लालू आर्द्रभूमि में घास का मैदान
प्रवासी पक्षियों के रहने और पर्यावरण संरक्षण के लिये नम आर्द्रभूमि की जरूरत होती है। ल्हासा में पूरे साल भर होने वाली बारिश से लालू आर्द्रभूमि की आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती। सर्दी का शुष्क मौसम आते ही आर्द्रभूमि में पानी की कमी की समस्या सामने आने लगती है। इसके समाधान के लिये ल्हासा शहर की सरकार ने हाल के वर्षों में काफी पूंजी लगाई है, ताकि लालू आर्द्रभूमि के लिये जलापूर्ति हो सके। ल्हासा के पर्यावरण संरक्षण ब्यूरो की उप प्रधान हे क्वीछिन ने कहा:"इधर के सालों में ल्हासा सरकार ने नियमित रखरखाव के लिये बड़ी पूंजी लगायी। प्रतिवर्ष 30 या 40 लाख युआन खर्च किए जाते हैं।"
लालू आर्द्रभूमि ल्हासा की पारिस्थितिकी के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। वैज्ञानिक नियोजन और कारगर प्रबंधन से लालू आर्द्रभूमि की विशेष अल्पाइन आर्द्रभूमि की पारिस्थितिकी व्यवस्था और जैव विविधता को अच्छी तरह संरक्षित किया गया है। हे क्वीछीन ने संवादताता को बताया कि ऐतिहासिक कारणों से लालू आर्द्रभूमि के मूल क्षेत्रों में कुछ नागरिक मकान और खानपान से जुड़े मकान मौजूद है। इन्हें यहां से हटाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा:"हालांकि ल्हासा शहर का खूब विकास हुआ है, फिर भी आर्द्रभूमि के संरक्षण पर ध्यान दिया गया है। पिछले वर्ष 29 परिवारों को आर्द्रभूमि के मूल क्षेत्र से स्थानांतरित किया गया। मूल क्षेत्रों का क्षेत्रफल और विस्तृत हुआ है।"