ल्हासा शहर नम्बर एक प्राइमरी स्कूल 1952 में स्थापित हुआ था, वह नए चीन की स्थापना के बाद तिब्बत में निर्मित पहला सरकारी प्राइमरी स्कूल है। वर्तमान पूरे स्कूल में कुल 1800 से अधिक छात्र हैं, और अधिकतर तिब्बती जाति के हैं, हान जाति व अन्य जाति के छात्रों की संख्या केवल एक तिहाई ही हैं।
हाल ही में ल्हासा नम्बर एक प्राइमरी स्कूल का वसंत सिमेस्टर शुरू हुआ। जब हमारे संवाददाता स्कूल के कैंपस में पहुंचे तो देखा कि बच्चे खूब खुशी से खेल मैदान में खेल रहे थे, कुछ फुटबाल खेल रहे थे तो कुछ अन्य खेलों का जी भर कर मजा ले रहे थे। क्लास की घन्टी बजते ही बच्चे हंसते गाते क्लासरूम में जा पहुंचे। कक्षा इमारत में बच्चों के पढ़ने की आवाज सारे स्कूल में गूंज रही थी। वसंत आशा के बीज बोने का मौसम है। विशेषकर छठी क्ला के जल्द ही स्नातक होने वाले छात्रों के लिए आने वाली परीक्षा एक चुनौती ही नहीं बल्कि एक सुअवसर भी है । तिब्बती छात्र तेनजीन फुन्तसोग ल्हासा प्राइमरी स्कूल के छठी कक्षा के नम्बर दो क्लास के छात्र हैं, उसने हमें बताया कि उसने अपने लिए नया स्कूल चुन लिया है और छठी क्लास की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की पूरी कोशिश करेगा। उसने कहा (आवाज 2) मैं जल्द ही स्नातक होने वाला हूं और परीक्षा में मुझे बैठना है, मैं पूरे मन से सीखे पाठों का अच्छी तरह अभ्यास करूंगा और अच्छे अंक पाकर ही रहूंगा। मेरी सबसे बड़ी तमन्ना एक अच्छे स्कूल में भर्ती होना है, इस लिए मैं इस समय कम खेलता हूं और ज्यादा मेहनत कर रहा हूं।
जानकारी के अनुसार, तिब्बत की शिक्षा कार्य को सहायता देने के लिए भीतरी इलाकों के उंची शिक्षा स्तर वाले प्रांतो, शहरों ने अपने यहां तिब्बती कक्षाए खोली हैं और तिब्बती छात्रों को पढ़ने व जीवन के लिए विशेष रियायत दी हैं। तेनजीन फुन्तसोग ने हमें बताया कि उसकी आशा है कि वह शांगहाए तिब्बती कक्षा में दाखिला लेने में सफल रहेगें, शांगहाए चीन का एक सबसे विकसित शहर है, वहां तिब्बती कक्षा की गुणवत्ता पूरे देश में सबसे अच्छी मानी जाती है। तेनजीन फुन्तसोग ने कहा कि उसकी पढ़ाई के अंक बहुत अच्छे रहे हैं, इस लिए उसे वहां की कक्षा में दाखिला लेने की पूरी उम्मीद है।
ल्हासा प्राइमरी स्कूल न केवल छात्रों की पुस्तक शिक्षा को महत्व देती है बल्कि उनके समग्र गुणवत्ता के प्रशिक्षण को भी भारी महत्व देती है। इस स्कूल की शिक्षा की प्रभारी अध्यापक वू सू छुंग ने कहा कि छात्रों के स्कूल दाखिला के समय स्कूल ने छात्रों की रूचि की जांच पड़ताल की थी, और इस आधार पर अनेक रूचि से संबंधित कक्षाओं की स्थापना की, हर क्लास के छात्रों की अपनी विशेषता उल्लेखनीय है। उन्होने हमें बताया(आवाज3) हर क्लास की अपनी विशेषता है, इन क्लासों में विशेष माहिरता वाले अध्यापकों को निश्चित किया गया है, इन में प्राचीन चीनी सितार, लोक संगीत आदि शामिल हैं, हमारे स्कूल का लोकसंगीत बहुत लोकप्रिय है।
