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    तिब्बती ओपेरा संस्कृति की विरासत और विकास
    2017-04-05 10:50:24 cri

    तिब्बती ओपेरा तिब्बती जाति की सांस्कृतिक परंपरा में अद्भुत खजाना माना जाता है । तिब्बती ओपेरा सिर्फ तिब्बत में ही नहीं, पूरे देश में जनप्रिय होता रहा है । पता चला है कि प्राचीन काल में तिब्बती ओपेरा में आम तौर पर बौद्ध ग्रंथों की पौराणिक कहानियां शामिल थीं । तिब्बती ओपेरा भी धार्मिक गतिविधियों का एक भाग था । बाद में तिब्बती ओपेरा को मंदिर में से निकाल कर संस्कृति कला का प्रदर्शन बनाया गया है ।

    तिब्बती जातीय कला संस्थान के भूतपूर्व प्रधान ल्यू ची चुन ने तिब्बती ओपेरा और तिब्बती बौद्ध धर्म का दीर्घकाल तक अनुसंधान कर दिया है । तिब्बती ओपेरा तथा तिब्बती संस्कृति व कला के क्षेत्र में ल्यू ची चुन का खूब नाम है । उन के विचार में तिब्बती ओपेरा तिब्बती बौद्ध धर्म से प्रभावित होता जा रहा है । तिब्बती ओपेरा के पारंपरिक प्रदर्शनों की सूची तिब्बत के स्थानीय धर्म और बौद्ध धर्म की देव-देवी और उन की कहानियों से भरी हुई थी ।

    प्रधान ल्यू ची चुन ने कहा,"तिब्बती ओपेरा लोक कला ही है जिस के धर्म के साथ घनिष्ठ संबंध बने हुए हैं । तिब्बती संस्कृति का मुख्य अंक भी तिब्बती बौद्ध धर्म से आधारित है । इसलिए तिब्बती ओपेरा की कहानियां आम तौर पर बौद्ध धर्म ग्रंथों, लोक कथाओं और ऐतिहासिक कहानियों से संबंधित हैं जो धार्मिक सामग्रियों और धार्मिक रस्म आदि तत्वों से भरी हुई हैं ।"

    पारंपरिक तिब्बती ओपेरा मुख्य तौर पर बौद्ध धर्म की कहानियों से आधारित है । ऐतिहासिक कहानियों से आधारित आधुनिक ओपेरा भी धर्मिक रंग के साथ होता है । उदाहरण के लिए आधुनिक तिब्बती ओपेरा "राजकुमारी वेन चेंग" के दो प्रमुख नायक और नायिका यानी सूंगट्साम गैमबो और राजकुमारी वेन चेंग का वर्णन भी तिब्बती बौद्ध धर्म में धर्म राजा और बोधिसत्व तारा के रूप में किया जा रहा है ।

    प्रधान ल्यू ची चुन तिब्बत में लम्बे अरसे से तिब्बती ओपेरा और तिब्बती बौद्ध धर्म का अनुसंधान कर चुके हैं । उन के ख्याल में तिब्बती ओपेरा धर्मनिरपेक्ष जीवन को प्रतिबिंबित करने का धार्मिक अनुष्ठान कला है । तिब्बती बौद्ध धर्म का अनुष्ठान समारोह की आकृति भी आदिम धर्म के आधार पर संपन्न हो गयी थी । तिब्बत के मंदिरों में आज भी ऐसा धार्मिक अनुष्ठान समारोह है जिसमें कलात्मक और धार्मिक तत्व शामिल हैं । जभी त्योहार का समय हो तभी इस समारोह का आयोजन किया जाएगा ।

    ल्यू ची चुन ने कहा,"तिब्बत के मंदिर मेले में आम तौर पर छ्यांगमू नामक नाट्य नाचते रहते हैं । लेकिन यह नाट्य तिब्बती ओपेरा में प्रदर्शित छयांगमू नाट्य से अलग है । तिब्बती ओपेरा के नाट्य में लोक नृत्य आदि भी शामिल हैं ।"

    तिब्बती ओपेरा और तिब्बत के मंदिर मेले के नृत्य प्रदर्शन में हमेशा मास्क का उपयोग होता है । पर मंदिर मेले की तुलना में तिब्बती ओपेरा में प्रयुक्त मास्क का अधिक सेक्युलर रंग प्राप्त होता है ।

    ल्यू ची चुन ने इस का परिचय देते हुए कहा,"मंदिर के मेले में प्रयुक्त जो मास्क या मुखौटा है, जिसका तिब्बती ओपेरा में भी प्रयोग होता है । लेकिन धार्मिक गतिविधियों में प्रयुक्त मास्क के बनाने में सख्त नियम अपनाना चाहिये । जबकि तिब्बती ओपेरा का मास्क प्रदर्शन के लिए है, सो इसकी बनावट भी सरल है । दूसरी तरफ मंदिर के मेले में प्रयुक्त मास्क आम तौर पर मिट्टी से बनाये जाते हैं, और तिब्बती ओपेरा के मुखौटा दूसरी सामग्रियों से बनाते हैं ।"

