तिब्बती पारंपरिक पंचांग के मुताबिक इस वर्ष की 27 तारीख को तिब्बत का नया साल है जो तिब्बती लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्व है । इसी दिन तिब्बती लोग दिन रात तक दोस्तों के साथ मिलकर शोपिंग करते, गाते, नाचते धूमधाम से खुशियां मनाते हैं ।
नये साल की संध्या पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में लोगों ने आतिशबाजी करने के जरिये भूत भगाने का अनुष्ठान करते हैं । उसी दिन तिब्बती लोग "कू-थू" नामक एक खाद्य पदार्थ खाते हैं ।"कू-थू" आटा से बनाया जाता है जिसमें नौ किस्म की चीज़ें होती हैं । "कू-थू"खाने से परिवार के लिए शुभकामनाएं प्रकट किया जाता है । यह खाने का मतलब है कि हम बाहर से प्राप्त धनराशि आदि सबकुछ वापस लाते हैं और अपने परिवार की देखभाल करते हैं ।
घी चाय तिब्बती लोगों के लिए दैनिक आवश्यक पेय है । ल्हासा शहर के उपनगर में स्थित चांगदा गांव में रहने वाले यांगची ने सुबह घी चाय बनाते हुए अपने परिवार में नया साल मनाने की गतिविधियों का परिचय दिया ।"हमने बच्चों के लिए दूध और मिठाइयां आदि चीज़ें खरीदी हैं । इसके बाद कुछ और सब्जियां और फल आदि भी खरीदेंगे । रात को दो-गा भी लगाएंगे ।"
तिब्बती लोग मंदिरों में मक्खन, चीनी, सूखे फल आदि चढ़ाकर भगवान की पूजा करते हैं । नया साल मनाने के लिए यांगची के घर में पुनः सजावट की गयी है और अतिथियों के सत्कार के लिए भिन्न भिन्न खाना,पेय व शराब आदि भी तैयार किये गये हैं । यांगची के भाई सोलांग ने कहा,"नये साल के पहले दिन हम गांव में नाचते रहेंगे । सरकार की नीति सही है । हमारी आय भी बढ़ी है । नया साल मनाते समय हमें बहुत खुशी होती है ।"
चांगदा गांव में 61 गांववासियों ने एक प्रदर्शन मंडल स्थापित किया है । उन के प्रदर्शन में पारंपरिक नृत्य, तिब्बती ओपेरा, गायन और नृत्य आदि सब शामिल हैं । गांववासी एक महीने की तैयारी करके नये साल के समारोह में भाग लेंगे । काउंटी के कार्य दल के प्रधान देग्की ने कहा,"चांगदा गांव के समारोह में नौ सौ दर्शक रहेंगे । आसपास के गांववासी भी आ जाएंगे । ऐसा समारोह करने से विभिन्न गांवों के बीच भावनाओं को बढ़ाया जाएगा ।"
गरीबी से मुक्त होकर अमीर बनने वाला पहाड़ी गांव
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के उपनगर में स्थित सानयू गांव में रहने वाली महिला छूनी ने नये साल की पूर्व संध्या पर यह शुभकामना प्रकट की है कि नये साल में मेरे सभी बच्चे अच्छी तरह सीखेंगे ताकि वे देश व समाज का जवाब दे सकें । उन्हों ने कहा, "मैं सर्दियों में घर में कपड़े बनाती हूं और गर्मियों में कापरेटिव में काम करती हूं । वहां मैं एक दिन पचास युवान का तनख्वाह प्राप्त कर सकती हूं । मैं ने कई हजार युवान कमाया है । गांव में हर रोज़ नाचते हैं और हम नये साल के मौके पर नाचते रहेंगे ।"
44 वर्षीय छूनी के घर में तीन बच्चे, मां और एक अपाहिज बहिन हैं । उनका जीवन मुश्किल है । गत वर्ष के जून महीने में सरकार की मदद में छूनी के परिवार को पहाड़ों में से रेल स्टेशन के पास स्थित सानयू गांव में स्थानांतरित किया गया । छूनी का नया घर एक दो-मंजिला इमारत है । छूनी ने गांव के रोपण कापरेटिव में भाग लिया जिससे उन्हें कई हजार की आय प्राप्त है । तीन बच्चों को सब स्कूल में निःशुल्क तौर पर भर्ती करवाया गया है ।
सानयू गांव का ऐसा नारा है यानी मकान, रोजगारी और स्वास्थ्य की प्राप्ति होना । सरकार ने 4 करोड़ 20 लाख युवान की पूंजी लगाकर गरीब परिवारों को इस गांव में स्थानांतरित किया । अब सानयू गांव में पानी सप्लाई, बिजली, मार्ग और संचार आदि बुनियादी उपकरणों का निर्माण समाप्त किया गया है । किंडरगार्टन और क्लीनिक आदि भी उपलब्ध हो चुके हैं । वर्ष 2016 में सात सौ गरीब परिवारों को इस गांव में स्थानांतरिक किया गया । गांववासी थासी दोर्गी ने कहा,"मैं ने कभी नहीं सोचा कि मैं इतना अच्छा मकान प्राप्त कर सका । यहां सबकुछ अच्छा है । गांव में सभी लोग अमीर बनना चाहते हैं ताकि सरकार और समाज की सहायता का जबाव दे सकें ।"
