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狡猾的蝙蝠 चालाक चमगादड़
"चालाक चमगादड़"को चीनी भाषा में"च्याओ हुआ द प्यान फ़ू"(jiǎo huá de biān fú) कहा जाता है। इसमें"च्याओ हुआ द"विशेषण शब्द है, जिसका अर्थ होता है"चालाक", जबकि"प्यान फ़ू"चमगादड़ है।
चीनी लोगों की मान्यता के अनुसार पक्षियों का राजा अमर पक्षी था। एक दिन अमर पक्षी अपना जन्म दिन मना रहा था। जंगल के सभी पक्षी बधाई देने आ पहुंचे, पर सिर्फ चमगादड़ नहीं आया।
अमर पक्षी को बड़ा गुस्सा आया, उसने चमगादड़ को बुला कर उस पर नाराजगी प्रकट की:"तुम मेरी प्रजा हो, तुम्हारी यह हिम्मत कैसे हुई कि मेरे जन्म दिन पर भी तुम नहीं आए।"
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चमगादड़ ने अपने दोनों पांव दिखाते हुए कहा:"मेरे शरीर में जानवर के पांव होते हैं, मैं पशु-राज्य की प्रजा हूं। आप के पक्षी-राज्य को मुझ पर शासन करने का अधिकार नहीं है।"
कुछ दिन के बाद पशु राज्य के राजा छी लिन का जन्म दिन आया। छी-लिन एक काल्पनिक जानवर है, जो चीनी लोक मान्यता के अनुसार जानवरों का राजा है। उसके जन्म दिन पर बधाई देने के लिए सभी जानवर पहुंचे, लेकिन चमगादड़ की सूरत फिर नहीं दिखी।
छी लिन ने उसे बुला कर फटकारा:"तुम मेरी प्रजा हो, तुम्हारी ऐसी हिम्मत कि मेरे जन्म दिन पर नहीं आए।"
चमगादड़ ने पंख फड़फड़ा कर कहा:"मेरे पंख होते हैं, मैं पक्षी-राज्य की प्रजा हूं, आप के पशु-राज्य का क्या अधिकार है कि मुझे बधाई देने आने का हुक्म दे।"
एक दिन अमर पक्षी और छी लिन आपस में मिले। बातचीत में चमगादड़ की घटना की चर्चा आयी, तो दोनों को पता चला कि चमगादड़ दोनों तरफ़ झूठ बोलता है। अमर पक्षी और छी लिन ने आह भर कर कहा:"समाज में नैतिकता कितनी कमजोर हो चुकी है, ऐसी चीज भी पैदा हो गई है, जो न जानवर है, ना ही पक्षी । उसके साथ हम कुछ कर नहीं सकते।"
"चालाक चमगादड़"यानी चीनी भाषा में"च्याओ हुआ द प्यान फ़ू"(jiǎo huá de biān fú) नाम की इस नीति कथा का मतलब है कि समाज में ऐसे दोगले लोग रहते हैं, जो इंसान के साथ इंसानों की बातें करते हैं और शैतान के साथ शैतान की बातें। उसका कोई सिद्धांत नहीं होता है। पर देर सबेरे उनके असली चेहरे का पर्दाफ़ाश हो ही जाता है।