चीन सरकार की योजना के अनुसार वर्ष 2020 तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लगभग सात लाख गरीब लोगों को गरीबी से मुक्त कर देने का लक्ष्य पूरा होना चाहिये । लेकिन तिब्बत में जो गरीब लोग हैं , वे सब विशाल क्षेत्रों में फैले हुए हैं । ऐसे रहने वाले निवासियों को गरीबी से कैसे मुक्त कराया जाएगा, वह बहुत मुश्किल है । पर सरकार ने तिब्बत के गांवों में गरीबी उन्मूलन के विशेष कार्य दल भेजने का कदम उठाया ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पूर्व में स्थित मैरी गांव के 157 चरवाहे परिवार हैं और गांवासियों की संख्या लगभग एक हजार होती है । उन में 29 परिवारों के 112 लोग गरीब गांववासी दर्ज़ किये गये हैं । गांव के 1.7 लाख मू घासमैदान है । गांव में भेजे गये कार्य दल ने गांववासियों की मदद के लिए व्यापक अनुसंधान किया और गांववासियों की व्यापक जानकारियां एकत्र कीं ।
कार्य दल के प्रधान ई-शी दान-जेंग ने कहा,"हम ने गांव में लोगों की मुश्किलों के बारे में खूब पूछा है । अभी गांववासियों के सामने ऐसी कठिनाइयाँ मौजूद हैं यानी उन के लिये अपने उत्पाद बेचाना मुश्किल है । क्योंकि गांव के आसपास कोई बाजार या बिक्री केंद्र नहीं है । दूसरी तरफ गांववासियों के दिमाग में कमोडिटी या ट्रेडमार्क आदि शब्द भी कभी नहीं आया है ।"
मैरी गांव में ढ़ेर सारे मक्खन, दूध, दही और फल आदि जमा हुए हैं । लेकिन गांववासयों के लिए अपने उत्पाद बेचाने का बाजार नहीं है । कार्य दल ने गांववासियों के लिए एक बिक्री मंच तैयार करने की भरसक कोशिश की है ।
ई-शी दान-जेंग ने कहा,"ल्हासा में मेरा एक दोस्त है जो ट्रेडमार्क का डिजाइनिंग कर रहा है । उन की बात सुनकर मुझे भी समझ में आ गयी है कि ट्रेडमार्क महत्वपूर्ण है । मैं ने पहले स्कूल में भी कुछ पत्रिका का संपादन किया था । लेकिन पत्रिका को भी संहिता चाहिये जो पत्रिका के प्रकाशन के लिए अनिवार्य है ।"
कार्य दल ने जो काम करना चाहा, वह था गांववासियों के उत्पादों के लिए एकीकृत ट्रेडमार्क और एकीकृत पैकेज कायम करना । इसके बाद उन्हों ने मैरी गांव के लिए एक लिमिटेड कंपनी स्थापित करने का विचार अपनाया जो विशेष तौर पर गांव में मूल-उत्पादों की बिक्री कर रही है । लेकिन शुरू में गांववासियों ने इस योजना का स्वागत नहीं किया । उन के दिमाग में कंपनी की स्थापना के प्रति संदेह था ।
ई-शी दान-जेंग ने कहा,"कारोबार बनाने में बहुत से लोगों को संदेह था । गांव में कुछ कार्यक्रताओं सहित लोगों को कंपनी रखने के प्रति विश्वास नहीं था । वे उत्पाद बेचने से पर्याप्त मुनाफ़ा और पैसा पाने के प्रति शक करते थे ।"
गांववासियों को संदेह से छुटकारा करने के लिए कार्य दल ने मैरी गांव के सभी कर्मचारियों और गांववासियों को बुलाकर विचार विमर्श करवाया । उन्हों ने गांववासियों को कंपनी के संचालन और लाभ का परिचय दिया । बाद में सभी गांववासियों ने सर्वसम्मिति से कंपनी की स्थापना का समर्थन प्रकट किया । कार्य दल ने सरकार की तीस हजार युवान की पूंजी से कंपनी की स्थापना के लिए पूरी कोशिश की ।
