012houyishejian
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होउ-ई की तीरंदाजी 后羿射箭
"होउ-ई की तीरंदाजी"कहानी को चीनी भाषा में"होउ ई श च्यान"(hòu yì shè jiàn) कहा जाता है। इसमें"होउ-ई"वीर का नाम है, जबकि"श च्यान"का अर्थ है"तीरंदाजी करना"।
आज से चार हजार वर्ष पहले, होउ-ई नाम का एक तीरंदाज था, निशाना साधने में उसे महारत हासिल थी। एक दिन, राजा शा-वांग ने उसे तीर मारने का कौशल दिखाने का आदेश दिया। जहां पर उसे निशाना लगाना था, वह किसी जानवर के चमड़े से काट कर बनाया गया तीन हाथ जितना बड़ा चौकोण चादर था, उसके बीचों बीच एक इंच छोटा लाल रंग का बिन्दु अंकित था। इस निशाने को देखकर होउ-ई मुस्कराया और उसने सोचा कि इस पर निशाना लगाना बहुत आसान है।
निशाना लगाने से पहले राजा शा-वांग ने एलान किया था कि यदि निशाना अचूक रहा, तो तुम्हें दस हजार ओंस सोना इनाम में दिया जाएगा। निशाना चूकने पर तुम्हारी जागीर छीन ली जाएगी। राजा की घोषणा से होउ-ई दबाव में आ गया, उसे तनाव महसूस होने लगा। उसके मुख का रंग भी उड़ने लगा। सांस हांफने लगी, तमाम कोशिशों के बाद भी वह खुद को शांत नहीं कर सका। इसी बीच में उसने अपना पहला तीर निकाला और उसे निशाने पर मारा, दबाव के कारण होउ-ई का पहला तीर निशाने की बजाय दूसरी जगह जा गिरा। इससे हो-ई ज्यादा दबाव में आ गया और उसके हाथ भी कांपने लगे। उसने बड़ी मुश्किल से दूसरा तीर निशाने की ओर मार दिया, पर तीर निशाने तक नहीं पहुंच सका, और उसके आगे ही जमीन पर गिर पड़ा। यह सब देख रहे दर्शकों में आलोचना की आवाज सुनाई पड़ी। हो-ई के प्रदर्शन पर राजा शा-वांग ने अपने एक मंत्री नि-इन से पूछा कि होउ-ई तीरंदाजी में बहुत पारंगत है, पहले कभी भी निशाना नहीं चूकता था, लेकिन आज दो बार निशाना चूक गया, आखिर इसकी क्या वजह है। नि-इन ने राजा को जवाब देते हुए कहा कि होउ-ई ने इस बार लाभ और हानि के बारे में बहुत सोचा है। आपके द्वारा घोषित इनाम की शर्त उसके लिए भारी बोझ बन गयी, इसलिए वह सही मनोदशा में नहीं रहा। अगर लोग स्वार्थ के बारे में न सोचें, और इनाम व मुआवजे की सोच से बिलकुल दूर रहें, और मेहनत से अभ्यास करें , तो आम व्यक्ति भी निपुण तीरंदाज बन सकता है।
कहानी"होउ-ई की तीरंदाजी"यानी चीनी भाषा में"होउ ई श च्यान"(hòu yì shè jiàn) से हमें शिक्षा मिलती है कि हार-जीत और लाभ-हानि के बारे में ज्यादा सोचना लोगों के लिए भारी बोझ बन सकता है, जो सफलता की राह में बाधक बन सकता है। इसलिए तनाव मुक्त होकर मेहनत से अपना काम करना चाहिए।