चीन के स्छवान प्रान्त में 12 मई भूकंप होने के बाद एक साल हो गया है। इस साल में स्छवान के भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बड़ी चुनौती दी गयी है। उन्हें भूंकप की पीड़ा का सामना करना और मातृभूंमि को पुनःनिर्माण करना का काम करना पड़ता है। चीन के विभिन्न क्षेत्रों व जगतों के लोगों ने भी भूकंप ग्रस्त लोगों की सहायता देने की कोशिश की। सब लोगों को आशा है कि विपत्ति ग्रस्त लोग यथाशिघ्र भूकंप की छाया से समान्य जीवन में लौटेंगे। ज्यादा लोग विपत्ति ग्रस्त लोगों में भूंकप के अनाथ बच्चे पर चिंता करते हैं। समाज ने उन के माता पिता व परिवार के सथान लेकर उन्हें देख भाल किया। आज हमारे इस प्रोग्राम में हम सी.आर.आई के संवाददाता छेन लेई के साथ एक छिंग फांग रुइ नामक भूंकप की अनाथ बच्ची से मिलेंगे।
मेरा नाम है सू जी। इस वर्ष में मेरी उम्र 13 है। मैं स्वीम को पसंद करती हूं। पियानो बजाना पसंद करती हूं और फल खाना पसंद करती हूं।
यह अंग्रेजी से अपने आप को परिचय देने वाली लकड़ी का नाम छिंग फांग रुइ है। वह स्छ्वान प्रान्त के डू जांग यान शहर क्वांग या स्कूल की छात्रा है। सन् 2008 12 मई को भूकंप आने के कुछ घंटों से पहले उस के माता पिता बेटी को देखने के लिए स्कूल में आए। लेकिन उन दोनों गाड़ी चलाते हुए वापस जाने के रास्ते पर भूकंप आया। छिंग फांग रुइ के माता पिता यीन श्यु कस्बे के आस पास लापता हो गए। अब भी वापस नहीं आते।
भूकंप आते समय छिंग फांग रुइ स्कूल में पढ़ रही थी। उस समय की याद उस के लिए बहुत पिड़ा है। सुश्री वू श्यौ श्या 6 सालों में छिंग फांग रुइ की अध्यपिका है। उन्होंने भूकंप आते समय की स्थिति की याद करते हुए यह कहा
भूकंप आने के बाद यह मकान हिलने लगा। कुछ बच्चे खड़ा नहीं हो सके। अध्यापक ने बच्चों को लेकर मैदाम में गए। उसी समय तो भूमि हिलती थी।
माता पिता के भूकंप में लापता होने की खबर प्राप्त करके छिंग फांग रुइ का आकाश अंधरा हो गया। वह चुप्पी होने लगी। लेकिन समाज में विभिन्न जगतों के व्यक्तियों ने यह लकड़ी की सहायता देने के लिए हाथ दिया और भूकंप के सब से मुश्किल समय में उस की बड़ी मदद दी। क्वांग या स्कूल के हेड़मास्टर छिन कांग या ने छिंग फांग रुइ की बात सुनकर यथाशिघ्र यह वायदा दिया है कि वह स्कूल के मकान में रहना देगा और पढ़ाई को पूरा करने की मदद देगा। इस वायदा ने छिंग फांग रुइ के जीवन का बड़ा समर्थन किया है।
उस के स्कूल में पढ़ने की सभी फीस मुफ्त की गयी। स्कूल उस को जीवन बिताने के लिए पैसे देगा। मैं ने उसी समय तो शिघ्र ही यह वायदा दिया है। वह बहुत प्रसन्न हुयी।
रिपोर्ट देने के लिए क्वांग या स्कूल में गए सी.आर.आई के संवाददाताओं ने छिंग फांग रुइ की दुर्घटना सुनकर उस लड़की की भी मदद की। उसी समय उन्होंने रेडियो और वेब साइट पर छिंग फांग रुइ के माता पिता की खबर प्राप्त करने का प्रयास किया। उन्हें आशा है कि उन की कोशिश से छिंग फांग रुइ को मदद दी जा सकेगी।
लेकिन विभिन्न पक्षों की कोशिश से छिंग फांग रुइ के माता पिता की खबर नहीं प्राप्त कर सका। वे लापता हो गए। छिंग फांग रुइ भूकंप की अनाथ बच्ची बन गयी। चीन के गृहमंत्रालय के संबंधित नीतियों के अनुसार भूकंप का हर अनाथ बच्चा हर महीने के लिए सरकार से 600 य्वान रेन मिन पी की जीवन सब्सिडी प्राप्त कर सकता है। इस के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के स्थानीय सरकार भी उन बच्चों का आर्थिक समर्थन देती हैं। समाज में बहुत कारोबार, व्यक्ति भी उन बच्चों की मदद देते हैं। इसलिए छिंग फांग रुइ अब अर्थ की स्थिति में कोई समस्या नहीं है।
हालांकि जीवन की गारंटी दी जाती है, छिंग फांग रुइ के मन में पीड़ा इतनी आसानी से दूर नहीं किया जा सकता। छिंग फांग रुइ के अध्यापक, दोस्त और परिजनों ने प्यार से छोटी छिंग फांग रुइ के लिए एक गर्म वातावरण बनाने की कोशिश की। सुश्री वू श्यौ शा ने हमें यह बताया
वह रविवार से शुक्रवार तक छात्रों के साथ जीवन बिताती है। सप्ताहांत में कुछ छात्रों के माता पिता उस को देख भाल करते हैं। उस का चाचा भी हर महीने में उसें देखने के लिए आया है। इस साल में उस की स्थिति अच्छी होने लगी। (पवन)