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    छींगहाई-तिब्बती पठार की बहुमूल्य जड़ी बूटी - छोंग-त्साऔ
    2016-12-19 19:06:01 cri

    छोंग-त्साऔ उत्तर पश्चिमी चीन के छींगहाई प्रांत के यू-शू प्रदेश से आये एक विशेष और बहुत दुर्लभ चीज़ है। छोंग-त्साऔ का एक लातिन भाषीय नाम भी है कोर्डिसेप (Cordyceps), लेकिन इस शब्द का मतलब बहुत कम लोग जानते हैं , क्योंकि यह चीज़ केवल चीन के छींगहाई-तिब्बती पठार के यू-शू प्रदेश में मिल पाती है । छोंग-त्साऔ की दिखावट या बाहर से दिखने का रूप इधर है : इस का ऊपर भाग एक मशरूम या किसी किस्म के घास जैसा पौधा है , लेकिन इस का नीचला भाग एक कीड़ा है । वास्तव में वह किसी किस्म के कीड़े के शरीर में से उगने वाला पौधा होता है । चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति के अनुसार छोंग-त्साऔ दूसरे कीमती चीनी परंपरागत जड़ी-बूटी जिनसेंग से और मूल्यवान दवा है । जिनसेंग--एक औषधोपयोगी पौधे की जड़ है, जो चीन, नेपाल, कनाडा और पूर्वी अमरीका में पाया जाता है । पर छोंग-त्साऔ केवल समुद्र सतह से 3,500 मीटर की ऊँचाई के प्राकृतिक वातावरण में उग सकता है , इसे खाकर आदमी के शरीर में रोग-रोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है । लेकिन छोंग-त्साऔ का सिर्फ चीन के छींगहाई प्रांत के यू-शू प्रदेश में पता लगाया जाता है ।

    हर वर्ष सितंबर माह में यू-शू प्रदेश के चेय-गू कस्बे के छोंग-त्साऔ व्यापार बाजार में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये व्यापारी केंद्रीत होते रहे हैं । उन में छोंग-त्साऔ खरीदने वालों के सिवा अपनी जन्मभूमि से छोंग-त्साऔ लेकर बाजार में बचाने आये तिब्बती किसान व चरवाहे भी हैं । बाजार में क्रेताओं और विक्रेताओं के बीच छोंग-त्साऔ के गुण और दाम पर भाव-तौल करने की निरंतर आवाज़ सुनायी जा रही है जो परदेशों से आये पर्यटकों को भी आकर्षित हैं । हंगरी से आये पर्यटक हाजनाल लासलो (Hajnal Laszlo) ने बेचाने वालों से एक छोंग-त्साऔ मांगकर अपने मुंह में रखकर चबाना शुरू किया ।  

    खाते हुए उन्हों ने यह बताया, "इस का स्वाद घास का जैसा है, अच्छा भी नहीं , बुरा भी नहीं । अगर आप को सब्जियां खाना पसंद है , तो शायद यह भी पसंद है ।"जब दूसरे ने यह पूछा , "क्या आप इसे खरीदना चाहते हैं?"तब लासलो ने जवाब दिया, "जरूर, अगर वह शरीर के लिए अच्छा है , मैं इसे क्यों नहीं खरीदूं ।"

    बाजार में छोंग-त्साऔ बेचने वाले दुकानदार लाबा ने कहा कि छोंग-त्साऔ मूल्यवान जड़ी-बूटी माना जाता है , बाजार में इस का दाम प्रति पाँच सौ ग्राम के लिए आम तौर पर पचास - साठ हजार युवान तक रहता है और यहां तक कि बढ़िया वाले छोंग-त्साऔ की कीमत एक लाख युवान तक जा पहुंची है जो गोल्ड से भी अधिक है । लाबा ने कहा कि यू-शू क्षेत्र में लोग आम तौर पर प्रति वर्ष मई और जून माह में पहाड़ों में छोंग-त्साऔ की खुदाई करना शुरू करते हैं , जबकि जुलाई से यहां के बाजार में छोंग-त्साऔ की बिक्री भी करने लगते हैं ।

    लाबा ने कहा,"इधर के दो तीन वर्षों में मेरे दुकान में छोंग-त्साऔ की बिक्री प्रति दिन एक करोड़ युवान तक रहा है । इसी वर्ष में बिक्री करने वालों की मात्रा थोड़ा कम होने लगी है , पर फिर भी बिक्री रकम एक दिन तीस चालील लाख तक होती है । लेकिन बाजार हमेशा ही गर्म नहीं , कुछ दिन एक पैसा भी नहीं बेच सकता है।"

    तिब्बती व्यवसायी सो-आंग च्यू-पेई भी इस बाजार में छोंग-त्साऔ की बिक्री करता है । उन्हों ने बताया कि प्रति वर्ष मई माह में उन की मां और परिवार के दूसरे लोग पहाड़ों में टेंट खड़ा कर छोंग-त्साऔ की खुदाई करने जाएंगे । और वे खुद बाजार में छोंग-त्साऔ का व्यापार करते हैं ।

    उन्हों ने कहा,"छोंग-त्साऔ की खुदाई करने वालों को पहाड़ों में खड़े हुए टेंट में रहना पड़ता है । खुदाई करने का मौसम केवल मई और जून माह में होता है । लोगों को पौ फटते ही चार पाँच बजे उठकर काम करना शुरू करना है और एक दिन में बारह तेरह घंटों के लिए काम करना पड़ेगा । कुछ सक्षम आदमी एक दिन में कई दर्जन छोंग-त्साऔ की खुदाई कर पाते हैं , पर कुछ ने दिन भर काम करके एक ही भी नहीं कर पाया ।"

