तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के न्यिंगची प्रिफेक्चर के न्यिंगची शहर की मोथो काउंटी मशहूर यारलुंग जांग्बो नदी की घाटी, जिस का उपनाम है "तिब्बती पठार की स्वर्ग नदी", में स्थित है । विशेष भौगोलिक और जलवायु परिस्थिति के कारण से यहां का पर्यटन काफी उपलब्ध नहीं है । तिब्बत की सहायता के लिए दक्षिण चीन के क्वांगतोंग प्रांत के चोंगशान शहर से न्यिंगची में भेजे गये कार्यकर्ता चांग यूह्वेई की कहानी सुनने योग्य है । चांग यूह्वेई तिब्बत के स्थानीय लोगों की सेवा करने और उन की मदद करने के लिए बहुत जोशी से दक्षिणी चीन के क्वांगतुंग से मोथो कांउटी आए थे ।
गर्मी के मौसम में एक शनिवार को दोपहर बाद, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मोथो शाखा के उप प्रमुख , काऊंटी सरकार के उप प्रधान चांग यू ह्वेई ने अपने ओफिस में हमारे संवाददाता से इंटरव्यू लिया । चांग यू ह्वेई दक्षिणी चीन के क्वांगतोंग प्रांत से तिब्ब्त की सहायता के लिए मोथो काऊंटी आये । तब वे यातोंग गांव के पार्टी सचिव चू चाओचुन के साथ गांव के लिए एक शुभ स्लोगन लिखने पर विचार विमर्श कर रहे थे । वे इस तख्ते को गांव के गेट पर रखना चाहते थे । यातोंग गांव मोथो काउंटी के उत्तर में स्थित है, जो 31 अक्टूबर 2013 में इस कांउटी तक मार्ग यातायात शुरु होने के बाद लोगों के बाहर से मोथो काउंटी पहुंचने का पहला स्थल है। चांग यूह्वेई के विचार में सरकार को अपनी शक्तियों और वित्तीय संसाधनों से यातोंग गांव में ग्रामीण पर्यटन के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिये ।
उन्होंने कहा:"क्योंकि हमारे यहां राज्य मार्ग खोला है, पहले गांव में लोगों को स्वच्छता की सुविधा मुहैया नहीं हुआ था और गांवासियों के लिए अपने आसपास वातावरण को स्वच्छ बनाये रखने की आदत भी नहीं , इसलिए हम चाहते हैं कि गांवासियों के मकानों के चारों ओर पेड़ों और फूलों की पंक्तियां खड़ायी जाएंगी , ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक यहां के मकानों के माध्यम से हमारे मनपा जाति की रीति-रिवाज़ और विशेष संस्कृति की जांनकारियां प्राप्त कर सकें । कांऊटी सरकार में मैं पर्यटन कार्य के जिम्मेदार हूं । मेरी योजना है कि इसी साल गांव के दो परिवारों में ग्रामीण पर्यटन की सेवा शुरू करवाया जाएगा , जिससे यहां के गांवासी पर्यटन के विकास में अपने जीवन का सुधार हो सकें । तिब्बती लोगों के विचार में मोथो कांऊटी एक कुसुम जैसा सुन्दर, सुहावना और पवित्र स्थल है , जिसकी औसत ऊँचाई 1200 मीटर है । पवित्र नदी यारलुंगजांग्बो नदी पठार पर बहती बहती विश्व की सबसे गहरी घाटी से मुड़ने लगती है । मोथो कांऊटी में कुल नौ प्राकृतिक पट्टियां हैं , जहां हिमनदी और उष्णकटिबंधीय वर्षा वन सब शामिल हैं और वहां की जैव विविधता अच्छी तरह संरक्षित है । भारत की कहानी है कि सुप्रसिद्ध गुरु पद्मसंभव ने भी यहां राक्षसों का वध किया था और उपदेश व प्रवचन भी किया था । मोथो कांऊटी बाहर के लोगों के लिए रहस्यमय की जगह है । वर्ष 2013 से पहले ऊंच्ची ऊंच्ची पहाड़ियों की वजह से मोथो कांऊटी में राज्य मार्ग न होने के कारण यहां के लोग बाहर जाने में बहुत मुश्किल थे । लोगों को हर साल के गर्मी मौसम में बर्फ़ीले पहाड़ पार कर सामानों का परिवहन करना पड़ा था , और सर्दी के मौसम में जब रास्ता भारी बर्फबारी से बंद हुआ था , तब सामान भिन्न भिन्न गांवों में पहुंचाया गया । चांग यू ह्वेई दक्षिणी चीन के क्वांगतुंग प्रांत से तिब्बत में दो साल के लिए काम कर चुके हैं , उन्हें मोथो कांऊटी में पर्यटन का विकास करने का अपना सोच विचार है ।
"पर्यटन का विकास करने में पारिस्थितिकी के संरक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिये , प्राकृतिक वातावरण का प्रयोग करते समय इस की रक्षा की जानी चाहिये । यह कह सकते हैं कि मोथो काउंटी में पारिस्थितिकी का संरक्षण दुनिया में भी सबसे अच्छा है, इसलिए हमें प्राकृतिक संरक्षण करने के बाद इसका इस्तेमाल करना चाहिए । देखीय यारलुंगजांग्बो नदी का संरक्षण इतना अच्छा किया जा रहा है , जो मोथो कांऊटी के आर्थिक विकास के लिए काफी संसाधन तैयार करता है ।"