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    02 पौधों को लम्बा खींचा
    2016-11-14 15:33:33 cri

    पौधों को लम्बा खींचा 揠苗助长

    "पौधों को लम्बा खींचा"नीति कथा को चीनी भाषा में"या म्याओ चू चांग"(yà miáo zhù zhǎng) कहा जाता है। इसमें"या"का अर्थ है"खींचना"और"म्याओ"का अर्थ है"पौधा", जबकि"चू"का मतलब है"सहायता देना"और"चांग"का अर्थ है"बढ़ना"। कुल मिलाकर कहा जाए, तो"या म्याओ चू चांग"का अर्थ निकला है"पौधों के उगने-बढ़ने की सहायता में उसे लम्बा करना"। संक्षिप्त में कहा जाए, तो इस नीति कथा का शीर्षक है"पौधों को लम्बा खींचा"।

    प्राचीन समय, चीन के सोंग राज्य वंश (सन् 960 से 1279 तक) में एक किसान रहता था। वह तेज मिजाजी आदमी था। अपने खेत में फ़सल के पौधों के उगने की गति पर वह असंतुष्ट था, उसे आशा थी कि पौधे जल्दी से जल्दी बढ़ता जाएंगे और कम समय में ही पक जाएंगे। वह रोज खेत पर जा कर पौधों का विकास क्रम देखता रहा, कभी वह खेत में झुक कर हाथों की ऊंगली से पौधों की लम्बाई नाप रहा था, तो कभी नजर से नाप रहा था। उसकी नजर में पौधा बढ़ता ही नहीं जाता, रोज़ पहले दिन का जितना लम्बा बना रहता था।

    एक दिन वह इस सोच विचार में घूम रहा था:"क्या किसी तरीके से पौधों को जल्दी से उगने दिया जा सके?"

    वह घूमता सोचता रहा, घूमता सोचता रहा। अनायास दिमाग में यह विचार चकाचौंध गया:"वाह कितना अच्छा तरीका है। मैं हरेक पौधे को खींच-खींच कर लम्बा कर दूं, तो क्या वह एकदम लम्बा नहीं हो सकता?हां, इससे पौधे ज़रूर जल्द ही उग-बढ़ जाएंगे।"

    वह तुरंत अपने फैसले पर अमल करने लगा, झुक-झुक कर खेत के सभी पौधों को एक-एक खींच कर ऊंचा कर दिया। दोपहर से शाम तक वह मेहनत करता रहा। जब संध्या वेला आयी, तब बहुत थके हुए घर का रास्ता अपनाया।

    घर में प्रवेश करके ही वह अपने थके हुए कमर में थपकी देते हुए बकने लगा:"ओह, कमर चूर चूर टूट गया, आज मैं सचमुच थका मरा जा रहा हूं।"

    उसके पुत्र ने पिता की ऐसी दशा पर आश्चर्य चकित हो कर पूछा:"पिता जी, आज क्या हुआ कि आप इतना थक गये हैं, क्या कोई भारी काम किया है?"

    किसान बड़े बड़पन के भाव में बोला:"आज मैं खेत में सभी पौधों को जल्दी से उगने में मदद दी है, वह सब पहले से बहुत ज्यादा ऊंचा उगा है।"

    पुत्र पिता जी की बातों पर ताजुब हुआ, वह फटाफट ही खेत की ओर भागा। वहां यह दृश्य देखकर उसके मुंह से हाहाकार फूट निकला:"हाय, हाय राम, यह क्या आफ़त हो गई, खेत में सभी पौधे मुरझा हो गए हैं।"

    जो शुरू-शुरू में खींचे गए थे, वे तो सुख कर खत्म हो गए, जो बाद में खींचे गए थे, उनके पत्ते मुरझा गए थे।

    "पौधों को लम्बा खींचा"यानी"या म्याओ चू चांग"(yà miáo zhù zhǎng)शीर्षक नीति कथा चीन में एक बहुत मशहूर प्राचीन नीति कथा है, इस नीति कथा पर आधारिक एक कहावत हर चीनी की जबान पर है। हां, चीनी भाषा में वह कहावत"या म्याओ जु चांग"कहलाता है। अर्थात पौधों को लम्बा खींच कर उसे उगने की मदद देना। इस नीति कथा का अर्थ बहुत साफ़ है, यानी प्रकृति अपनी नियम के अनुसार चलती है, सभी चीजों का अपना नियम होता है, उसके नियम के विरूद्ध काम लेने का बिलकुल विपरीत परिणाम निकलता है। इसलिए हमें प्रकृति या समाज का नियम जानने की कोशिश करनी चाहिए और नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए ।


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