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    15 ची छांग की तीरंदाजी कला
    2017-02-13 18:48:15 cri

    ची छांग की तीरंदाजी कला 纪昌学箭

    "ची छांग की तीरंदाजी कला"नीति कथा को चीनी भाषा में"ची छांग श्वे चिआन"(jì chāng xué jiàn) कहा जाता है। इसमें"ची छांग"व्यक्ति का नाम है, "श्वे"का अर्थ सीखना और"चिआन"है तीरंदाजी।

    प्राचीन काल में कान यिंग अपने समय का एक असाधारण तीरंदाज माना जाता था। उसके तीर के सामने किसी भी तरह के पशु पक्षी नहीं बच पाते थे। फ़ेइ वेई नाम का व्यक्ति कान यिंग का शिष्य था। कड़ी मेहनत से अभ्यास करने के बाद उसकी तीरंदाजी कला अपने गुरू से भी बेहतर हो गयी थी।

    ची छांग नाम का एक युवा था। वह फ़ेई वेई का शिष्य बन गया और अचूक निशानेबाजी सीखने की ठान ली। फ़ेई वेई ने उसको अचूक निशानाबाजी का रहस्य बताते हुए कहा:"पहले तुम अपने पर इस तरह नियंत्रण रखो कि किसी भी हालत में तुम्हारी आंखें नहीं झपकेंगी। जब तुम ऐसा करने में सक्षम हो गए, तभी तुम तीरंदाजी सीखने के योग्य हो सकोगे।"

    गुरू की बात मानकर ची छांग घर वापस गया और पत्नी की बुनाई मशीन के नीचे लेट कर मशीन पर तेज गति से दौड़ रहे शटल को घूरता रहा। दो साल बीत गए, वह आंखों की गति पर नियंत्रण रखने में वहां तक सफल हो गया था कि सुई को आंखे पर मारे जाने पर भी उसकी आंखें नहीं झपकती थी।

    ची छांग ने बड़ी खुशी के साथ गुरू फ़ेई वेई को यह बात बतायी। पर फ़ेई वेई ने कहा:"मात्र यह क्षमता पाने से तुम तीरंदाजी में पारंगत नहीं हो सकते। तुम्हें अपनी नजर को इतना शक्तिशाली बनाने की कोशिश करनी चाहिए कि छोटी से छोटी चीज देखने पर वह बहुत बड़ी लगती हो और अस्पष्ट चीज देखने में बहुत साफ लगती हो। नज़र को ऐसा तेज़ करने के बाद तुम तीरंदाजी सीखने के योग्य हो जाओगे।"

    ची छांग फिर वापस घर गया और उसने एक जिन्ली पकड़ कर उसे बैल के पतले बालों से बांध दिया और उसे खिड़की पर लटकाया, इसके बाद वह रोज खिड़की पर लटकाए छोटी छोटी जिन्ली की ओर ताकता रहा। दस दिन गुजर गए, वह सूखी पड़ी छोटी छोटी जिन्ली ची छांग की नज़र में लगातार बड़ी बनने लगी। फिर इस तरह अभ्यास करते करते तीन साल हो गए। वह सूखी राई सी छोटी जिन्ली ची छांग की नजर में गाड़ी का पहिया जितनी बड़ी दिखाई देने लगी। अगर वह इससे थोड़ी बड़ी चीज़ देखता, तो लगता था कि वह चीज़ पहाड़ जितना बड़ा दिखाई पड़ रही थी और बहुत साफ़ नज़र आ रही थी।

    ची छांग ने जिन्ली को निशाना साध कर तीर मारा, तीर तो जिन्ली के बीचोंबीच मार कर गुजरा, लेकिन जिन्ली को बांधने वाला पतला बाल नही टूटा। इस असाधारण सफलता पर ची छांग बहुत प्रसन्न हुआ। उसने अपने गुरू को यह खुशखबरी सुनाई, तो फ़ेई वेई ने प्रशंसा के अंदाज में सिर हिलाते हुए कहा:"कड़ी मेहनत का फल मीठा होतता है। तुम पूरी तरब कामयाब हो गए हो ।"

    "ची छांग की तीरंदाजी कला"यानी चीनी भाषा में"ची छांग श्वे चिआन"नाम की नीति कथा बताती है कि कड़ी मेहनत का परिणाम जरूर अच्छा होता है। हमें पढ़ाई और कामकाज में हमेशा मेहनत करनी चाहिए।


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