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अजगर का वध 次非斩蛇
"अजगर का वध"शीर्षक नीति कथा, इसे चीनी भाषा में"छी फ़ेइ चान श"(cì fēi zhǎn shé) कहा जाता है। इसमें"छी फ़ेइ"व्यक्ति का नाम है,"चान" का अर्थ है काटना या वध करना, जबकि"श"का अर्थ है सांप, इस नीति कथा में अजगर है।
प्राचीन चीन के छुन राज्य वंश में छी फ़ेइ नाम का एक बहादूर युवा था, एक दिन उसने हान स्वी नामक जगह पर एक तेज तलवार खरीदा। गांव लौटने के दौरान वह एक नाव पर सवार नदी पार कर रहा था। जब नाव नदी के मांझधार में पहुंचा, अचानक नदी में बाढ़ आई, उफनती लहरों के बीच दो भयानक अजगर दिखाई पड़े। दोनों अजगर दोनों तरफ़ से नाव को घेर ले रहे थे, नाव पर सवार सभी यात्री डरने के कारण कांपने लगे और नाविकों का होश भी जवाब दे चुका था।
तभी छी फ़ेइ ने पूछा:"क्या पहले नाव जब अजगरों के हमले का शिकार बन गया, उस पर सवार लोगों की जान बच सकती थी।"
नाविक नहीं की मूड में सिर हिलाते हुए बोला:"नहीं बचता, नहीं बचता ।"
इसी वक्त छी फ़ेइ ने तुरंत तलवार निकाल कर दृढ़ आवाज में प्रतीज्ञा की:"मैं इन दोनों भयानक अजगरों का वध कर नदी में सड़ने दूंगा। अगर जान बचाने के लिए मैं तलवार का त्याग करता, तो इस दुनिया में रहने का मेरा क्या महत्व हो सकता।"
कहते-कहते छी फ़ेइ तलवार उठाए नदी की लहरों में कूद पड़ा और अजगरों से भिड़त कर उन्हें मार डालने का प्रयत्न किया। नतीजातः उसने दोनों अजगरों को मार डाला और नदी में लहर शांत हो गई और बाढ़ चली गई। अपनी बलिदान की भावना का परिचय कर छी फ़ेइ ने नाव के सभी लोगों की जान बचायी।
"अजगर का वध"चीनी भाषा में"छी फ़ेइ चान श"नामक की प्राचीन नीति कथा से हमें यह शिक्षा मिल सकती है कि संकट के समय या दुश्मन के सामने लोगों को बहादुरी का परिचय कर उस पर विजय पाने की कोशिश करनी चाहिए, न कि विपत्ति के आगे डर के मारे झुकेगा या भाग जाएगा। कठिनाइयों के विरूद्ध डट कर संघर्ष करना जीवन का गूढ़ होता है।