अमेरिका-जापान-दक्षिण कोरिया संबंध
ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से एशिया प्रशांत क्षेत्र में भी धक्का लगा है। जापानी मीडिया ने कहा कि हालांकि देखने में अबे सरकार शांत रही है, फिर भी वे चिंतित में होंगे। जापान-अमेरिका गठबंधन का आधार संभवतः हिलने लगेगा। जबकि दक्षिण कोरिया की मीडिया ने कहा कि दक्षिण कोरिया-अमेरिका गठबंधन को भारी लहर का सामना करना पड़ेगा।
जापानी टीवी स्टेशन की रिपोर्ट के अनुसार 9 नवम्बर को जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे टीवी सेट के सामने अमेरिकी आम चुनाव के परिणाम का इन्तजार कर रहे थे। जब उन्हें पता चला कि ट्रम्प चुनाव में जीत चुके हैं, तो अबे ने ट्रम्प बधाई दी। उन्होंने कहा कि जापान-अमेरिका गठबंधन सामान्य मूल्य विचारधारा के आधार पर स्थापित गठबंधन है। आशा प्रकट की कि जापान व अमेरिका के संबंध मजबूत होंगे।
जापानी क्योटो समाचार के विश्लेषण के मुताबिक जापान सरकार चिंतित है कि ट्रम्प संभवतः जापान-अमेरिका गठबंधन को कम करेंगे। कारण यह है कि ट्रम्प का विचार है कि जापान से अमेरिकी सेना हटाना या जापान अमेरिकी सेना के लिए और ज्यादा सैन्य फीस देना है। जापान की बुनियादी रणनीति है कि जापान-अमेरिका गठबंधन को मजबूत करने से उत्तर कोरिया व चीन पर नियंत्रण करना है। ट्रम्प के सत्ता में आने से जापान की इस रणनीति को नुकसान हो सकता है।
और तो और, ट्रम्प व्यापार संरक्षणवाद का पक्ष लेते हैं और ट्रांस प्रशांत भागीदारी समझौते (TPP) का जबरदस्त विरोध करते हैं। वॉल स्ट्रीट डेली की रिपोर्ट के अनुसार, ओबामा सरकार ने टीपीपी पारित करने की सभी उम्मीद छोड़ दी है। लेकिन शर्मनाक बात यह है कि जापानी सांसद ने 10 नवम्बर को टीपीपी के संबंधित कानूनों को पारित किया। लेकिन अब इसका कोई यथार्थ अर्थ नहीं रहा है।
खबर है कि जापानी प्रधानमंत्री ने अपने सहायक को तुरंत अमेरिका जाकर नयी अमेरिकी सरकार के संबंधित सूत्रों से संपर्क करने का आदेश दिया।
उधर दक्षिण कोरिया की मीडिया ने अनुमान लगाया कि ट्रम्प के सत्ता पर आने के बाद दक्षिण कोरिया-जापान गठबंधन में भारी परिवर्तन आएगा। ट्रम्प ने चुनाव के दौरान बार बार कहा था कि दक्षिण कोरिया आदि देशों ने मुफ्त रूप से सुरक्षा कल्याण का उपभोग करते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद गठबंधन देशों की प्रतिरक्षा फीस के अनुपात को बड़े हद तक बढ़ाएंगे। दक्षिण कोरिया के अनुसार ट्रम्प ने 10 नवम्बर की सुबह दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गेन-ह्वे से फोन पर बातचीत की और यह वचन दिया कि अमेरिका दक्षिण कोरिया की सुरक्षा की रक्षा करने के लिए मजबूत प्रतिरक्षा की स्थिति बरकरार रखेगा।
दक्षिण कोरिया के केबीएस टीवी स्टेशन के विश्लेषण में कहा गया कि हाल में ट्रम्प की विदेश नीति और सुरक्षा नीति स्पष्ट नहीं है, लेकिन उनका यह रुख बहुत दृढ़ है कि वे प्रतिरक्षा के लिए ज्यादा पैसे नहीं देंगे। दक्षिण कोरिया व अमेरिका 2018 में दक्षिण कोरिया में स्थित अमेरिकी सेना की प्रतिरक्षा फीस के बंटवारे पर फिर एक बार सलाह मशविरा करेंगे। मौके पर ट्रम्प के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार संभवतः सेना हटाने की धमकी देने से दक्षिण कोरिया से बड़े हद तक प्रतिरक्षा फीस को उन्नत करने की मांग करेंगे।