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    क्या भारत को एक पट्टी एक मार्ग में भाग लेना चाहिए?
    2017-05-08 19:19:13 cri

    दूसरा, वास्तव में भारत एक पट्टी एक मार्ग से घनिष्ट संपर्क स्थापित कर चुका है।

    एक पट्टी एक मार्ग के आह्वान की प्रस्तुति से पहले चीन और भारत समेत कई देशों ने एक साथ मिलकर बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे के निर्माण करने पर सहमति बनाई और सरकारों के बीच सहयोग की प्रणाली भी स्थापित की है। उपरोक्त चारों देशों ने सिलसिलेवार बैठकें बुलायी और अनेक मतैक्य प्राप्त किये जा चुके हैं। नये दौर के विशेषज्ञ दल का सम्मेलन इस महीने कोलकाता में आयोजित किया जाएगा। 2015 में भारत 8 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा पैसे निकाल कर एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) का दूसरा बड़ा शेयरहोल्डर बना।

    पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगान समस्या के नम्बर 2344 प्रस्ताव को पारित किया, जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान को सहायता देने की अपील की। प्रस्ताव में विभिन्न पक्षों से एक पट्टी एक मार्ग के निर्माण के लिए सुरक्षा गारंटी वातावरण को प्रदान करने, नीतिगत सामरिक संपर्क को मज़बूत करने, आपसी संपर्क और यथार्थ सहयोग को आगे बढ़ाने का आह्वान किया गया। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र एशियाई प्रशांत आर्थिक और सामाजिक पर्यावरण विकास कमेटी और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने चीन के साथ एक पट्टी एक मार्ग के सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया।

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