आली प्रिफैक्चर तिब्बत के सबसे पश्चिम में स्थित है, जो नेपाल और भारत से नज़दीक है। यहां की औसत ऊंचाई 4300 मीटर से अधिक है, सूखा और ठंडा है। साल में बहुत कम बारिश होती है। दिन और रात के तापमान में अंतर बहुत ज्यादा है, लेकिन हीटर की सुविधा नहीं है। यहां पूरे साल 9 महीने ठंड रहती है। डेंग युज्वान ने कहा:"यहां जुकाम होना बहुत भयानक बात है, लेकिन मुझे अकसर होता रहता है। यहां आसानी से जुकाम हो जाता है, क्योंकि यहां ठंड बहुत है और मौसम भी सूखा है, साथ ही ऑक्सीजन भी कम है। मैं एक हफ्ते में सिर्फ एक बार नहाती हूं, हर बार का 20 युआन लगता है। क्योंकि मैंने सुना कि नहाने से जुकाम होने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है। मैंने अपने लंबे बाल भी कटवा लिये हैं।"
डेंग युज्वान बहुत सुंदर लड़की है, हालांकि उसका चेहरा धूप की वजह से सांवला हो गया है, लेकिन उसकी त्वचा फिर भी अच्छी है, और आंखें भी स्वच्छ हैं। उसने कहा कि एक साल के बाद अब उसकी मां वीडियो में उसे पहचान नहींपाती है, क्योंकि वह बहुत सांवली हो गई है।
"जब मैं यहां आयी, तब मैंने यहां रहने के बारे में सोचा नहीं था। लेकिन एक सालबाद मेरा यहां रहने में मन लग गया औरअब लंबे समय तक रहना का मन करता है। मुझे यहां का काम बहुत पसंद है। अगर दो साल स्वयंसेवक बनने के बाद मैं परीक्षा में पास हो जाती हूं, तो मैं अवश्य ही यहां रह सकूंगी। यहां का माहौल बहुत शांत है और यहां के लोग बेहद व्यावहारिक तथा सरल हैं। परिदृश्य बहुत सुंदर है। यहां मैं मन चाहा काम कर सकती हूं।"
डेंग युज्वान चाहती है कि वह यहीं स्कूल में रहे। यहां के लोग उसके साथ बेटी जैसा व्यवहार करते हैं। स्कूल में कुल 23 टीचर है, जिनमें से 17 तिब्बती जाति के हैं। अधिकांश टीचरों की उम्र उसके मां-बाप जितनी है। रोज़ रात को वह अलग-अलग टीचर के घर खाना खाती है। वे सब उसे अपनी बेटी की तरह मानते हैं।