डिज़ाइनर पर पूर्ण विश्वास होने के चलते श्युए पिंगह्वा ने सिर्फ़ सुझाव दिया कि टी हाउस के डिज़ाइन करने में बांस होने के साथ साथ ज़मीन का रंग सफ़ेद होना चाहिए। बाकी सभी काम डिज़ाइनर ख़ुद तय कर सकते हैं।
डिज़ाइन और पुनः निर्माण का काम तीन वर्षों तक चला। वर्ष 2015 में छ्यू लांग युआन टी हाउस नए रूप के साथ सामने आया। इसका निर्माण पूरा करने के बाद ही छ्यू लांग युआन को दसेक अंतरराष्ट्रीय वास्तुकला पुरस्कार मिले, पर श्युए पिंगह्वा इससे परेशान हैं।
"छ्यू लांग युआन वास्तुकला पुरस्कार पाने की वजह से लोगों में प्रसिद्ध हो चुके हैं, लेकिन इस टी हाउस में क्या उपलब्ध होता है, लोग स्पष्ट रूप से नहीं जानते। इससे ज़ाहिर है कि हमने जो काम किया, वह काफ़ी नहीं है। क्योंकि टी हाउस में जो चीज़ें उपलब्ध होती हैं, उसमें लोगों की गहरी छवि नहीं है। हमारे यहां चित्र, सुलेख, कला वस्तु या चाय सेट प्रदर्शित किए जाते हैं, उनके लोगों के मस्तिष्क में याद रखने पर ही लोग डिज़ाइन के बजाए टी हाउस पर ज़्यादा ध्यान देंगे। टी हाउस के लिए इसका वास्तविक फ़ंक्शन सबसे महत्वपूर्ण है।"