2009-05-19 09:41:48

रुसी नृत्य निर्देशक सेरगेई फेगनिन

पांच वर्ष पहले रुसी नृत्य निर्देशक श्री सेरगेई फेगनिन ने उत्तरी चीन के शहर थ्येन चिन में स्वेन लेख नामक बैले का मंचन किया। उन की इस नृत्य रछना ने अनेक थ्येन चिन वासियों का आकर्षित किया। थ्येन चिन के लोगों ने इस से बैले विद्या की मनोहरता को कहीं गहराई से महसूस किया । और इस बैले से ही श्री फेगेनिन थ्येन चिन से अपना संपर्क बना पाए। आज के जीवन औऱ समाज कार्यक्रम में सुनिए, इस रुसी नृत्य रचनाकार की कहानी , जो अब भी थ्येन चिन में रह रहा है।

56 वर्षीय सेरगेई फेगनिन का जन्म रुस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर के एक आम मजदूरघर में हुआ । उन की उम्र 15 वर्ष थी, जब उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग के एक नाट्य स्कूल में पढना शुरु किया। और 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग की एक बैले नाट्य शाला में लेखक औऱ निर्देशक के रुप में काम शुरु किया।

सात वर्ष पूर्व, थ्येन चिन गायन और नृत्य नाट्य शाला के निमंत्रण पर वे थयेन चिन पहुंचे। वे बताते हैं, वर्ष 1995 में मैं थ्येन चिन गायन व नृत्य नाट्य शाला के निमंत्रण पर एक रात्रि संध्या के कला निर्देशक का काम संभालने के लिए थ्येन चिन आया । और तब से अक्सर थ्येन चिन आता जाता रहा। बाद में मेरी बीवी भी थ्येन चिन आ गयी। अब हमारी एक बच्ची भी हैं।इन सात वर्षों में मैं थ्येन चिन में अनेक प्रसिद्ध बैले निर्देशित कर चुका हूं , जिन में स्वेन लेख ,सी रोवर आदि शामिल हैं। थ्येन चिन शहर की मुझ पर बहुत गहरी छाप है।

वर्ष 2001 में, श्री फेगेनिन ने थ्येन चिन कला स्कूल में अध्यापना भी किया। उन्होंने

स्कूल के काम में अपनी पूरी शक्ति लगा दी और अपने दशकों के कला अनुभवों को पूर्ण रुप से अपने चीनी छात्रों में बांटने का प्रयास किया। उन की सब से बड़ी इच्छा अपने छात्रों को यथाशीघ्र मंच पर अभिन्य करते देखने की रही है।

फेगेनिन की पत्नी गालिआ अपने पति का ख्याल रखने के लिए पहले सेंट पीटर्सबर्ग से

थ्येन चिन आती रहती थीं, पर धीरे धीरे उन्हें भी थ्येन चिन अच्छा लगने लगा। सुश्री गालिआ

रुस में एक बैले अभिनेत्री रह चुकी हैं, बहुत सुंदर इस महिला ने । गत वर्ष अपने पति का साथ थ्येन चिन कला स्कूल के अध्यक्ष भी दिया।

समय आप सुन रहे हैं, सुश्री गालिआ की कक्षा से रिकार्ड किया गया बैले संगीत एक टुकड़ा। इस मधुर संगीत में छात्रा सुश्री गालिआ के निर्देशन में पूरी संजीदगी से बैले का अभ्यास करते हैं। चीनी भाषा न जानने की वजह से सुश्री गालिआ इशारों और आंगिक भाषा से उन्हें अपनी बात का अर्थ बताती चलती है।

थ्येन चिन के अपने जीवन की चर्चा में फेगेनिन दंपति इस बात पर बहुत महसूसता हैं कि यहां उस की बच्ची ने जन्म लिया। विवाह के बाद अनेक वर्षों तक उन्हें कोई संतान नहीं हुई , जिस से वे बहुत चिंतित थी। पर वर्ष 1995 में जब श्री फेगनिन ने थ्येन चिन में काम करना शुरु किया और सुश्री गालिआ ने अपने पति के साथ सेंट पीटर्स बर्ग से यहां आकर कई दिन बिताये। तो थ्येन चिन ने सुश्री गालिआ को न केवल अपनी सुंदर छवि से प्रभावित किया । यहां उन्हें एक प्यारी बच्ची भी मिली। थ्येन चिन से जब वे सेंट पीटर्स बर्ग वापस लौटीं, तो उन्हें पता चला कि वे गर्भवती हैं। बच्चों के जन्म के बाद थ्येन चिन से अपने गहरे प्रेम को जाहिर करने के लिए ही उन्होंने उस का नाम श्याओ थ्येन चीन यानि छोटी थ्येन चिन रखा। अब उन की बेटी छः साल की है, उस के मुनहरे बाल ,गोरी त्वचा और बड़ी बड़ी आंखें हैं, वह बहुत फुरतीली भी है, और सब लोगों को पसंद भी।

अपनी बेटी की बातें कर श्री फेगेनिन बहुत गौरव महसूसते हैं, उन्होंने बताया कि वह चीनी बच्चों के साथ खेलती है, इसलिए, छोड़ी बहुत चीनी बोल सकती है। फूल, पाठ्य

पुस्तक, नोटबुक, कलम जैसी वस्तुओं को चीनी में क्या कहते हैं। श्री फेगेनिन ने कहा कि जब वह बड़ी होगी, तो वे उसे चीनी स्कूल भेजेंगे।

इस समय फेगेनिन परिवार थ्येन चिन कला स्कूल द्वारा उसे किराये पर दिये गए एक मकान में रहता है। और वहां बड़ी खुशी से जीवन बिता रहा हैं। श्री फेगनिन ने कहा कि हर रात का भोजन वे खुद बनाते हैं और उन्होंने चीनी खाना बनाना भी सीख लिया है। उन्होंने कहा, हमें चीनी व्यंजन बहुत पसंद है।और हम खुद ही ये व्यंजन बनाते हैं। मैं अपनी पाक कला के प्रति खासा संतुष्ट है, यों मेरे द्वारा बनाया गया भोजन औरों को भी पसंद है।

चीनी व्यंजनों के अलावा, चीन के परम्परागत पेइचिंग ऑपेरा तथा थ्येन चिन के स्थानीय ऑपेरा में श्री फेगेनिन की विशेष दिलचस्पी है। फुरसत के समय वे अकसर नाट्य शाला जाकर ऑपेरा देखते हैं।

हाल ही में थ्येन चिन म्युनिसिपल सरकार ने श्री फेगनिन को चीन में कार्यरत विशेष विशेषज्ञ का पुरस्कार प्रदान किया। यह विदेश में उन को मिला सब से ऊंचा सम्मान है। इस पुरस्कार का कप उन के घर की सब से रोशन जगह पर रखा है।

श्री फेगनिन औऱ सुश्री गालिआ बहुत व्यस्त जीवन बिता रहे हैं। लगभग एक वर्ष में वे एक बार ही सेंट पीटर्स बर्ग वापस लौट पाते हैं। श्री फेगेनिन की आशा है कि वे थ्येन चिन कला स्कूल के साथ लम्बे समय तक सहयोग कर सकेंगे , थ्येन चिन में और लम्बा जीवन बिताएंगे ।