बेमतलब का तर्क-वितर्क 无谓的争论
"बेमतलब का तर्क-वितर्क"नाम की कहानी को चीनी भाषा में"वू वेइ द चंग लुन"(wú wèi de zhēng lùn) कहा जाता है। इस में"वू वेई द"एक विशेषण शब्द है, जिसका अर्थ है बेमतलब का, जबकि"चंग लुन"का अर्थ है तर्क-वितर्क या विद-विवाद।
बहुत पहले की बात है। एक दिन दोनों भाई शिकार करने घास के मैदान गए। दूर आकाश में जंगली हंसों का एक झुंड नज़दीक उड़ता नज़र आया। दोनों भाई अपने-अपने तीर को जंगली हंस की ओर साध ही रहे थे कि बड़े भाई ने कहा:"देखो, भाई, इस मौसम में जंगली हंस का मांस बड़ा ताजा और स्वादिष्ट होता है, उसे पानी में उबाल कर खाने से मज़ा आएगा।"
छोटे भाई ने भाई के सुझाव का विरोध किया और कहा:"हंस का मांस उबाल कर पकाया जाता है, लेकिन जंगली हंस का मांस भून कर पकाने में ज्यादा स्वादिष्ट होगा।"
"मेरी मानो, पानी में उबाल कर ले आओ।"बड़े भाई ने ज़ोर देते हुए कहा।
"इस बार मेरी बात चलेगी, उसे आग में भूनकर बनया जाएगा।"छोटा भाई अपनी जिद् पर कायम रहा।
इस तरह दोनों अपनी-अपनी राय देते रहे और आपस में वाद-विवाद जारी रहा। अंत में दोनों भाई वापस लौटकर गांव के मुखिया के सामने जा पहुंचे। वृद्ध मुखिया ने उनके झगड़े को सुलझाने का यह उपाय रखा:"जंगली हंस का आधा भाग उबाला जाएगा और आधा भाग भूना जाएगा।"
दोनों भाई राजी हो गए और फिर घास के मैदान में वापस लौटे। तब तक बहुत देर हो चुकी थी और आकाश में हंस की परछाई भी नहीं थी।
"बेमतलब का तर्क वितर्क"नाम की नीति कथा हमें बताती है कि किसी काम को पूरा करने से पहले बेकार के तर्क वितर्क में लग जाने का यही परिणाम होता है।