उन्हों ने कहा,"हम ने बढ़िया वाला पैकेजिंग बक्स डिज़ाइन कर दिया और मैं ने ल्हासा में दो दिन रहकर पैकेजिंग मशीन और पेपर बक्स आदि उपकरण तैयार कर चुका था ।"
कंपनी की स्थापना के बाद कार्य दल के नेतृत्व में मैरी गांव के गांववासियों ने अपने उत्पादों का पैकेजिंग शुरू किया और बाहर को बेचाने का प्रयास किया । ई-शी दान-जेंग का कहना है कि कंपनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है ट्रेडमार्क । हम ने जो कोशिश की है, वह है उपभोक्ताओं में मैरी गांव के उत्पादों की प्राकृतिक गुणवत्ता दिखाना ।
उन्हों ने कहा,"हम ने इंटरनेट के जरिये अपने उत्पादों का परिचय दिया है । और काउटी में आयोजित पर्यटन समारोह में भी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी की है । पर्यटन समारोह में पचास हजार लोगों का जमाव हुआ था । हमारे उत्पाद देखने के बाद बहुत से लोगों ने हमें बुकिंग करने का फोन दिया । अब हमारे गांव के सभी मक्खन खत्म है, सब का बुकिंग हो गया है ।"
कंपनी की स्थापना से दो महीनों के भीतर ही मैरी गांव की कंपनी की बिक्री मात्रा चालीस हजार युवान तक रही । इसके साथ गांव में भी एक दुकान स्थापित हो चुका है । अनुमान है कि दुकान की बिक्री मात्रा भी अस्सी हजार युवान तक रहेगी । गांववासी सांगदीन निम्मा के घर में दो सौ याक का पालन हो रहा है, पहले उन के दूध नहीं बेच सकते थे, अब यह चिन्ता खत्म है ।
उन्हों ने कहा,"पहले जब मैं दूध और मक्खन बेचा रहा था तब खरीददार हमेशा मोल-तोल किया करते थे । कंपनी की स्थापना के बाद हमारे मालों की बिक्री आसान है । अब प्रति किलो का मक्खन एक सौ तीस युवान तक बेच सकता है ।"
ई-शी दान-जेंग और उन के कार्य दल की फिर भी अनेक महा योजनाएं हैं । वे काउटी के प्राइमरी स्कूलों में छात्रों के लिए निःशुल्क लंच योजना में शामिल होना चाहते हैं और इंटरनेट पर अपना लघु व्यापार केंद्र स्थापित करना चाहते हैं । ताकि नव मीडिया के जरिये उपभोक्ताओं की खपत को पूरा किया जाए । लेकिन मैरी गांव में उत्पादित दूध लिमिटित है । इसलिए ई-शी दान-जेंग और उन के कर्मचारी दूध उत्पादों का विस्तार करने वाले हैं ।
उन्हों ने कहा,"हम अगले साल गांव में गायों का फार्म स्थापित करेंगे और इसमें कुल बीस लाख युवान की पूंजी लगाने की योजना संपन्न हो चुकी है । इसके बाद हम गांववासियों को ल्हासा या भीतरी इलाकों में प्रशिक्षित करने भेजेंगे और भविष्य में टाउनशिप और काउटी के नगर में भी अपना दुकान खोलेंगे ।"
मैरी गांव के गांववासियों को गाय फार्म के निर्माण के प्रति बहुत रुचि हुई है । कुछ गांववासियों ने फार्म में काम करने का अनुरोध किया और सोचा कि उन्हें कम से कम परिवहन करने की नौकरी मिल पाएगी । ई-शी दान-जेंग ने कहा कि गांववासियों के समर्थन से मुझे भी विश्वस्त लगा है ।"मैं मैरी गांव के उद्योग का विस्तार करना चाहता हूं । देहाती क्षेत्रों में हम यही कर सकते हैं । इसलिए हमें स्थानीय संसाधन के सहारे आर्थिक विकास करना पड़ेगा ।"
( हूमिन )