    उन्हों ने कहा,"छोंग-त्साऔ की खुदाई करना देखने में आसान है , लेकिन यह काम करने में केवल सौभाग्य की बात नहीं है , विशाल घासमैदान में छोटे छोटे छोंग-त्साऔ का पता लगाना और उन्हें खुदाना बहुत मुश्किल है ।"

    सौभाग्यवश सो-आंग च्यू-पेई के परिवार के सदस्य अपने घर के पीछे के पहाड़ों पर छोंग-त्साऔ की खुदाई कर सकते हैं । यू-शू प्रदेश के कृषि व पशुपालन ब्यूरो के प्रधान त्साई-रेन त्ज़ा-शी ने कहा कि यू-शू प्रदेश के केवल तीस प्रतिशत के पहाड़ी क्षेत्रों में छोंग-त्साऔ जीवित रहते हैं । इसलिए पूरे क्षेत्र में वातावरण का संरक्षण करने के लिए छोंग-त्साऔ की खुदाई को परिसीमित करना ही चाहिये ।

    उन्हों ने कहा,"छोंग-त्साऔ के संसाधन का जोरों से संरक्षण करना पड़ता है और इस में बाहर से आने वाले आदमियों की खुदाई को मना करना ही पड़ेगा । क्योंकि छोंग-त्साऔ लीमिटेड प्राकृतिक संसाधन है , इस की हद से ज्यादा खुदाई करने से प्राकृतिक वातावरण को तोड़ा जाएगा । इसलिए हम किसानों को छोंग-त्साऔ की खुदाई से अधिक आय प्राप्त करवाने को प्रोत्साहित करते हैं , पर इस कार्य के आगे विकास को नहीं । हम इस बीच वातावरण को हमेशा जोर दे रहे हैं ।"

    पर यू-शू के स्थानीय लोगों में से कुछ आदमी बचपन से ही पहाड़ों में छोंग-त्साऔ की खुदाई करने जा रहे हैं , जैसे पौ हान च्यांग भी यू-शू प्रदेश के बिक्रीदार हैं , अभी उन की छोंग-त्साऔ बिक्री चीन के पेइचिंग और शिआन जैसे बड़े शहरों में विस्तृत हो चुकी है ।

    उन्हों ने कहा,"मैं ने वर्ष 1994 या 1995 से ही अपने भाइयों के साथ साथ पहाड़ों में छोंग-त्साऔ की खुदाई शुरू कर दी थी । तब छोंग-त्साऔ की कीमत निम्न होती थी और इस काम में कार्यरत आदमी भी बहुत कम थे ।"पौ ने कहा कि जब वर्ष 1990 में वह अपना दुकान खोला था , तब छोंग-त्साऔ की कीमत केवल 3400 युवान प्रति किलो रही थी , लेकिन आज यह बढ़कर अस्सी हजार युआन तक जा पहुंची है ।

    पौ ने कहा, "पहले लोगों को मालूम नहीं था कि छोंग-त्साऔ का मतलब क्या है और इस की गुणवत्ता कितनी अच्छी है । आज जो यहां आते हैं , उन्हें सबकुछ की जानकारी प्राप्त है ।"

    आज छींगहाई प्रांत की राजधानी शीनींग शहर की सड़कों पर छोंग-त्साऔ की बिक्री करने के दुकान कोने कोने पर खड़ते नज़र आते हैं । पौ हान च्यांग और उन के रिश्तेदारों द्वारा खोले गये सात आठ छोंग-त्साऔ दुकान भी उन में शामिल हैं । लेकिन पौ ने कहा कि वे अपनी बिक्री को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि इधर के बीसेक वर्षों में छोंग-त्साऔ की कीमत बहुत हद तक बढ़ी है , और पहले गरीब लोग भी ऐसी जड़ी-बूटी खा पाते थे , आज जो छोंग-त्साऔ खाते हैं , वे सब अमीर लोग हैं ।

    पौ ने कहा,"छोंग-त्साऔ की कीमत हद से ज्यादा बढ़ी है , यह कोई अच्छी बात नहीं है । इतनी मूल्यवान चीज़ आम लोगों के लिए नहीं है , दीर्घकाल की दृष्टि से छोंग-त्साऔ की कीमत कम होना अच्छा है ।"

    यू-शू प्रदेश के कृषि व पशुपालन ब्यूरो के प्रधान त्साई-रेन त्ज़ा-शी का मानना भी है कि सिर्फ छोंग-त्साऔ की खुदाई पर निर्भर रहना सही नहीं है , अर्थव्यवस्था का समग्र विकास करने से लोगों को लाभ मिल पाएगा ।

    उन्हों ने कहा ,"सिर्फ छोंग-त्साऔ की खुदाई से हमारे अर्थतंत्र का विकास नहीं हो सकेगा । इसलिए हमें छोंग-त्साऔ संसाधन का अच्छी तरह संरक्षण करना चाहिये और कृषि व पशुपालन के विकास पर अधिक शक्तियां डालना ही चाहिये । यह हमारी सरकार का मानना भी है।"

    आज चीन के छींगहाई प्रांत की विभिन्न जगहों पर छोंग-त्साऔ की बिक्री के बारे में विज्ञापन बोर्ड खड़ते नज़र में आते रहे हैं । छोंग-त्साऔ यह जड़ी-बूटी छींगहाई प्रांत का सिगनल ही बन गया है । छोंग-त्साऔ केवल छींगहाई प्रांत के यू-शू प्रदेश के तीन हजार मीटर उच्चे पहाड़ों पर जीवित होता है । अभी तक इस का कृत्रिम प्रजनन करने की सभी कोशिश विफल है । छोंग-त्साऔ भविष्य में अपनी रहस्यमय गुणवत्ता से आदमियों को आकर्षित करता रहेगा ।

      ( हूमिन )

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