एशियाई ऑरिएंटल एक्सप्रेस
भारत की पुरानी रेल गाड़ी और रूस की महान रेल गाड़ी को देखने के बाद अब हम विलासी रेल गाड़ी को देखेंगे।
सिंगापुर से क्वालालंपुर से गुजरकर अंत में बैंकाक जाने वाले इस रेल मार्ग की कुल लम्बाई 1700 किलोमीटर है, जो 4 दिन और 3 रात में पहुंचती है। दो यात्रियों के लिए एक केबिन होता है, जिसका खर्च करीब 7000 अमेरिकी डॉलर है। इतनी महंगा होने के बावजूद इस रेल गाड़ी की बुकिंग हमेशा मुश्किल होती है।
तो आप जानना चाहेंगे कि इसकी वजह क्या है?
सिंगापुर से बैंकाक जाने वाली यह रेल गाड़ी यूरोपीय ऑरिएंटल एक्सप्रेस का एशियाई संस्करण मानी जाती है।वह एक चलते हुए महल की तरह है विलासी है। हर महीने में केवल 7 बार यह रेल गाड़ी चलती है और हरेक रेल गाड़ी के 22 केबिन हैं, जिसमें 100 से ज्यादा यात्री सवार हो सकते हैं। इस रेल गाड़ी पर सभी उपकरण व सेवा पांच सितारा होटल के बराबर हैं।
रेल गाड़ी के हरेक केबिन में केवल दो यात्री होते हैं, जिसका क्षेत्रफल करीब 5.8 वर्गमीटर है। रेल गाड़ी पर प्रेसिटेंट केबिन भी है, जिसका क्षेत्रफल 11.6 वर्गमीटर है। हरेक केबिन में स्वतंत्र नहाने के उपकरण उपबल्ध हैं और 24 घंटे खाने-पीने की सुविधा भी होती है। केबिन फ्रांस के मशहूर डिजाइनर गेरार्ड जेल्लेट द्वारा डिजाइन किया गया है।
कल्पना करें कि आप अपने केबिनेट में बैठे हुए सुगंधित कॉफ़ी पी रहे हैं। रास्ते में आपको प्राकृतिक जंगल, उष्णकटिबंधीय जंगल, तालाब, खते और थाई स्टाइल वाले मठ नज़र में आते हैं…… वाकई में अद्भुत नजारा होगा।
इसके अलावा रेल गाड़ी पर दो रेस्तरां केबिन, एक बार केबिन और एक शारोन केबिन हैं। साथ ही एक छोटा पुस्तकालय और कर मुफ्त दुकान भी है। इसलिए रास्ते में आप कभी बोर नहीं होंगे।
रेलगाड़ी में ब्रिटेन, भारत, मलेशिया व फ्रांस के शेफ़ यात्रियों के लिए स्वादिष्ट खाना तैयार करते हैं। सुबह आठ बजे सेवक नाश्ते को एक चांदनी डिश में रखकर यात्रियों के केबिन में आते हैं। जबकि शाम के पांच बजे रेल गाड़ी के रेस्तरां केबिन में रोज लैंप जलाया जाता है। इस माहौल में भोज खाने से आपको लगता है कि मानो आप 18वीं शताब्दी के ब्रिटेन आ पहुंचे हो।