निर्माण परियोजना की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए हम ने सामग्रियों की खरीदारी से लेकर काम की हरेक कड़ी पर ही महत्व दिया है। यदि सामग्री की गुणवत्ता ठीक नहीं है, तो निर्माण परियोजना में इस का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
वास्तव में भूकंप के बाद विभिन्न प्रकार के संस्थापनों के पुनर्निर्माण की जरूरत होने के साथ-साथ मानसिक क्षति पहुंचे लोगों को दुख व विषाद से पिंड छुड़ाने का काम भी बहुत ही अवश्यक है । समाज के विभिन्न जगतों की सहायता व प्यार से भूकंप से ग्रस्त लोगों ने बुरी यादों से छुटकारा पाया है और जीवन के प्रति उन का विश्वास पुनः बढ़ा है।
"मेरा नाम है सुज़ी । मैं 13 वर्ष की हूँ । तैराकी मेरा सब से पसंदीदा खेल है और मुझे प्यानो बजाना पसंद है । मुझे फल खाना पसंद है और पांडा पसंदीदा जानवर है ।"
अब आप जो आवाज़ सुन रहे हैं, वह अंग्रेज़ी में अपना परिचय दे रही लड़की छीन फ़ानरीइ की है । वह तु च्यांगयान शहर के क्वांग या स्कूल की विद्यार्थी है । 12 मई 2008 का दिन उस के लिए आजीवन अविस्मरणीय था । भूकंप के कई घंटे पहले उस के माता पिता उसे देखने स्कूल आए । लेकिन किसी को पता था कि यह उन के लिए अंतिम मुलाकात थी । छी फ़ानरीई के माता पिता के जन्मस्थल वापस लौटने के वक्त भूकंप आया और तब से अब तक उन का कोई अता पता नहीं रहा ।
भूकंप से छी फ़ानरीई जैसे 650 अनाथ बने । भूकंप के कारण अपने माता पिता से हमेशा विदा लेना उन के लिए इतना दुखी हुआ मानो उन का आकाश क्षण में ही अंधेरा हो गया हो । इस तरह उन्हें पहले की जैसी रोशनी में वापस ले आना आसान नहीं है ।
लेकिन जीवन आगे चल रहा है । एक साल पहले हमारे संवाददाता ने छीन फ़ानरीई के साथ साक्षात्कार किया था, उसी समय वह बहुत ख़ामौश रहती थी और देखने में दुख थी । लेकिन एक साल बाद क्वांग या स्कूल में हमारी एक बार फिर उस से मुलाकात हुई, तो लगता है कि उस की मानसिक स्थिति पहले से बहुत अच्ची हो गई है।
छीन फ़ान रीई की अध्यापिका सुश्री वू श्याओ श्या ने हमें बताया कि चीनी नागरिक मंत्रालय के निर्धारण के अनुसार भूकंप से अनाथ हुए बच्चों के जीवन खर्च के समाधान के लिए सरकार हर माह उन्हें 600 य्वान का भत्ता प्रदान करती है । इस के अलावा विभिन्न स्थानीय सरकारें भी अतिरिक्त भत्ता प्रदान करती हैं और समाज के विभिन्न जगत उन की सहायता के लिए अनियमित रूप से धनराशि देते हैं । साथ ही क्वांग या स्कूल के कुलपति ने भी छीन फ़ानरीई को पढ़ाई पूरा करने की सहायता देने का वचन दिया । इस तरह वर्तमान में छीन फ़ानरीई को आर्थिक बोझ का सामना नहीं करना पड़ा । अध्यापक और सहपाठी भी उस के दिल से चोट मिटाने की कोशिश कर रहे हैं । अध्यापिका वू श्याओ श्या ने कहा:
"रविवार से शुक्रवार तक वह सहपाठी के साथ खाती है और रहती है । वे भाई बहन की तरह हैं । साप्ताहांत कुछ विद्यार्थियों के माता पिता ने उसे अपने बच्चे के साथ घर वापस लेते हैं । उस का मामा भी एक माह यहां आकर उसे घर वापस लेता है । इस तरह आज कल उस का दिल थोड़ा खुल गया और वह बोलना भी चाहती ।"
हाल में राष्ट्र स्तरीय अंग्रेजी लेखन प्रतियोगिता में छीन फ़ान रीई ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया । भूकंप के बारे में उस ने एक लेख लिखा, जिस में कहा गया"मैं हंसते हुए आगे चलती रहूंगी । मुझे शक्तिशाली, आत्मविश्वस्त होना चाहिए और मुझे अपने आप पर निर्भर रहना चाहिए ।"
पेइछ्वान मीडिल स्कूल की छात्रा क्वो तुंगमई को भूकंप से जांघ खोया । अब उसे व्हीलचेयर का प्रयोग करना पड़ता है । हर रोज़ वह स्कूल के चिकित्सा हाउस जाकर शारीरिक उद्धार की कोशिश करती है । क्वो तुंगमई ने कहा:
"मेरे सहपाठी मुरी मदद करते हैं । जहां भी जाती हूं, वे मेरी सहायता के लिए आ जाते हैं । स्कूल में व्हीलचेयर का रास्ता है, जो बहुत सुविधाजनक है ।"
क्वो तुंमई का सपना है कि भविष्य में एक डाक्टर बने । उस ने कहा कि डाक्टर रोगियों की सहायता कर सकते हैं और उन्हें स्वास्थ्य दिला सकते हैं ।
अब आप सुन रहे हैं वांग चङछ्यान नामक महीला द्वारा गाया गया गीत। उस का घर गत वर्ष के भूकंप के केंद्र यिंगशो कस्बे में स्थित है । गीत में कहता है:"नव निर्मित मकान बुढ़े बच्चे सभी के लिए अच्छा है । हमारे आंगन में अनार पेड़ उगाये गए है......"
जीवन सुनहरा होता है । एक साल में भूकंप से ग्रस्त क्षेत्रों में हुए भारी परिवर्तन से वह भविष्य के प्रति आशावान ही नहीं, बल्कि जीवन के प्रति बड़ी उम्मीद रखती है । वांग चङफ़ान की तरह विपत्ता से क्षति पहुंचे हज़ारों लोग भविष्य की अपेक्षा में हैं और वे जीवन के प्रति विश्वासबद्ध हैं । भूकंप मकान को नष्ट कर सकता है, लेकिन वह सुखमय जीवन के प्रति लोगों की जिज्ञासा को नहीं मिटा सकता । घर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, विद्यार्थियों के पढ़ने की आवाज़ स्कूल से सुनाई दे रही है । स्छ्वान वासी मुसिबतों को पारकर नए जीवन की ओर आगे बढ़ रहे हैं ।