अध्यापक लू लिंग पहली कक्षा के प्रभारी है, इस क्लास के लड़कों को बांसुरी बजाने की माहिरता हासिल है, जबकि लड़कियों को प्राचीन चीनी सितार बजाने की माहिरता हासिल है। उन्होने कहा(आवाज 4) अध्यापक पाठ शिक्षा देने के साथ उनकी रूचि पर भी बड़ा ध्यान देते हैं। मिसाल के लिए, हमारी क्लास के लड़के बांसुरी बजाने में माहिर है और लड़कियां प्राचीन चीनी सितार बजाने में , छात्रों की रूचि बेहद उंची है। इस के अलावा, हर एक छात्र अपनी विशेषता के मुताबिक अन्य विशेष कला भी सीख सकते हैं, जैसे कि नृत्य व ड्राइंग कला। उन्होने जानकारी देते हुए कहा कि ल्हासा प्राइमरी स्कूल अक्सर छात्रों को विविध रंगबिरंगी सामूहिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। (आवाज5) खेलकूद क्लास में हम बच्चों को शहर के बड़े स्टेडियमों की सैर कराते हैं। कला उत्सव के दौरान, हम अन्य स्कूलों के साथ कला उत्सव मनाते हैं, बच्चों को इस पर गहरी रूचि है।
इस स्कूल के अन्य एक अध्यापक वू शू छुंग ने हमारे संवाददाता को बताया कि गत 14 मार्च में चन्द दंगेबाजों ने ल्हासा में गंभीर लूटमार, तोड़भोड़ व आगजनी घटना रची थी, जिस से स्थानीय लोगों के जान माल को भारी क्षति पहुंची और सामाजिक व्यवस्था को गंभीर चोट पहुंची । इस पर भी स्कूलों के अध्यापकों की हिफाजत में ल्हासा प्राइमरी स्कूल के किसी भी बच्चों को चोट नहीं पहुंची, लेकिन स्कूल की इमारत व संपत्ति को भारी क्षति पहुंची। अध्यापक वू शू छुंग ने कहा कि नयी सिमेस्टर में स्कूल ने सुरक्षा शिक्षा को सुदृढ़ किया है ताकि आकास्मिक घटना का सामना किया जा सके। उन्होने कहा(आवाज 6) शिक्षा के दौरान हम बच्चों को अच्छी सुरक्षा शिक्षा देते हैं, ताकि नाजुक घड़ी में अध्यापक बच्चों को संभाल सकें और कोई गड़बड़ी न पहुंचे। हम समय समय पर सुरक्षा अभ्यास भी करते हैं, इन में कुछ आपात स्थिति से निपटने की तकनीक भी सिखायी जाती है।
फिलहाल ल्हासा शहर में स्थिरता बहाल हो चुकी है। अध्यापक लू लिंग ने कहा कि वसंत के इस नए सिमेस्टर में छात्रों व अध्यापकों का हौसला व आशा और प्रबल हो गया है। स्कूल की सर्दी की छुटटियों के बाद हमारे स्कूल में नया परिवर्तन आया है, बच्चों के परिजनों के हौसले भी बढ़ गए हैं, छात्र समेत अध्यापक नये साल में एक नयी शुरूआत की उम्मीदे लिये पूरी लगन से शिक्षा में जुटे हुए हैं।
हमारा साक्षात्कार समाप्त होने के समय ल्हासा प्राइमरी स्कूल की दो तिब्बती छात्रा तेजनीन यूदोरान और गांगपा ने स्कूल की नयी सिमेस्टर में सीखा नीम के पेड़ की लड़की नामक एक नये गाने को गा कर अपनी तमन्ना व्यक्त की। गाने के स्वर इस प्रकार हैं नीम के पेड़ की लड़की के बाल लम्बे और घने हैं, वे पवन की लहरों में झूमती नहर में जा पहुंची और अपने सुन्दर बालों को धोने के बाद वे कहीं ज्यादा सुन्दर लगने लगी है। प्यार भरा ये मधुर गान वसंत की चंचल हवा में झूमता ल्हासा प्राइमरी स्कूल के बच्चों की आशाएं व उम्मीदे लिए एक नये दिन की तमन्ना की आस लगाए बैठे हैं। ल्हासा प्राइमरी स्कूल के बच्चे वसंत की सूर्य किरणों में हमेशा स्वस्थ व खुश रहें, यही है हमारी शुभकामनाएं।