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    19 चूहों का बोलबाला
    2017-03-14 19:57:06 cri

    राजा लु वांग चिड़िया पालता था 鲁王养鸟

    "राजा लु वांग चिड़िया पालता था"नाम की कहानी को चीनी भाषा में"लु वांग यांग न्याओ"(lǔ wáng yǎng niǎo) कहा जाता है। इसमें"लु वांग"प्राचीन काल में लु राज्य का राज्य था, यहां लु राज्य का नाम है और वांग का अर्थ है राजा। तीसरा शब्द"यांग"एक क्रिया शब्द है, जिसका अर्थ है पालना, और अंतिम शब्द"न्याओ"का अर्थ है चिड़िया या पक्षी।

    प्राचीन जमाने में लु राज्य में दूर समुद्र से एक चिड़िया उड़ आई। लु राज्य के लोग इस किस्म की पक्षी को कभी देखने को नहीं पाते थे। उसे देखने के लिए नगर में घनी भीड़ लग भी जाती थी। अंततः खबर राज महल तक पहुंची। राजा लु वांग समझता था कि यह ज़रूर स्वर्ग से अवतारित पक्षी देवता है। सो उसने चिड़िया को राज मंदिर में पूजा के लिए रखकर पालने का आदेश दिया।

    राजा लु वांग के आदेशानुसार चिड़िया को खुश करने के लिए दरबारी वाद्य दल रोज गंभीर्य वाला दरबारी धुन बजाता रहा। राजा के रसोई ने हर वक्त शाही भोज बनाया। इस प्रकार के शान शौकत से भरा प्रबंध से समुद्री पक्षी घबरा गयी और बड़ा भयभीत होने से उसने खाना पीना तक छोड़ दिया, फिर तीन दिन के बाद इस चिड़िया ने डर और भूख के मारे दम तोड़ दिया।

    लु राज्य का राजा यदि जिस तरह पक्षी के साथ व्यवहार करता था, उसी तरह अपनी प्रजा के साथ करता था। उसकी प्रजा ज़रूर उसका डटकर समर्थन करती थी। मगर चिड़िया ऐसी पाली नहीं जा सकती है, क्योंकि वह जीव जंतु है, मानव नहीं।

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