11 सितंबर को "एक पट्टी एक मार्ग" के निर्माण में नेपाल और चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बीच संपर्क को और मजबूत करने के उपलक्ष्य में एक मंच ल्हासा में आयोजित हुआ । मंच में उपस्थित विद्वानों का मानना है कि तिब्बत के द्वार खुलने के कार्यक्रम में नेपाल और तिब्बत दक्षिण एशिया उन्मुख महामार्ग के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे ।
नेपाल के उप प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री कृष्ण बहादुर माहरा ने ल्हासा में आयोजित तीसरे तिब्बती अंतर्राष्ट्रीय एक्सपो में कहा कि"एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण से नेपाल और तिब्बत के लिए अच्छा मौका मिलेगा ।
उन्हों ने कहा, आशा है कि भविष्य में अधिक से अधिक चीनी पर्यटक नेपाल की यात्रा पर जाएंगे और तिब्बत चीनी पर्यटकों का मध्यम पड़ाव बनेगा । पर्यटन तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और नेपाल दोनों के लिए अहम उद्योग है । दोनों देशों के बीच पर्यटन सहयोग करने का उज्जवल भविष्य रहेगा ।
इधर के वर्षों में बड़ी मात्रा वाले चीनी पर्यटक नेपाल की यात्रा पर गये हैं । इस वर्ष 28 जून को समाप्त चीन-नेपाल पर्यटन तालमेल बैठक में नेपाल और चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बीच एक ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। जिसमें नेपाल और तिब्बत के बीच पर्यटन सहयोग पर सहमति बनी। 12 सितंबर के तिब्बती अंतर्राष्ट्रीय एक्सपो में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने नेपाल के साथ संयुक्त एयरलाइन स्थापित कर 16 करोड़ युआन की पूंजी लगायी । इसके बाद नेपाल से तिब्बत के जरिय चीन के भीतरी इलाकों तक उड़ने वाली सर्विस भी शुरू की जाएगी।
इस के अतिरिक्त चीन के छींगहाई-तिब्बत रेल मार्ग ने तिब्बत के ल्हासा और जिगाज़े आदि शहरों को भीतरी इलाकों के साथ जोड़ दिया है जो सब नेपाल की सीमा से नजदीक हैं । नेपाल के भूतपूर्व प्रधानमंत्री ओली ने इस वर्ष की शुरुआत में चीन की यात्रा करते समय चीन के साथ दस समझौते संपन्न किये जिनमें दोनों देशों के बीच रेल मार्ग का निर्माण भी शामिल हुआ । योजनानुसार वर्ष 2020 में चीन अपने छींगहाई-तिब्बत रेल मार्ग को नेपाली सीमा पर स्थित चीलूंग बंदरगाह तक विस्तृत करने का काम शुरू करेगा और दो साल बाद यह रेल मार्ग अमल में लाया जाएगा ।
साथ ही तिब्बत स्वायत्त प्रदेश भी नेपाल के साथ एक पर्यटन सहयोग क्षेत्र स्थापित करने की रूपरेखा बनायी है । स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन विभाग के उप प्रधान वांग सूंग पींग ने कहा,"भविष्य में हम फूरांग बंदरगाह के जरिये नेपाल के यति पर्यटन ग्रुप के साथ दक्षिण एशिया पर्यटन सहयोग क्षेत्र का निर्माण करेंगे ।"
नेपाल और चीन के बीच विमानन और भूमि परिवहन के विकास के साथ-साथ अधिकाधिक चीनी पर्यटक नेपाल की यात्रा करने जा रहे हैं । अब नेपाल में चीनी पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक रही है । नेपाल ने चीनी पर्यटकों की वीज़ा फीस रद्द किया है और चीन के प्रमुख शहरों में कांसुलेट रखने की योजना भी बनायी है ।
उधर नेपाली उद्यमियों के लिये चीन में व्यापार करने के अधिक मौका भी सामने आये हैं । नेपाली चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष व नेपाल-चीन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश काज़ी श्रेष्ठा ने कहा कि वर्तमान में प्रति वर्ष आठ हजार किस्म माल नेपाल से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बेचे गये हैं और "एक पट्टी एक मार्ग" के निर्माण से नेपाली मालों को चीन की तरफ से और अधिक आर्डर-फ़ार्म आएंगे ।
तिब्बत में व्यापार कर रहे नेपाली व्यापारी पूरना ने कहा,"पहले हमारे पूर्वज घोड़े की सवारी करते तिब्बत के ल्हासा और जिगाज़े में व्यापार करने जाते थे । आज हम विमान से यहां आते हैं और भविष्य में हम हाईवेइ या रेलवे से आ सकेंगे । "
परिवहन के विकास से नेपाल और तिब्बत के बीच संबंधों और घनिष्ठ बनाया जाएगा और इसी के साथ सब कुछ का उल्लेखनीय विकास संपन्न हो सकेगा । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार के अध्यक्ष लोसांग च्यांगछून ने कहा, "तिब्बत स्वायत्त प्रदेश"एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण की रणनीति के मुताबिक रेलवे, राजमार्ग, केबल और दूसरे बुनियादी उपकरणों का जोरों पर विकास करेगा और तिब्बत के दक्षिण एशिया उन्मुख स्थलीय चैनल और एयर गलियारा स्थापित करेगा ताकि देशी विदेशी पर्यटकों को तेज, सुविधाजनक और सुरक्षित परिवहन सेवाएं मिल पाएं । साथ ही हिमालय आर्थिक सहयोग क्षेत्र, चीन-नेपाल मुक्त व्यापार क्षेत्र, चीलूंग सीमापार आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण में भी गति दी जाएगी ।"
"एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण से नेपाल और चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को ऐतिहासिक मौका मिलेगा और विश्वास है कि दोनों पक्षों के बीच पर्यटन के सिवा आर्थिक व सांस्कृतिक सहयोग करने का उज्जवल भविष्य भी साबित हो जाएगा ।
( हूमिन )