पश्चिमी चीन का शिन च्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश चीन का मशहूर नृत्य गान का स्थल है। चाहे आप प्रथम बार शिन च्यांग आएं, या लम्बे अरसे से यहां रहते हों, आप अवश्य ही शिन च्यांग जातीय नृत्य गान की विशेषता व रहस्य से आकर्षित होंगे।ज़ं चिन प्याओ इसी तरह का एक आदमी है, जो बाहर से शिन च्यांग आया है।20 वर्ष पहले उन्होंने दक्षिण पूर्वी चीन के समुद्रतटीय अपने जन्मस्थान को छोड़ कर चीन के सब से पश्चिमी भाग शिन च्यांग आकर संगीत के प्रकाशन गृह में काम करना शुरु किया। गीत वर्ष 2002 की प्रथम बर्फबारी उन द्वारा गाया गया एक लोकप्रिय गीत है। गीत के बोल हैं, पिछले वर्षों की तुलना में वर्ष 2002 की प्रथम बर्फबारी देर से हुई है। नम्बर दो यात्री बस अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है।वर्ष 2004 की शुरुआत में शिन च्यांग के गायक दाओ लांग ने अपनी प्रथम सी डी बाजार में जारी की। उन के द्वारा गाये गये शिनच्यांग की विशेषता वाले गीत तुरंत ही चीन के सभी स्थलों में लोकप्रिय हो गए।
इस सी डी से गायक दाओ लांग को लोग जानने लगे। लेकिन, अनेक लोगों को मालूम नहीं है कि दाओ लांग के मशहूर होने के पीछे शिनच्यांग की दवेईलुंग ऑडियो उत्पादक प्रकाशन कंपनी लिमिटिड के डायरेक्टर जडं चिन प्याओ का हाथ है।श्री जडं के अनुसार, शिनच्यांग आने से पहले, अनेक लोगों ने शिनच्यांग के बारे में मुझे जानकारी दी थी। शिनच्यांग नृत्य गान का जन्मस्थान है। मुझे याद है कि शिनच्यांग आने के बाद, एक दिन जब मैं सड़क पर घूम रहा था, एक दुकान की उद्घाटन रस्म का आयोजन किया जा रहा था। एक वेवुर जाति का लड़का बहुत मधुर सोना बजा रहा था, यहां तक कि मैं आधे घंटे के लिए वहां खड़ा रहा और सोना सुनता रहा।
श्री जडं चिन प्याओ का कहना है कि जब उन्होंने पश्चिमी चीन की प्रथम मधुर धुन को सुना, तो गहन रुप से शिनच्यांग से प्रेम करने लगे । यहां के सुन्दर प्राकृतिक दृश्य और विविधतापूर्ण रीति रिवाज़ों ने श्री जडं को बहुत आकर्षित किया। श्री जडं चिन प्याओ दक्षिण पूर्व चीन में क्वांग तुंग में छ्याओ शैन के रहने वाले हैं। बचपन से ही उन्हें संगीत का बड़ा शौक है।उन के अनुसार, जब मैं स्कूल में पढ़ता था, तो हर हफ्ते संगीत की कक्षा होती थी। गाना गाने में मैं दूसरे सहपाठियों से कहीं जल्दी सीख जाता था। इतना ही नहीं, मैंने खुद बांसुरी बजाना सीख लिया। मेरी जन्मभूमि छ्याओ शैन में संगीत की अपनी विशेषता है। वहां के कुछ संगीत उपकरण भी शिनच्यांग के बराबर हैं।
वर्ष 1989 में, श्री जडं चिन प्याओ हूनान से रिटायर होने के बाद जन्मभूमि क्वांग तुंग वापस लौटे और शैनथो में वीडियो कैसेट के एक कारखाने में काम करने लगे। कंपनी ने उन्हें समुद्र से सब से सुदूर शहर---उरुमुछी में काम करने के लिए भेजा। अभी तक शिनच्यांग में काम करते हुए 20 वर्ष से ज्यादा समय हो गया है। वर्ष 1996 में श्री जडं चिन प्याओ ने शिनच्यांग दवेईलुंग ऑडियो उत्पादक प्रकाशन कंपनी लिमिटिड की स्थापना की और शिनच्यांग में प्रवेश करो नामक प्रथम संगीत वीडियो की शूटिंग की।
शिनच्यांग में प्रवेश करो नामक संगीत वीडियो मेरे द्वारा प्रथम बार शिनच्यांग संगीत बनाने का प्रयास है। उस समय शिनच्यांग में इस तरह का कोई वीडियो नहीं था। मुझे लगा कि शिनच्यांग के संगीत का प्रसार करने की जरुरत है। इस तरह का वीडियो लोगों को उपहार के रुप में देना भी बहुत अच्छा है।
शिनच्यांग में प्रवेश करो नामक प्रथम संगीत वीडियो शिनच्यांग के लोकगीतों का संग्रह है, जिस में फूल इतना लाल क्यों है, दापैनछन की लड़की, आधी चांदनी आकाश में बिखरी हुई है आदि प्रचलित गीत हैं। ली लैन ने कहा, शिनच्यांग में प्रवेश करो वीडियो कैसेट में लोगों को शिनच्यांग के, रेगिस्तान, घास मैदान आदि अनेक मशहूर दृश्य स्थल दिखायी पड़ते हैं, और इस में शिनच्यांग का लोकप्रिये संगीत व नृत्य-गान भी शामिल है।
इस वीडियो में परम्परागत संगीत को आधुनिक संगीत से जोड़ा गया है, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया है। इस से जडं चिन प्याओ ने संकल्प लिया कि वे शिनच्यांग में लोकगीत का प्रचार करने का काम करेंगे।एक बार श्री जडं चिन प्याओ ने श्री दाओ लांग से मुलाकात की।
दाओ लांग को हमेशा ही संगीत का बड़ा शौक रहा है।उन्होंने चीन के विभिन्न स्थलों पर जाकर अभिनय किया और अपने संगीत दल व कार्य दफ्तर की स्थापना की। श्री जडं चिन प्याओ ने दाओ लांग के गीत के प्रति बहुत रुचि दिखायी। इस तरह, दाओ लांग शिनच्यांग की दवेईलंग ऑडियो वी़डियो कंपनी के संगीत प्रधान बने। हर वर्ष जडं चिन प्याओ पूंजी डालकर दाओ लांग को गीत कैसेट बनाने में मदद देते हैं।लेकिन, शुरु में दाओ लांग के कैसेट बाजार में लोकप्रिय नहीं हुए। वर्ष 2000 में शिनच्यांग का प्रथम संगीत नामक कैसेट बाजार में आयी, लेकिन, केवल 1800 ही बिकीं। दाओ लांग के साथ सहयोग की चर्चा में श्री जडं चिन प्याओ ने कहा, शुरु में हमें लाभ नहीं हुआ, लेकिन, मैंने कोशिश नहीं छोड़ी।मेरा एक सपना है कि शिनच्यांग के लोकगीत का अच्छी तरह विकास किया जाए। लगभग तीन चार वर्ष तक मैं अपने कार्य पर डटा रहा।
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।(श्याओयांग)