वसंतोत्सव चीनी भाषा में "न्येन" कहलाता है। इस का उद्गम चीनी लोगों द्वारा देवी-देवताओं की प्रार्थना करने की प्राचीन गतिविधि से हुआ है। वसंतोत्सव के दौरान हर परिजन और दोस्तों को शुभकामनाएं देने की परम्परा है। इसे चीनी भाषा में "बोई न्येन" कहते हैं। वसंतोत्सव बीते साल से विदा लेने और नए साल का स्वागत करने का समय है। इसलिए चीनी लोग इस वक्त एक-दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। वसंतोत्सव के पहले दिन तड़के उठ कर परिवार के छोटे लोगों का बड़ों को शुभकामनाएं देना ज़रूरी होता है। वे आशा करते हैं कि परिवार के बड़े लोग स्वस्थ रहें और परिवार सुखमय हो। इसके बाद लोग बाहर जाते हैं और दूसरे लोगों को भी शुभकामनाएं देते हैं । आशा की जाती है कि नया साल हर व्यक्ति के लिए मंगलमय हो।
वसंतोत्सव 15 दिनों तक मनाया जाता है। 15वां दिन पूर्णिमा का दिन होता है। यह नए साल की प्रथम पूर्णिमा होती है । इस रात चांदनी बहुत स्वच्छ व चमकदार लगती है । इसे वसंतोत्सव का महत्वपूर्ण दिन भी माना जाता है जो "य्वुआन श्याओ उत्सव"भी कहलाता है । यह पूर्णिमा की रात चीनी लोगों के लिए विशेष महत्व की होती है। कहा जाता है कि यह रात परिवार के सदस्यों को एक साथ बितानी चाहिए। हर साल शरद ऋतु में आऩे वाली मध्य शरदोत्सव की रात भी पूर्णिमा की रात होती है। "य्वुआन श्याओ उत्सव" की पूर्णिमा बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस उत्सव पर हर परिवार में य्वुआन श्याओ नामक पकवान बनाया जाता है। यह लसदार चावल से बना हुआ एक पकवान है। य्वान श्याओ का मतलब है परिवार की एकता व सुखमय जीवन।
य्वुआन श्याओ उत्सव की रात को चीनी लोग य्वान श्याओ नामक पकवान खाने की विशेष गतिविधि भी आयोजित करते हैं। इस रात चीनी लोग आम तौर पर घर से बाहर पार्कों में जलते दीप देखने जाते हैं। सुसज्जित पार्कों में रंग-बिरंगे दीप तथा ड्रैगन व नाव नृत्य से वसंतोत्सव का वातावरण चरम पर पहुंच जाता है।
वसंतोत्सव के दौरान चीन के विभिन्न स्थलों में रंग-बिरंगी मनोरंजक गतिविघियां होती हैं। इनमें ड्रैगन नृत्य और नाव नृत्य देखने योग्य होते हैं। सड़क पर नाव नृत्य बहुत दिलकश लगता है। इसके लिए बांसुरी के आकार वाली एक छोटी सी नाव की आवश्यकता होती है।अभिनेता या अभिनेत्री इस नाव में खड़े होकर गाते हुए नाचते हैं । रंग-बिरंगी नावों की लहरों में लोग वसंतोत्सव की खुशियों में डूब जाते हैं ।