जी-20 शिखर सम्मेलन जल्द ही चीन के चच्यांग प्रांत के हांगचो शहर में आयोजित होगा। इस सम्मेलन में कौन-कौन देश और प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे?सम्मेलन के मुख्य मुद्दे क्या होंगे?आज के इस प्रोग्राम में आपको इस बारे में विस्तार से बताऊंगी।
जी-20 के 20 सदस्य यानी आर्थिक इकाइयां हैं, लेकिन ये 20 सदस्य देश नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि यूरोपीय संघ एक आर्थिक इकाई के रूप में जी-20 में भाग लेता है।
इन 20 सदस्यों के नेता वर्तमान शिखर सम्मेलन में भाग लेना चाहते हैं। उनके अलावा जी-20 में 7 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेता और प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। उनमें विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन, आर्थिक सहयोग व विकास संगठन और वित्तीय स्थिरता कमेटी आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं।
साथ ही आसियान, अफ्रीकी संघ और अफ्रीकी विकास नयी साझेदारी योजना संगठन के वर्तमान अध्यक्ष देश भी इसके सदस्य रह चुके हैं। इस साल क्रमशः लाओस, चाड और सेनेगल को वर्तमान अध्यक्ष देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है।
साथ ही जी-20 के अध्यक्ष देश के पास एक या कई देशों को विशेष मेहमान के तौर पर सम्मेलन में आमंत्रित करने का अधिकार होता है। इस साल चीन ने कज़ाकस्तान और दो विकासशील देशों को जी-20 सम्मेलन में आमंत्रित किया है। इस तरह हांगचो सम्मेलन जी-20 के इतिहास में सबसे
अधिक विकासशील देशों की भागीदारी वाला देश होगा।
वैसे तो जी-20 सम्मेलन 4 से 5 सितंबर तक दो दिन चलेगा। लेकिन जी-20 संबंधित बैठकें और सम्मेलन साल भर होते रहे। अब तक चीन के 20 शहरों में 60 से ज्यादा सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं।
वहीं शिखर सम्मेलन की समन्वय बैठक तीन बार हो चुकी है। इस दौरान प्रतिनिधियों ने तैयारी कार्य की समग्र दिशा, अहम क्षेत्रों व मुद्दों पर सहमतियां हासिल की हैं। वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों की बैठक भी तीन बार आयोजित हो चुकी है।
इस साल मई के अंत में जी-20 के कृषि, ऊर्जा, रोजगार और व्यापार आदि जी-20 के मंत्रियों की बैठकें बुलायी गयीं। साथ ही महिला सम्मेलन, थिंक टैंक सम्मेलन, गैरसरकारी सोशल सम्मेलन, श्रमिक सम्मेलन और युवा सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।
जी-20 में मुख्य विषयों क्या है? वैश्विक आर्थिक मुद्दों से निपटने का मुख्य प्लेटफार्म होने के नाते विश्व आर्थिक विकास का नेतृत्व कर आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाना जी-20 का उद्देश्य है। लेकिन विभिन्न पक्षों के चर्चित मुद्दों में वित्त ही नहीं, व्यापार और पूंजी निवेश आदि परम्परागत आर्थिक क्षेत्र भी शामिल होते हैं।
इस साल के शिखर सम्मेलन में दो प्रमुख मुद्दे हैं। पहली बार विकास के मुद्दे को वैश्विक समग्र नीति के ढांचे में प्रमुख जगह दी गयी है। पहली बार 2030 अनवरत विकास कार्यक्रम के अनुसार कार्य योजना बनायी गयी है। साथ ही चीन जी-20 सदस्यों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाएगा, अफ्रीका व गरीब देशों के औद्योगिकीकरण विकास को मदद देगा और गरीबी उन्नमूलन एवं अनवरत विकास के लक्ष्य को साकार करेगा।
चीन ने भी हरित वित्त, समावेशी वित्त, पूंजी निवेश व बुनियादी संरचना, ऊर्जा, अनवरत ऊर्जा, अनाज की सुरक्षा आदि क्षेत्रों में कार्य योजना या सहयोग के आह्वान आगे बढ़ाया।
वहीं भ्रष्टाचार विरोधी सहयोग भी जी-20 में चर्चित मुख्य मुद्दों में से एक है। चीन भ्रष्ट व्यक्तियों की तलाशी करने के लिए जी-20 में एक अनुसंधान केंद्र की स्थापना करेगा और 2017-2018 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य योजना बनाएगा।