    विश्व दायरे में ओपेरा का विकास होने के इतिहास में तीन प्रमुख नाटक व्यवस्थाएं हैं यानी प्राचीन यूनानी कॉमेडी और त्रासदी, भारतीय संस्कृत नाटक तथा चीनी ओपेरा । तिब्बती ओपेरा उक्त तीन व्यवस्थाओं से मिलता जुलता है । इतिहास और भूगोल की दृष्टि से तिब्बती ओपेरा पर भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है ।

    ल्यू ची चुन ने इस की जानकारी देते हुए कहा,"तिब्बती ओपेरा में चीनी लोक ओपेरा, यूरोपीय नाटक और भारतीय संस्कृत नाटक के तत्व दिखते रहे हैं । पर इतिहास के कारण तिब्बती ओपेरा पर संस्कृत नाटक का बड़ा प्रभाव है । लेकिन यह बात बहुत दिलचस्प है कि तिब्बती ओपेरा के रूप में यूनानी कॉमेडी तथा चीनी ओपेरा के तत्व भी मौजूद हैं ।"

    तिब्बती ओपेरा तिब्बती परंपरागत संस्कृति का जिन्दा जीवाश्म कहलाता है । वर्ष 1951 में तिब्बती की शांतिपूर्ण मुक्ति खासकर सन 1959 में जनवादी रुपांतर होने के बाद सरकार ने तिब्बती ओपेरा के संरक्षण के लिए विशेष कदम उठाये । तिब्बत में अनेक तिब्बती ओपेरा मंडल स्थापित होने के सिवा तिब्बती ओपेरा की नाटक शैलियों की खोज करने और उन्हें गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत में शामिल कराने की कोशिशें भी की गयी हैं । लेकिन ल्यू ची चुन के ख्याल से तिब्बती ओपेरा के युवा अभिनेताओं के प्रशिक्षण को विशेष महत्व देना पड़ता है ।

    ल्यू ची चुन ने कहा,"तिब्बती ओपेरा का गायन बहुत मुश्किल है और युवा अभिनेताओं के प्रशिक्षण को लंबा समय लगता है । केंद्र सरकार ने तिब्बती ओपेरा का संरक्षण और विकास करने के लिए भारी शक्ति लगायी है और बहुत वित्तीय सहायता भी प्रदान की है । उदाहरण के लिए तिब्बती ओपेरा के एक ही नाटक में स्टेज- प्रॉपर्टी, रंग-सामग्री,मास्क और वेशभूषा आदि की तैयारी के लिए कई हजार युवान का खर्च होता है । तिब्बती ओपेरा के स्टेज-प्रॉपर्टी में कभी कभी सोने और चांदी के पाउडर की शामिली भी होनी पड़ती है । यह सब देश के समर्थन पर निर्भर है ।"

    तिब्बत के लोगों में तिब्बती ओपेरा बहुत लोकप्रिय है । तिब्बती ओपेरा सीखने और प्रदर्शन करने के बहुत से लोग भी हैं । तिब्बत में किसानों और चरवाहों को त्योहार के दिनों तिब्बती ओपेरा का आनंद लेते समय कितनी खुशी हो रही है । और यही से तिब्बती ओपेरा का पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत के रूप में ग्रहण किया जाएगा ।

     

     

    तिब्बती ओपेरा का विकास

    तिब्बती ओपेरा का विकास होने का कई सौ वर्षों का इतिहास होता है । 17वीं शताब्दी के बाद तिब्बती ओपेरा का अपना पूर्ण कलात्मक रूप संपन्न हो चुका था । और कई सौ वर्षों के विकास में तिब्बती ओपेरा की कई प्रमुख शाखाएं भी संपन्न हुई थी । त्योहार के दिन तिब्बत के मंच पर कई दिनों के लिए तिब्बती ओपेरा का प्रदर्शन किया जाता है ।

    तिब्बती ओपेरा में अभिनेता अक्सर सफेद या हरित रंग वाले मुखौटा पहने हुए प्रदर्शन करते हैं । लेकिन छींगहाई प्रांत के दक्षिण में अभिनेता तेल से चेहरे पर मेकअप करके तिब्बती ओपेरा का प्रदर्शन करते हैं । इससे यह जाहिर है कि भिन्न भिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शित तिब्बती ओपेरा का रूप भी अलग है ।

    शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद सरकार ने स्वायत्त प्रदेश का तिब्बती ओपेरा मंडल स्थापित किया जो तिब्बती ओपेरा का विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । मंडल ने पारंपरिक ओपेरा का विरासत के रूप में ग्रहण करने के साथ-साथ आधुनिक ओपेरा को विकास में भी कोशिश की । तिब्बती ओपेरा के पारंपरिक मंच पर भी आधुनिक प्रकाश, दृश्यों, मेकअप और यहां तक आर्केस्ट्रा संगत भी शामिल कराये गये हैं ।

    सन 1980 के दशक में छींगहाई प्रांत के तिब्बती ओपेरा मंडल ने अनेक आधुनिक तिब्बती ओपेरा का प्रदर्शन किया । इन में पारंपरिक और आधुनिक गीत-संगीत के मिश्रण से तिब्बती ओपेरा के संगत को बहुत मजबूत किया गया है । और सुधारित तिब्बती ओपेरा का स्टेज सेट और कलात्मक डिजाइन भी बहुत सुंदर और शानदार दिखते हैं ।

    ( हूमिन )

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