घोड़ा हुआ लापता 塞翁失马
"घोड़ा हुआ लापता"कहानी को चीनी भाषा में"साइवेंग शीमा"(sài wēng shī mǎ) कहा जाता है। इसमें"साइ"का अर्थ है सीमावर्ती स्थल,"वेंग"का अर्थ है बूढ़ा।"साइवेंग"का अर्थ निकलता है सीमावर्ती स्थल पर रहने वाला बूढ़ा। वहीं"शी"का अर्थ है खोना और"मा"है घोड़ा।
बहुत पहले की बात है। उत्तर पश्चिम चीन के एक सीमावर्ती स्थान पर एक बूढ़ा रहता था।
एक दिन, उसका एक घोड़ा भाग कर दूसरे राज्य में चला गया। दूसरे राज्य में भाग जाने के कारण लापता घोड़े की तलाश करना बहुत मुश्किल था, इसलिए सभी लोगों को बड़ी निराशा हुई। कुछ लोगों ने बूढ़े को तसल्ली देने के लिए कहा:" बस एक घोड़ा ही तो खोया है, इसमें चिंता करने की क्या बात है, ज्यादा चिंता करने से तुम बीमार हो सकते हो, इसलिए चिंता करना छोड़ दो।"
लेकिन सभी लोगों के अंदाज के विपरीत बूढ़े ने बड़े आराम से कहा:"घोड़ा जो खोया, सो खोया, लेकिन कौन जानता है कि इससे कुछ लाभ भी हो सकता है"
सभी लोग बूढ़े की इस बात पर ताज्जुब हुए। उन्हें समझ में नहीं आया कि बूढ़ा व्यक्ति आखिर क्या सोच रहा है।
कुछ महीने गुज़र गए। एक दिन अचानक लापता घोड़ा वापस लौट आया। उसके साथ एक ऊंचा और ताकतवर घोड़ा भी आया। यह बात सुनकर पड़ोसियों ने बूढ़े को बधाई दी और बूढ़े की सटीक भविष्यवाणी की तारीफ़ की।
इस पर बूढ़े ने फिर ठंडे स्वर में कहा:"हां लापता घोड़ा वापस आ चुका है। उसके साथ एक बढ़िया घोड़ा भी आया है। कहीं इससे कुछ अपशकुन तो नहीं होगा?"
पड़ोसी फिर एक बार असमंजश में पड़ गए। बूढ़े की बात फिर सच निकली। उसके पुत्र को वह बढ़िया घोड़ा बहुत पसंद आया। वह अकसर उस घोड़े पर सवारी करने लगा। एक दिन वह घोड़े की पीठ से नीचे गिर पड़ा और पैर की हड्डी भी टूट गई।
प्राचीन चीनी दार्शनिक च्वांग ची के मुताबिक, खुशी के साथ दुख भी आ सकता है और दुख के साथ खुशी भी। यह कहानी"घोड़ा हुआ लापता"यानी चीनी भाषा में"साइवेंग शीमा"(sài wēng shī mǎ) नामक कहानी का मूल तत्व है।