गांववासियों को रोजगार कराने के लिए सरकार ने 1 करोड़ 90 लाख युवान की पूंजी लगाकर चिकन व गाय फार्म तथा रोपण कापरेटिव स्थापित किये । जिससे अधिकांश गांववासियों को रोजगार दिलाया गया । इस के अलावा दवाई और घास रोपण आदि के फार्म भी स्थापित किये गये हैं । वर्ष 2016 में सानयू गांव में प्रति गांववासी को गांव के कारोबारों की तरफ से 3500 युवान बोनस भी दिया गया है । काउटी सरकार में गरीबी उन्मूलन कार्यालय के एक प्रधान ने कहा,"हम ने गांववासियों के लिए दूध, घी बेचाने के लिए बाजार भी तलाश किया है । अब गांव में दूध का उत्पादन कम है । एक दिन दूध बेचाने की आय चार पाँच हजार युवान रहा है । बाद में उत्पादन मात्रा को उन्नत करने से गांववासियों को और अधिक आय प्राप्त हो जाएगी ।"
सरकार का लक्ष्य है कि पाँच सालों के भीतर सभी गांववासियों को खुशहाल बनाया जाएगा । स्थानांतरण के जरिये गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य साकार करना तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार द्वारा गरीबी को मिटाने का नया कदम है ।
गरीबी उन्मूलन के लिए तिब्बती हस्त-शिल्पकारों में कॉपरेटिव की स्थापना
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिगाज़े शहर के कांग-शूंग टाउनशिप को ऊनी कपड़े का उत्पादन करने का अड्डा माना जाता है । वहां परंपरागत हस्त-शिल्पकारों के कॉपरेटिव के संस्थापक नानमूचेन ने कहा कि कॉपरेटिव का उत्पादन मूल्य 23.5 लाख युवान तक रहा है और कापरेटिव में काम करने से स्थानीय महिलाओं के लिए गरीबी से विमुक्त करने का नया रास्ता तैयार है ।
तिब्बती लोगों में ऊनी कपड़े का उत्पादन करने की परंपरा है । नानमूचेन ने वर्ष 2013 में सरकार की मदद से अपना ऊनी कपड़ा कापरेटिव कारखाना स्थापित किया । इसके बाद कारखाने ने बहुत-सी स्थानीय महिलाओं के लिए रोजगार तैयार किया । जनवरी माह में कारखाने ने गांव के 52 गरीब परिवारों को वाशिंग मशीन, फ्रीजर, कुकर, कंबल आदि एक लाख युवान मूल्य की राहत सामग्री प्रदान किया है । नानमूचेन ने कहा कि उनका कारखाना अपने उत्पादन को उन्नत कर अधिक गरीब परिवारों की मदद करेगा ।
पता चला है कि तिब्बती ऊनी कपड़े पहाड़ी बकरियों के ऊन, वनस्पति रंग आदि सामग्रियों और पारंपरिक कौशल से बनाये जाते हैं । इस कपड़े से आम तौर पर आलीशान समारोह में भाग लेने के लिए शानदार पोशाक बनाते हैं, और वह पर्यटकों के लिए लोकप्रिय उपहार भी हैं ।
तिब्बत की नामलीन काउटी में स्थापित घास कापरेटिव
हाल ही में तिब्बत के नामलीन काउटी में स्थापित घास रोपण कापरेटिव ने घास का रोपण करने के जरिये स्थानीय लोगों को गरीबी से विमुक्त कराने में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं ।
नामलीन काउंटी की पार्टी कमेटी के सचिव त्सेरिंग दनचु ने 25 फरवरी को संवाददाता को दिए इंटरव्यू में कहा कि काउंटी में नव स्थापित घास कापरेटिव ने अपनी स्थापना के दूसरे साल ही 60 लाख युवान की आय प्राप्त की जिससे हरेक भागीदार को आठ हजार युवान की आय प्राप्त हुई । आर्थिक लाभ के अतिरिक्त नामलीन काउंटी का वातावरण भी घास बोने की वजह से बदला गया है । इधर के वर्षों में रेतिली हवा पहले से एक तिहाई कम हुई है । वायु में ऑक्सीजन की मात्रा 5% और नमी 10% की वृद्धि हुई है ।
नामलीन काउंटी शिगाज़े शहर के उत्तर पूर्व में स्थित है । यहां की ऊँचाई 3900 मीटर होती है और सूर्य व बरसात की स्थिति सही रहती है । किसानों को अधिक आय करवाने के लिए सरकार ने किसानों को 47 हजार मू के खेतों में घास रोपण करवाने के लिए प्रोत्साहित किया । उत्पादित घास से पशुपालकों के लिए चारा तैयार किया जाएगा ।
घास का रोपण करने में सफलता मिलने के बाद नामलीन काउंटी में पेड़ लगाने का काम भी शुरू किया गया है । अनुमान है कि नव स्थापित नर्सरी फार्म किसानों को दो करोड़ युवान की आय मिल पाएगी और नामलीन काउंटी में घास और पेड़ से गठित ग्रीन बैंकों की प्राप्ति कायम रहेगी ।
( हूमिन )