2009-05-12 17:16:03

12 मई वनछ्वान भूकंप की वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम

निर्माण परियोजना की गुणवता की गारंटी के लिए शांगहाई से निर्माता दस्ते बुलाए गए । मजदूर छ्यान रूनह्वा ने संवाददाता को बताया कि वे घर से 25000 किलोमीटर दूर यहां आए है और अब 70 दिन गुजरे हैं । भूकंप पीडि़त लोगों को मदद देने के लिए मैं यहां आया हूं। स्कूली छात्रों की पढ़ाई के लिए यह अनुभवी मजदूर सभी काम की गुणवता पर बड़ा ध्यान देते है। उन्हों ने कहाः

मेरे हाथों से निर्मित सभी मकानों में इस स्कूल की क्वालिटी सब से अच्छी है।

सछ्वान प्रांत के तुंग चांग येन के शिक्षा ब्यूरो के पुनर्वास काम के जिम्मेदार व्यक्ति चांग फिंग ने कहा कि श्यांग अ स्कूल का निर्माण काम सभी देश के नागरिक वास्तु निर्माण के सर्वोच्च स्तर के मापदंड पर किया गया है। उन्हों ने कहाः

स्कूल के डिजाइन, भूसर्वेक्षण, निर्माण प्रबंघन और गुणवत्ता जांच सभी काम बुनियादी निर्माण मापदंड के अनुसार किए जा रहे हैं और हम सभी पहलुओं में इस की निगरानी कर रहे हैं।

छीफान गांव में हमारी मुलाकात श्यांग अ प्राइमरी स्कूल की छात्रा फान च्वो से हुई और वह स्कूल के निर्माण गति पर बहुत ध्यान देती है।

नया मकान बहुत सुन्दर है। अनेक लोगों ने हमारी मदद की है। भूकंप से मुझे भी कुछ शिक्षा मिली । भविष्य में मैं भी एक स्वयं सेवक बनना चाहती हूं।

श्यांग अ काऊंटी में पुनः निर्माण कार्य वास्तव में स छ्वान के सभी पुनः निर्माण कार्य की एक झलक है। चीन की केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया कि देश के 19 अपेक्षाकृत विकसित प्रांत व केंद्र शासित शहर भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों को पुनः निर्माण कार्य में सीधे मदद देंगे। फिलहाल समूचे विपत्ति ग्रस्त क्षेत्र का पुनः निर्माण कार्य तेज़ गति से आगे चल रहे हैं। शी फांग, बेई छ्वान, वन छ्वान और म्यान जू आदि भारी भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में एक के बाद एक निर्माणधीन स्कूल, आवासी मकान व सड़क दिखाई देते हैं।

स छ्वान प्रांत के निर्माण विभाग की पार्टी कमेटी सचिव थ्यान ली या ने परिचय देते हुए बताया कि सरकार ने भूकंप में हल्का नुकसान पहुंचे कुछ मकानों की मरम्मत कर मजबूत कप दी है। लेकिन, भूकंप में ढह गये या खतरनाक बने 10 लाख से ज्यादा मकानों के लोगों के लिए सरकार ने गत वर्ष के जुलाई माह से चतुर्मुखी रुप से नए मकानों का निर्माण कार्य शुरु किया और उन्हें नये मकानों का निर्माण करने में मदद दी। सुश्री थ्यान ने कहाः

पूरे प्रांत के मकानों के पुनः निर्माण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए हम ने विशेषज्ञों को आमंत्रित करके किसानों के मकानों के पुनः निर्माण के तकनीक मापदंड बनाये। विभिन्न जातियों तथा विभिन्न क्षेत्रों की भूकंप मुकाबला की मांग के अनुसार हम ने लगभग 400 किस्मों के ग्रामीण मकानों की निर्माण योजना बनायी।

कुछ जगहों ने विभिन्न जातियों की संस्कृति व परम्परागत के अनुसार खास प्रकार के मकानों के निर्माण की योजना बनायी, जो स्थानीय रीति रिवाज़ों से मेल खाती है।

बेईछ्वान में स्थित जीना छांग कस्बे ने इस प्रकार की योजना के अनुसार मूर्त रूप धारण कर लिया है ।

पहले जीना छांग कस्बे का नाम मा अर शी गांव था। भूकंप में गांव के अधिकांश छयांग जाति के मकान नष्ट हो गये, खेत भी भूस्खलन से बह गये। नव निर्मित छांग कस्बा पहाड़ की ढलान पर स्थित है और छ्यांग शब्द अंकित रंगीन झंडा हवा में फहर रही है, जो बहुत ध्यानाकर्षक है। छांग जाति के लोग सफेद रंग पसंद करते हैं, इसलिए, नव निर्मित मकानों का रंग सफेद है, फिर भी मकान निर्माण में नयी वास्तु कला का इस्तेमाल किया गया है, जिस ने मकान में भूकंप मुकाबला की क्षमता बड़ी हद तक उन्नत की है।

अब इस गांव के सभी 71 परिवारों के निवासी इसी तरह के नये मकानों में जा बसे हैं। किसान शी छन एन ने हमें बताया कि भूकंप से पहले वे मुख्यतः खेती का काम करती थी, अब छांग कस्बे के अनोखी रीति रिवाज़ों ने बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया है। उन्होंने कस्बे के केंद्रीय चौक पर अपने द्वारा बनायी गयी छांग जातीय विशेषता वाली हस्थशिल्प की वस्तुएं बेचना शुरू किया। उन का कहना हैः


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