र आप के सामने है । उन्हों ने पत्र में लिख कर कहा कि सुबह समाचार सुना और चीन के पर्यटन उद्योग पर रिपोर्ट सुना ,ऐतिहासिक सवाल को चीन जापान को मिल कर हल करना चाहिए इसे अन्तरराष्ट्रीय विषय नहीं बनने देना चाहिए तथा जनवादी कोरिया और अमरीका को मिल कर आपसी समस्या के समाधान के लिए बातचीत करना चाहिए । आप के कार्यक्रम में पता चला कि प्रथम अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन चीन में आयोजित हुआ , चीन में दस करोड़ बौद्ध अनुयायी हैं , चीन सरकार विभिन्न धर्मों के साथ समान व्यवहार करती है , इस जानकारी के लिए धन्यावाद । युवा और समाज कार्यक्रम में शो यांग द्वारा ब्रिटिश पर्यटक , पर्यावरण संरक्षक के ऊपर बातचीत सराहनीय है । श्री पर्ल को धन्यावाद है । आप का पत्र मिला कार्यक्रम के आरंभ में जो शुभकामनाएं दी जाती हैं , वह सराहनीय है । तमिलनाडू के श्रोता अरूण का पत्र अच्छा लगा , फैज अहमद फैज के पत्र में कल्ब सदस्यों का विचार सुनने को मिला , प्रहल्लाद कुमार ठाकुर , महस्दूद अहमद भाइयों का पत्र सुना ।

आनंद मोहन बैन को धन्यावाद है कि आप ने इस तरह सी .आर .आई द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों पर अपनी रायें बतायीं , आशा है कि आप इस तरह विस्तार से सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर अपना मत लिखते रहेंगे ।

साहिबगंज झाड़खंड के एजाज अहमद ने पत्र लिख कर कहा कि परषो मेरी पहली बेटी बाबु फीजा का जन्म दिन था , इस का निमंत्रण कार्ड प्रेषित कर दिया था , उम्मीद है कि आप को मिल गया होगा , इस उपलक्ष्य में आप ने क्या क्या कहा और किया , जरा बताने का कष्ट करेंगे ।

एजाज अहमद जी , सर्वप्रथम मैं सी .आर .आई हिन्दी परिवार की ओर से आप और आप की बेटी को जन्म दिवस पर हार्दिक बधाई देता हूं , यो आप का निमंत्रण पत्र नहीं मिलने के कारण हमें देर से आप की बेटी का जन्म दिवस की बात मालूम हुई और देर से बधाई दी है , पर यह बधाई हमारे हिन्दी परिवार की तहे दिस से प्रेषित शुभकामना है कि आप सपरिवार हमेशा सुखमय रहें और दीर्घआयु रहें ।

रोहतास बिहार के हाशिम आजाद ने पत्र भेज कर कहा कि आप का पत्र मिला कार्यक्रम में आप के द्वारा मेरा एक पत्र शामिल हुआ , जो मेरा पुराना पत्र था , इस प्रोग्राम को मैं नियमित रूप से सुनता हूं और पत्र भी भेजता हूं , पर दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरा पत्र इस कार्यक्रम में बहुत कम शामिल हुआ , आशा करता हूं कि आप मेरी इस बात पर ध्यान देंगे और मेरे पत्रों को स्थान देने की सौभाग्य प्राप्त कराएंगे ।

बराढी बिहार के अरूण कुमार सिंह ने एक कविता के साथ अपने पत्र में यह कहा कि मैं आप के कार्यक्रम का नियमित श्रोता हूं और कार्यक्रम बराबर सुनता हूं । मैं ने श्रोता वाटिका में थ्येन आन मन चौक , थाई ह भवन , स्वर्ग मंदिर , लम्बी दीवार , समर पलेस तथा मुस्लिम सड़क की तस्वीरें घर बैठे श्रोता वाटिका के माध्यम से देख लिया , वहां का दृश्य एकदम बेहद मन मोहक है , काश हमें भी वहां देखने को मिल सके ।