प्लास्टिक क्षेत्र में तकनीकी विकास
बच्चों के खिलौनों से उपकरण और कंटेनर तक, कंप्यूटर के बाहरी भाग से मोटर गाड़ी के उपकरणों तक और टूथब्रश से विमानों के उपकरणों तक, प्लास्टिक उत्पाद हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।
1953 में जर्मनी वैज्ञानिक स्टॉदिंगर ने पॉलिमर कैमिस्ट्री के अध्ययन से रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार हासिल किया था। 1963 में इतालवी वैज्ञानिक नाटा और जर्मनी वैज्ञानिक जिएगलर ने बहुलक प्लास्टिक के अनुसंधान से नोबेल पुरस्कार का रासायनिक श्रेणी वाला पुरस्कार जीता था।
अब विभिन्न नयी किस्मों के प्लास्टिक उत्पादों का आना एक सामान्य सी बात है। प्लास्टिक के प्रसार ने लोगों के जीवन को सुविधा प्रदान की है और कई नए रंगों को जोड़ा है, साथ ही वातावरण को क्षति भी पहुंचायी है। इससे पर्यावरण संरक्षण की समस्या उभरी है, जिससे लोग प्लास्टिक उत्पादों को अब पसंद नहीं करते हैं। लेकिन वैज्ञानिक अनुसंधान असीमित है। उच्च विज्ञान और तकनीक से प्लास्टिक और प्राकृतिक मेल से सह अस्तित्व कर सकते हैं।