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    22 आसमान नीचे गिरने का डर
    2017-04-04 18:13:03 cri

    सोने के हज़ार सिक्कों से घोड़े का सिर खरीदा 千斤买马首

    "हज़ार सोने के सिक्कों से घोड़े का सिर खरीदा"नीति कथा को चीनी भाषा में"छ्यान चिन माई मा शोउ"(qiān jīn mǎi mǎshǒu) कहा जाता है। इसमें"छ्यान"संख्या शब्द हज़ार है,"चिन"का अर्थ है सोना या स्वर्ण, जबकि"माई"का अर्थ है खरीदना।"मा"का अर्थ घोड़ा है और"शोउ"का अर्थ सिर।

    प्राचीन समय में एक राजा था। उसने सोने के हज़ार सिक्कों से ऐसा घोड़ा खरीदने की घोषणा की, जो रोज़ पांच सौ किलोमीटर दौड़ सकता हो। राजा की घोषणा को तीन साल बीत गए, लेकिन ऐसा कोई भी बढ़िया घोड़ा नहीं मिला। इस बात से राजा बहुत परेशान हुआ।

    एक दिन राजा के एक सेवक ने उससे अनुरोध किया:"महाराज , आप मुझे घोड़े की तलाश करने भेजें, मैं इस समस्या को दूर कर सकूंगा।"

    राजा बहुत खुश हुआ और उसने सेवक को एक हजार सोने के सिक्के खर्च के लिए दिये।

    राजा के सेवक ने देश के कोने-कोने पर छापा मारा और तीन महीनों का समय गुज़ार कर पता लगाया कि कहां रोजाना पांच सौ किलोमीटर दौड़ने वाला घोड़ा मिलता है। उसे ऐसे घोड़े का पता लग गया, लेकिन दुर्भाग्य से वह घोड़ा अधिक उम्र की वजह से मर गया। अब क्या हो?सेवक ने काफ़ी दिमाग़ खपाया और पांच सौ सोने के सिक्कों से उस घोड़े का सिर खरीद लिया।

    घोड़े का सिर राजा को भेंट किया गया। मरे हुए घोड़े का सिर देख कर राजा को बहुत गुस्सा आया:"मैं ऐसा बढ़िया घोड़ा चाहता हूं, जो रोज़ पांच सौ किलोमीटर का सफर तय कर सके, लेकिन तुम मेरे लिए मरे हुए घोड़े का सिर लाए हो, वह भी पांच सौ सोने के सिक्के देकर।"

    सेवक ने बड़े आराम से कहा :"महाराज, आप क्रोधित न होइए, पांच सौ किलोमीटर दौड़ने वाला घोड़ा ढूंढना मुश्किल है। कोई भी व्यक्ति ऐसे घोड़े को नहीं बेचना चाहता है। राजा द्वारा पांच सौ सोने के सिक्कों से ऐसे घोड़े का सिर खरीदे जाने की खबर चारों ओर फैल गयी, लोगों को पता लग गया कि उनके राजा पांच सौ किलोमीटर दौड़ सकने वाला घोड़ा चाहते हैं, एक न एक दिन कोई व्यक्ति राजा को जरूर घोड़ा भेंट करेगा।"

    सेवक की बात सच निकली। एक साल के भीतर ही विभिन्न स्थानों से राजा को तीन दुर्लभ घोड़े भेंट किए गए।

    यह कथा उस वक्त लिखी गई थी, जब चीन के युद्धरत काल में यान राज्य युद्ध में हार गया था। यान राज्य का राजा देश का पुनरूत्थान करना चाहता था। उसने क्वो हुए नाम के अपने एक सेवक से देशोद्धार का उपाय पूछा, तो क्वो हुए ने राजा को उपरोक्त कथा सुनाई और यह सलाह दी:"महाराज आप मुझ जैसे साधारण व्यक्ति को पदोन्नति दे दें, इससे देश विदेश के प्रतिभाशाली लोगों को मालूम होगा कि महाराज सही मायने में प्रतिभा का सम्मान करते हैं और उनकी मदद चाहते हैं, तो वे दूर-दूर से आपके पास आ पहुंचेंगे और आपको मुझ से ज्यादा प्रतिभाशाली सुयोग्य व्यक्ति मिल जाएंगे।"

    यह कहानी सुनने के बाद आपको समझने में देर नहीं लगेगी कि इस तरीके से यान राज्य को तमाम सुयोग्य लोग मिल गए और वह शक्तिशाली हो गया था।


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